नफरत फैलाकर समाज को बांटने की भाजपा आरएसएस की पुरानी रणनीति: अखिलेश

भाजपा सरकार में जनता की तकलीफें घटने के बजाय बढ़ती गई है

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार के प्रदेश की सत्ता में पौने चार साल बीत रहे हैं पर जनता की तकलीफें घटने के बजाय बढ़ती गई है। अर्थव्यवस्था खराब दौर से गुजर रही है। महंगाई और भ्रष्टाचार चरम पर है। काला बाजारियों और जमाखोरों पर कोई अंकुश नहीं है। कानून व्यवस्था चौपट है। बर्बादी के इन बुरे दिनों में भी भाजपा सरकार को बस दो ही बातें सूझ रही है।
‘राम नाम सत्य‘ करो या फिर ‘जिहाद‘ बोल दो। अखिलेश यादव ने कहा कि चाहे कर्ज के बोझ तले दबकर किसान का दम निकल जाए। बेकारी से परेशान नौजवान फांसी पर लटक जाए। बीमारी से किसी की सांस अटक जाए। बच्चियां अपनी लाज बचाने को जहर खा लें। मंहगाई की मार से कोई सपरिवार आत्महत्या कर ले। इस सबसे भाजपा सरकार और माननीय मुख्यमंत्री को इससे कोई फर्क नहीं पडऩे वाला है। उनको हर मसले के हल का एक ही बीजमंत्र याद है ‘राम नाम सत्य‘कर दो। सपा प्रमुख ने कहा कि जो सरकार चारों पहर ‘राम नाम सत्य‘ का जाप करती हो वह किसी के बारे में शुभ सोच ही नहीं सकती है। वैसे भी भाजपा नेतृत्व को विकास के बारे में सोचने, जनहित की योजनाएं लाने और गरीब को राहत पहुंचाने के लिए समय ही नहीं है। इस भाजपा सरकार को अपने वादे भी याद नहीं है। किसानों को फसल की लागत का ड्ïयोढ़ा मूल्य देने, आय दोगनी करने, नौजवान को हर वर्ष नौकरियों का थोक तोहफा देने, व्यापारियों की मदद करने और हरेक के खाते में 15 लाख रुपए भेजने जैसी फरेबी बातें हवा में ही रह गई है।

एमएलसी चुनाव में अगर बिहार जैसी लूट न हुई तो सपा जीतेगी चुनाव

पूर्व मुख्यमंत्री एवं सपा प्रमुख ने कहा है कि भाजपा सरकार में सिर्फ भ्रष्टाचार का विकास हुआ है। इसके अलावा यूपी में कोई विकास नहीं किया गया है, थानों में जमकर लूट हो रही है। किसानों की आय दोगुनी करने का दावा करने वाली बीजेपी सरकार में धान को लूट लिया गया है। किसान परेशान है और आम जनता पर महंगाई और बेरोजगारी की मार है। कहा, सरकार ऐसे कानून बनाए, जिससे किसान को धान की सही कीमत मिल सके और आय दोगुनी हो सके। युवाओं को नौकरी व रोजगार मिल सके, बिजली बिल कम हो सके। अखिलेश यादव ने कहा, एमएलसी चुनाव में यदि बिहार जैसी लूट न हुई तो सपा चुनाव जीतेगी। लोकसभा के चुनाव में भी जबरदस्ती चुनाव जीता गया। रेड कार्ड जारी किए गए, लाठियां चलाई गईं। वह आगामी चुनाव में सपा गठबंधन की बात पर टाल गए। उन्होंने कहा कि इस बार छिबरामऊ में सबसे ज्यादा वोटों से सपा जीतेगी। कन्नौज की तीनों ही विधानसभा सीटों पर सपा का परचम लहराएगा।

जीरों टालरेंस की बात हवा हवाई निकली

अखिलेश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री जिहादी उन्माद फैलाकर फिर जनता को भटकाने की कोशिश में लग गए हैं। नफरत फैलाकर समाज को बांटने की भाजपा-आरएसएस की पुरानी रणनीति है। रोज नए-नए कड़े कानून अपनी अकर्मण्यता छिपाने के लिए ही लाए जा रहे हैं। सख्त बयान तो किसी मर्ज का इलाज नहीं है। वैसे भी कानून कड़ा या नरम नहीं होता है। उसका कैसे प्रयोग होता है। इस पर उसका प्रभावी या अप्रभावी होना निर्भर करता है। सपा प्रमुख ने कहा कि भाजपा सरकार बनते ही अपराध और भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरों टालरेंस की बात बड़े जोर शोर से की गई थी। वह तो कहीं साकार होती दिखी नहीं। जनता भी समझ गई है कि जुमलेबाजी और तुक्केबाजी वाली सरकार से उसका कोई भला होने वाला नहीं है। इसीलिए उसने भी सन् 2022 के आगामी विधानसभा चुनावों में इस नाकामयाब और नाकाबिल सरकार का ‘राम नाम सत्य‘ करने का इरादा कर लिया है।

10 दिसंबर तक हाथरस कांड की जांच पूरी होने की संभावना

सीबीआई ने पेश की जांच आख्या

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में सीबीआई ने हाथरस मामले में विवेचना की प्रगति आख्या रिपेार्ट पेश की। सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि 10 दिसंबर तक मामले की जांच पूरी होने की संभावना है। जांच में देरी इसलिए हो रही है क्योंकि फोरेंसिक रिपोर्ट आने में विलंब हो रहा है। जस्टिस पंकज मित्थल और जस्टिस राजन रॉय की पीठ के सामने सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने हाथरस के डीएम प्रवीण कुमार का मजबूती के साथ बचाव किया।
सरकार की ओर से वरिष्ठï वकील एसवी राजू व अपर महाधिवक्ता वीके साही ने कहा कि कुछ राजनीतिक दल डीएम को हटवाना चाहते हैं जबकि उन्होंने सभी निर्णय सदभावना में लिए थे। कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 16 दिसंबर की तिथि तय की है। सीबीआई के वकील अनुराग सिंह ने अब तक हुई जांच की जानकारी दी। जिलाधिकारी हाथरस प्रवीण कुमार की बाबत राज्य सरकार की ओर से कहा गया है कि पूरे मामले में उनका निर्णय सद्ïभावना पूर्ण रहा है। सरकार की ओर से यह दलील दी गई कि मृतका के परिवार ने भी जिलाधिकारी के खिलाफ कोई शिकायत नहीं की है और न ही मामले की जांच में जिलाधिकारी द्वारा किसी प्रकार के हस्तक्षेप की कोई बात सामने आई है।

यह है पूरा मामला

हाथरस जिले के चंदपा इलाके के बूलगढ़ी गांव में 14 सितंबर को चार लोगों ने कथित रूप से 19 साल की दलित लडक़ी से सामूहिक दुष्कर्म किया था। इस दौरान लडक़ी को गंभीर चोट आई थी। दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान 29 सितंबर को पीडि़ता की मौत हो गई थी। पीडि़ता की 30 सितंबर को रात के अंधेरे में उसके घर के पास ही अंत्येष्टि कर दी गई थी। आरोप है कि स्थानीय पुलिस ने जल्दबाजी में परिवार की इच्छा के बिना ही अंतिम संस्कार किया गया।

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