न हिन्दू, ना मुसलमान सिर्फ और सिर्फ जनता की ‘ममताÓ
- 292 में से 213 सीटों पर टीएमसी दर्ज कर चुकी है जीत
- यूपी के धुरंधर बहुत शान से गए थे पर जहां-जहां की रैली अधिकांश जगह हार गयी भाजपा
- यूपी में कहर ढा रहा था कोरोना और यूपी के नेता व्यस्त थे बंगाल के चुनाव में
- बंगाल की जनता ने ममता बनर्जी पर पूरी ममता लुटाई और उनको दिया प्रचंड बहुमत
4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। पश्चिम बंगाल के विधान सभा चुनाव में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस को प्रंचड बहुमत मिला है। इसके साथ ही भाजपा की बंगाल में धु्रवीकरण की नीति और सरकार बनाने का सपना भी चकनाचूर हो गया है। यूपी से कई दिग्गज नेता भी बहुत शान के साथ बंगाल में चुनाव प्रचार करने गए थे लेकिन इन दिग्गजों ने जहां-जहां रैलियां कीं अधिकांश जगहों पर भाजपा हार गई। यूपी के ये दिग्गज उस समय बंगाल के चुनाव प्रचार में व्यस्त थे जब यहां कोरोना कहर ढा रहा था और लोग ऑक्सीजन और दवाओं के लिए तड़प रहे थे। बंगाल में ममता ने एक बार फिर साबित कर दिया कि भाजपा उनके गढ़ में सेंध नहीं लगा सकती है। यहां उसकी हिंदू-मुस्लिम वाली ध्रुवीकरण की नीति नहीं चलेगी। यह बात वहां की जनता ने भी साबित कर दिया। बंगाल की जनता ने ममता बनर्जी पर पूरी ममता लुटाई और उनको प्रचंड बहुमत देकर एक बार फिर सरकार बनाने का मौका दिया। चुनाव के दौरान भाजपा ने आक्रामक प्रचार किया। पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक ने यहां कई रैलियां की। भाजपा ने हिंदू वोटों के धु्रवीकरण की तमाम कोशिशें भी कीं लेकिन वह सफल नहीं हो सकी। हैरानी की बात यह है कि उत्तर प्रदेश से गए भाजपा के तमाम दिग्गज नेताओं और मंत्रियों ने जहां-जहां रैलियां की वहां अधिकांश सीटों पर भाजपा को शिकस्त का सामना करना पड़ा। टीएमसी चुनाव में 294 में से 213 सीटों पर जीत दर्ज कर चुकी है।
आज पेश करेंगी सरकार बनाने का दावा
आज शाम सात बजे ममता बनर्जी राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगी। माना जा रहा है कि अगले एक दो दिन में ही सादा समारोह आयोजित कर ममता बनर्जी मुख्यमंत्री पद की शपथ ले लेंगी। सूत्रों का कहना है कि बंगाल में कोरोना के मामले लगातार बढ़ने के बाद पार्टी ने कोई बड़ा समारोह आयोजित न करने का फैसला लिया है।
राष्टï्रीय स्तर पर बढ़ा कद विपक्ष की बनीं आस
बंगाल में टीएमसी लगातार तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है। इस जीत ने ममता बनर्जी को एक गैर-भाजपा, गैर-कांग्रेस समूह में राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित कर दिया है। पूरे चुनाव में वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित भाजपा राष्ट्रीय नेताओं को चुनौती देती दिखीं। ममता बनर्जी ने खुद को बंगाल की बेटी के रूप में पेश किया और सत्ता विरोधी माहौल को कम करने में सफल रहीं। इस जीत के जरिये उन्होंने साबित कर दिया कि पार्टी के कद्दावर नेता भले ही उन्हें छोड़कर चले जाएं, उन पर कोई फर्क नहीं पड़ता है। कांग्रेस और राहुल गांधी के प्रति अनिच्छुक कई विपक्षी दल भी उन्हें भाजपा विरोधी राजनीति की धुरी के केंद्र के रूप में देख रहे हैं। अगले साल उत्तर प्रदेश और पंजाब में विधानसभा चुनाव होंगे और उसके बाद लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो जाएंगी। दीदी ने इसका संकेत भी दे दिया है। उन्होंने संकेत दे दिया कि अगर केंद्र सरकार सबको मुफ्त में वैक्सीन लगाने की घोषणा नहीं करेगी तो वे इसके खिलाफ आंदोलन करेंगी।