पाकिस्तान का बेसुरा राग, इमरान का भी फोन किया हैक
नई दिल्ली। इन दिनों पेगासस जासूसी कांड को लेकर भारतीय संसद से लेकर सडक़ तक काफी हंगामा हो रहा है। भारत में इजरायल की साइबर सुरक्षा कंपनी एनएसओ के स्पाइवेयर पेगासस से कई पत्रकारों, मंत्रियों और राजनेताओं के फोन पर जासूसी करने का दावा किया जा रहा है। इस बीच पाकिस्तान ने नया राग छेड़ दिया है। पाकिस्तान ने आरोप लगाया है कि भारत ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान का फोन हैक कर लिया। इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि वह इस मुद्दे को बड़े मंच पर उठाएंगे।
प्रधानमंत्री इमरान खान के फोन की भी चर्चा पाकिस्तान में हो रही है, कथित तौर पर इजरायली सॉफ्टवेयर पेगासस के जरिए जासूसी की जा रही है। अपनी नाकामी छिपाने के लिए पाकिस्तान भी भारत पर इसका दोष मढऩे की कोशिश कर रहा है।
पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने पाकिस्तानी अखबार डॉन से बात करते हुए इमरान खान के फोन की जासूसी के बारे में कहा, भारत ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का फोन टैपिंग की है। हम भारत द्वारा की गई हैकिंग के ब्योरे का इंतजार कर रहे हैं। एक बार पूरी जानकारी मिल जाने के बाद इस मुद्दे को उचित मंचों पर उठाया जाएगा ।
इससे पहले फवाद चौधरी ने ट्वीट कर चिंता जताई थी। फावद ने ट्वीट में लिखा, यह बेहद चिंता का विषय है। भारत सरकार ने कथित तौर पर पत्रकारों और राजनीतिक विरोधियों की जासूसी करने के लिए इजरायल से पेगासस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया है । मोदी सरकार की अनैतिक नीतियों ने भारत का धु्रवीकरण खतरनाक रूप में किया है।
गार्जियन और वाशिंगटन पोस्ट सहित 16 मीडिया संगठनों की संयुक्त जांच में पेगासस सॉफ्टवेयर से जासूसी का दावा किया गया है । दावा किया जा रहा है कि भारत में 300 वेरिफाइड मोबाइल नंबरों पर पेगासस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया गया। विपक्ष ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरा है, लेकिन यह पहला मौका नहीं है जब पेगासस सॉफ्टवेयर को लेकर हंगामा हुआ हो। दरअसल, 2019 के दौरान भी पेगासस सॉफ्टवेयर से जासूसी की बात हुई थी। उस समय पेगासस पर पूछे गए सवाल को लेकर कांग्रेस के दिग्गज नेता आनंद शर्मा और जयराम नरेश के बीच झड़प हो गई थी।
बता दें कि 2019 के दौरान भी वॉट्सऐप के जरिए पेगासस सॉफ्टवेयर इस्तेमाल किए जाने की खबर हेडलाइन्स में रही थी। उस समय कहा गया था कि सरकार ने इजरायल से हैकिंग सॉफ्टवेयर पेगासस खरीदा और करीब 100 मशहूर लोगों की इस पर जासूसी की गई। यह मामला प्रकाश में आते ही हंगामा मच गया और सरकार को बैक फुट पर देखा गया। उस समय संसद के दोनों सदनों में विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर सरकार को घेर लिया था।