पुलिस की भी होगी एंट्री सोचा न था राज ने

नई दिल्ली। राज कुंद्रा ने सपने में भी नहीं सोचा था कि उसे पोर्नोग्राफी मामले में गिरफ्तार किया जाएगा। बेखौफ होकर प्लान बी की तैयारी में व्यस्त था। एक मीडिया रिपोर्ट में इस पूरे घटनाक्रम का सिलसिलेवार ढंग से वर्णन किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार क्राइम ब्रांच के सूत्रों से राज कुंद्रा के ऑफिस में छापेमारी के पूरे क्रम के बारे में जानकारी हासिल कर उसकी गिरफ्तारी की जानकारी हासिल की । 4 फरवरी को पोर्नोग्राफी रैकेट का पर्दाफाश करते हुए मुंबई क्राइम ब्रांच की प्रॉपर्टी सेल ने कुल 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। कुछ दिनों की जांच के बाद इस मामले में 4 और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। मुंबई क्राइम ब्रांच की इस बड़ी कार्रवाई के एक हफ्ते बाद ही संदिग्ध कार मामले और मनसुख हिरेन मर्डर केस के बाद मुंबई पुलिस जांच के घेरे में आ गई।
इसके बाद तमाम गंभीर आरोपों और आरोप-प्रत्यारोप के बीच मुंबई पुलिस के मुखिया समेत क्राइम ब्रांच और सिटी पुलिस के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों का तबादला कर दिया गया। इस हंगामे के बीच पोर्नोग्राफी मामले की जांच आगे नहीं बढ़ सकी और प्रॉपर्टी सेल ने अप्रैल 2021 में अपनी चार्जशीट दाखिल की, जिसमें राज कुंद्रा का नाम नहीं था। आरोप पत्र दाखिल होने के बाद राज कुंद्रा को लगने लगा कि पोर्न रैकेट का मामला पूरी तरह निपट गया है और उन्होंने और उनकी टीम ने बिना किसी हिचकिचाहट के प्लान बी को अंजाम देने का काम शुरू कर दिया ।
लेकिन जब क्राइम ब्रांच में आए नए अफसरों ने जून माह में पुराने मामलों की स्काउटिंग शुरू की तो उन्हें पोर्नोग्राफी मामले की फाइल मिल गई। नए अफसरों ने जब फाइल में दस्तावेजों को बारीकी से पढ़ा तो उन्हें पोर्नोग्राफी मामले में राज कुंद्रा और उनकी कंपनी के शामिल होने के बारे में अहम सुराग मिले। इस दौरान उन्हें उमेश कामत और राज कुंद्रा के बीच हुई फाइल वाट्सएप चैट में भी मिली, जो यह बताने के लिए काफी थी कि राज कुंद्रा इस रैकेट का मास्टरमाइंड है। ये सुराग मिलने के बाद प्रॉपर्टी सेल की टीम ने इस केस पर काम करना शुरू किया और इस दौरान उन्हें राज कुंद्रा के खिलाफ कई अहम सबूत मिले।
19 जुलाई को राज कुंद्रा की गिरफ्तारी से एक सप्ताह पहले मुंबई पुलिस के शीर्ष अधिकारियों के बीच इस मामले में कैसे आगे बढऩा है, इस बारे में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई थी। इस बैठक में निर्णय लिया गया कि गिरफ्तारी वारंट सीधे लेने के बजाय राज कुंद्रा के घर व कार्यालय में तलाशी ली जाए और ठोस साक्ष्य मिलने के बाद कार्रवाई की जाए।
19 जुलाई को क्राइम ब्रांच की एक टीम सर्च वारंट जारी कराने के लिए कोर्ट जाती है और दूसरी टीम अंधेरी वेस्ट में स्टैंडबाय मोड पर इंतजार कर रही है । सर्च वारंट मिलते ही दोपहर करीब तीन बजे स्टैंडबाई टीम राज कुंद्रा की विआन कंपनी के दफ्तर की तलाशी शुरू कर दी। सर्च ऑपरेशन की जानकारी मिलने पर राज कुंद्रा अपने कार्यालय पहुंचते हैं। तलाशी के दौरान क्राइम ब्रांच की टीम को सर्वर से बड़ी संख्या में अश्लील वीडियो मिले। सर्च के दौरान सबसे चौंकाने वाली घटना यह है कि राज कुंद्रा ने रयान थोर्प को दूसरे सर्वर पर डाटा डिलीट करने का आदेश दिया। साथ में वे काफी डेटा भी डिलीट कर देते हैं।
क्राइम ब्रांच की टीम तुरंत इसके बारे में अपने आला अधिकारियों को सूचित करती है। आला अधिकारियों को शक होता है कि राज कुंद्रा की यह चाल हो सकती है इसलिए क्राइम ब्रांच तुरंत कुंद्रा और रियान को धारा 41ए के तहत नोटिस देती है। रयान उस नोटिस को लेता है, लेकिन कुंद्रा इसे लेने से इनकार कर दिया । कुछ घंटों के सर्च ऑपरेशन के बाद बिना कोई कारण बताए क्राइम ब्रांच की टीम उसे प्रॉपर्टी सेल के दफ्तर जाने को कहती है। राज कुंद्रा पुलिस की गाड़ी में आने से मना कर देता है और अपनी ही कार से आने को कहता है ।
वह रात करीब 8:00 बजे क्राइम ब्रांच ऑफिस पहुंचता है, क्योंकि क्राइम ब्रांच के पास पहले से ही इतने सबूत हैं कि 2 घंटे की पूछताछ के बाद कुंद्रा को गिरफ्तार कर लिया जाता है और फिर रियान को भी। कुंद्रा ने उनकी गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए चुनौती दी है कि क्राइम ब्रांच ने उन्हे नोटिस नहीं दिया है, जिस पर कोर्ट ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है।

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