प्रधानमंत्री मोदी का बयान नहीं भाया तालिबान को, पाकिस्तानी रेडियो पर जता रहा एतराज
नई दिल्ली। तालिबान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है। दरअसल, कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था, आतंक के आधार पर साम्राज्य बनाने का विचार है, यह कुछ समय के लिए हावी हो सकता है, लेकिन इसका अस्तित्व कभी स्थायी नहीं होता है। पीएम मोदी ने गुजरात के सोमनाथ में कई परियोजनाओं का उद्घाटन करते हुए आतंक की ताकत का जिक्र किया था अब तालिबान ने इस बयान के आधार पर अपनी टिप्पणी दी।
रेडियो पाकिस्तान को दिए एक साक्षात्कार में, तालिबान के वरिष्ठ नेता शहाबुद्दीन दिलावर ने कहा कि भारत को जल्द ही पता चल जाएगा कि तालिबान अपनी सरकार को सुचारू रूप से चला सकता है। जब से तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा किया है तब से भारत-अफगानिस्तान संबंधों पर गर्मागर्म बहस चल रही है। भारत के अफगानिस्तान के साथ पिछले 20 वर्षों से अच्छे संबंध रहे हैं। भारत ने भी अफगानिस्तान के विकास में भारी निवेश किया है। लेकिन 15 अगस्त को काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद से इस रिश्ते पर ग्रहण लग रहा है।
अफगानिस्तान को लेकर भारत की दुविधा कई तरह की है। तालिबान को मान्यता के खतरे से लेकर सुरक्षा चिंताओं तक, साथ ही साथ बड़े पैमाने की परियोजनाओं के भविष्य को लेकर भारत इस मसले पर संजीददा है। तालिबान पाकिस्तान का अच्छा दोस्त है और पाकिस्तान भारत का दुश्मन। पाकिस्तान पहले भी भारत के खिलाफ तालिबान का इस्तेमाल करता रहा है। तालिबान नेता शहाबुद्दीन दिलावर ने भी कहा कि पाकिस्तान उनका पड़ोसी और मित्र देश है।
दिलावर ने पाकिस्तान को इस बात के लिए धन्यवाद दिया कि उसने 30 लाख से अधिक अफगान शरणार्थियों को शरण दी है। शहाबुद्दीन दिलावर ने कहा कि वह शरणार्थियों के कल्याण के लिए पाकिस्तान की सेवाओं के लिए धन्यवाद देते हैं। उन्होंने कहा कि वह आपसी सम्मान के आधार पर सभी देशों के साथ शांतिपूर्ण संबंध चाहते हैं।
तालिबान यह दावा कर सकता है कि आने वाले दिनों में अफगानिस्तान में शासन सुचारू रूप से चलेगा, लेकिन जिस तरह से 26 अगस्त को काबुल हवाई अड्डे पर फिदायीन हमले में सैकड़ों लोगों की जान चली गई, उससे इस संदेह को बल मिलता है कि अब अफगानिस्तान में शांति का माहौल बनाना क्या आसान काम होगा।