मध्यप्रदेश में भाजपा ने तैयार किया मास्टर प्लान

नई दिल्ली। 2023 के चुनावी मोड में प्रवेश कर चुकी भाजपा ने अब कमलनाथ, दिग्विजय सिंह को घेरने का प्लान तैयार किया है। बीजेपी ने कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के गढ़ में कांग्रेस से पार्टी में स्विच करने वाले केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को मैदान में उतारने की तैयारी कर ली है। पार्टी ने केंद्रीय मंत्री का पद संभालने के बाद सिंधिया के राजकीय दौरे के लिए कार्यक्रम बनाने शुरू कर दिए हैं। इसी के तहत ज्योतिरादित्य सिंधिया 18 अगस्त को छिंदवाड़ा, गुना और राजगढ़ पहुंचेंगे। यहां सिंधिया पार्टी के कार्यक्रमों में शामिल होंगे।
दरअसल, ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में रहते हुए ग्वालियर चंबल के अलावा मालवा तक ही सीमित थे, जबकि राजगढ़ में दिग्विजय सिंह और कमलनाथ गुट के महाकौशल, छिंदवाड़ा में हावी रहे। यही कारण है कि 2008 के चुनावी माहौल में सिंधिया ने छिंदवाड़ा में कांग्रेस के पक्ष में प्रचार किया। अब 13 साल बाद सिंधिया एक बार फिर छिंदवाड़ा की ओर बढ़ेंगे, लेकिन इस बार वह कांग्रेस के बैनर तले नहीं, बल्कि छिंदवाड़ा में भाजपा का झंडा बुलंद करेंगे।
सिंधिया समर्थक और प्रदेश सरकार के मंत्री रहे बृजेंद्र सिंह यादव का कहना है कि कांग्रेस में गुटबाजी है। कांग्रेस गुटों में बंटी पार्टी है। कांग्रेस पहले कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और सिंधिया के गुटों में बंटी हुई थी। जबकि, भाजपा और पार्टी नेताओं के प्रदेश भर में दौरे में कोई गुटबाजी नहीं है और पार्टी को मजबूत करने का काम करते हैं। यही कारण है कि अब ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर चंबल क्षेत्र के नेता ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश और देश के नेता हैं। ऐसी स्थिति में यदि पार्टी उन्हें छिंदवाड़ा और राजगढ़ भेजती है तो पार्टी का कार्यकर्ता होने के नाते वह इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाएंगे।
कांग्रेस ने बीजेपी के इस प्लान पर निशाना साधा है। पूर्व मंत्री प्रियव्रत सिंह ने कहा है कि सिंधिया 2019 का लोकसभा चुनाव हार गए थे और छिंदवाड़ा में नकुल नाथ कांग्रेस के टिकट पर जीते हैं। ऐसी स्थिति में सिंधिया को जीतने वाले सांसद के खिलाफ फील्डिंग करने से बीजेपी को कोई फायदा नहीं होने वाला है।

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