मुकुल रॉय ने की घर वापसी

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में हार के बाद बीजेपी को एक और झटका लगा है। कृष्णानगर दक्षिण से विधायक मुकुल रॉय अब फिर से टीएमसी में शामिल हो गए हैं। शुक्रवार दोपहर मुकुल रॉय टीएमसी कार्यालय पहुंचे और पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। इससे पहले उन्होंने पार्टी मुख्यालय में ममता बनर्जी और अन्य नेताओं के साथ बंद दरवाजे के पार बैठक की।
मुकुल राय की रवानगी से भाजपा के लिए बड़ा नुकसान होना बताया जा रहा है। दरअसल, 2017 के बाद टीएमसी के दिग्गजों को बीजेपी में लाने में उनकी अहम भूमिका रही है। अब मुकुल रॉय के लौटने के बाद उनके करीबी और समर्थकों के भी टीएमसी में जाने की बात मानी जा रही है।
कहा जा रहा है कि मुकुल रॉय लंबे समय से बीजेपी में उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। इस साल हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में कृष्णानगर दक्षिण से जीतने के बाद मुकुल रॉय की टीएमसी में वापसी की अटकलें लगाई जा रही थीं। इसके पीछे कारण यह भी बताया गया कि बंगाल में विपक्ष के नेता होने के नाते उनका नाम नहीं भेजा गया और कमान सुवेन्दू अधिकारी को सौंपी गई।
हालांकि तब मुकुल रॉय ने टीएमसी में जाने की अटकलों को खारिज कर दिया था। खुद को भाजपा का सिपाही बताते हुए उन्होंने ट्वीट किया था, भाजपा का सिपाही होने के नाते मेरी लड़ाई राज्य में लोकतंत्र स्थापित करने की रहेगी। मैं सभी से अपील करता हूं कि ऐसी अफवाहों को खत्म करें। मैं अपने राजनीतिक रास्ते के बारे में दृढ़ संकल्पित हूं ।
इसके बाद बीते दिनों टीएमसी ने मुकुल रॉय की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाया। उनकी बानगी तब देखने को मिली जब टीएमसी में नंबर 2 के नेता और ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी मुकुल रॉय की अस्पताल में भर्ती पत्नी की तबियत का हाल जानने के लिए पहुंचे थे। इसके तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद मुकुल रॉय को फोन कर उनकी बीमार पत्नी की हालत जानी और इस बहाने स्थिति को सामान्य करने की कोशिश की।
मुकुल रॉय के बेटे शुभ्रांशु रॉय ने भी फेसबुक पर एक पोस्ट के जरिए ममता सरकार की आलोचना करने वालों को सलाह दी थी। उन्होंने कहा था कि सरकार की आलोचना करने वालों को जो जनता के समर्थन से सत्ता में आए, उन्हें पहले अपने भीतर देखना चाहिए।
हाल ही में कोलकाता में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष द्वारा बुलाई गई बैठक से मुकुल राय भी नदारद थे। कहा गया कि मुकुल राय को अंतिम समय में बैठक की जानकारी दी गई। दूसरी ओर बीजेपी की ओर से कहा गया कि मुकुल रॉय पोस्ट कोविड की शिकायतों के कारण अलग-थलग हैं, इसलिए बैठक में शामिल नहीं हुए।
मुकुल रॉय टीएमसी छोडऩे वाले पहले नेताओं में से एक थे। 2017 में वह टीएमसी छोडक़र बीजेपी में शामिल हो गए और उसके बाद उन्हें बीजेपी में शामिल होने के लिए टीएमसी के कई बड़े नेता मिले। मुकुल रॉय का दर्जा टीएमसी सरकार में नंबर 2 नेता के रूप में था। वह यूपीए द्वितीय सरकार में रेल मंत्री भी रह चुके हैं। इसके अलावा नारद और शारदा घोटाले में भी उनका नाम सामने आ चुका है।

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