मेवों के दामों में त्योहारी सीजन में आई भारी गिरावट

नई दिल्ली। दिवाली से पहले आम आदमी के लिए अच्छी खबर आ गई है. बादाम समेत कई ड्राई फू्रटस की कीमतों में भारी कमी आई है. बादाम की कीमत घटकर आधी हो गई है.
काजू-बादाम हो या किशमिश और अखरोट, हर तरह के मेवों के दाम कम हो गए हैं. व्यापारियों का कहना है कि दिवाली के मौके पर मांग बढऩे के कारण कीमतों में तेज उछाल देखने को मिलता था लेकिन इस बार ऐसा नहीं है. बादाम के दाम 1100 रुपये प्रति किलो से घटकर 600 रुपये प्रति किलो हो गए हैं. इसके साथ ही काजू के दाम में भी गिरावट आई है.
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार देश के सबसे बड़े ड्राई फू्रट मार्केट खरी बावली के व्यापारी रवि बत्रा ने मीडिया को बताया कि अफगानिस्तान मामले की वजह से कीमतें बढ़ गई हैं. यही कारण है कि कीमत में तेजी से कमी आई है. अगले कुछ दिनों में नई फसल के आने से भावों में ज्यादा दबाव देखने को मिलेगा.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक खारी बावली के व्यापारियों ने बताया कि बादाम की कीमत 1100 रुपये से घटकर 680 रुपये प्रति किलो हो गई है. इसके साथ ही कैलिफोर्निया बादाम की कीमत 1120 रुपये से गिरकर 660 रुपये हो गई है.
इसी तरह ऑस्ट्रेलियन बादाम के दाम 1140 रुपये से गिरकर 680 रुपये प्रति किलोग्राम हो गए हैं. ईरान से आने वाले बादाम मैम राज के दाम भी गिर गए हैं.
अफगानिस्तान से आए बादाम की कीमत 1190 रुपये से घटकर 600-700 रुपये प्रति किलो हो गई है. इसके साथ ही काजू की कीमत 1000 रुपये से घटकर 800 रुपये प्रति किलो हो गई है. अखरोट की कीमत 1000 रुपये प्रति किलो से गिरकर 800 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है.
व्यापारियों का कहना है कि बादाम लंबे समय तक अपने दम पर सूखता है. जब बादाम काटा जाता है तो वे गीले रहते हैं और तेल की मात्रा अधिक होती है और फिर सूख जाती है.
उन बादाम के लिए जो सूख जाते हैं, कहा जाता है कि उनसे तेल निकाला गया है। इसके अलावा यह हर बादाम की वैरायटी पर भी निर्भर करता है.
उदाहरण के तौर पर बादाम भारत में तीन से ज्यादा जगह से आते हैं, जिसमें अफगानिस्तान पहले नंबर पर है, जहां से गुरवंती गिरी के बादाम आते हैं, जो क्वॉलिटी में अच्छे होते हैं और तेल की मात्रा ज्यादा होने के कारण ये काफी महंगे बिक जाते हैं.
इसके अलावा माजरा गिरी बादाम ईरान से आते हैं, जो थोड़े सस्ते और जल्दी ही सूख जाते हैं. इसके अलावा कैलिफोर्निया बादाम भी आते हैं, वे उनसे अलग होते हैं. ऐसी स्थिति में वैरायटी आदि के आधार पर भी वैरायटी निर्भर करती है और उनके हिसाब से रेट तय होता है.
इसके अलावा दिवाली के बाद सर्दियों में बादाम की नई पैदावार होती है और इस समय बादाम बहुत अच्छे होते हैं, इसलिए इस समय ये काफी महंगे होते हैं और फिर बादाम सूखने के बाद ये रेट कम हो जाते हैं.

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