यूपी विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस का बड़ा दांव, चन्नी पंजाब के पहले दलित मुख्यमंत्री
- सवाल- 2022 में यूपी में क्या दलित चेहरा होगा उम्मीदवार
- पंजाब सरकार में दो उप-मुख्यमंत्री बनने की भी चर्चाएं
लखनऊ। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस ने बड़ा दांव चला और एक दलित मुख्यमंत्री बना दिया। पंजाब के इतिहास में पहली बार कोई दलित मुख्यमंत्री बना है। पंजाब में दलित मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के शपथ लेते ही यूपी की सियासत गर्मा गई है। आम आदमी पार्टी, सपा और बसपा ने कांग्रेस पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि इस पार्टी की यह रणनीति उत्तर प्रदेश में नहीं चलेगी। इस नेशनल पार्टी को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का भी फायदा यूपी में नहीं मिलेगा। दरअसल, पंजाब में लंबे वक्त से जारी सियासी उठापटक के बीच चरणजीत सिंह चन्नी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब के पहले दलित मुख्यमंत्री बने हैं। शनिवार को कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस पार्टी ने चौंकाने वाला फैसला लेते हुए चन्नी के नाम पर मुहर लगाई। चंडीगढ़ स्थित राजभवन में आज चरणजीत सिंह चन्नी के अलावा सुखजिंदर सिंह रंधावा और ओपी सोनी ने भी मंत्री पद के तौर पर शपथ ली। दोनों को पंजाब सरकार में उप-मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। शपथ ग्रहण के दौरान कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ समेत अन्य बड़े नेता मौजूद रहे। शपथ से पहले पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने बयान दिया कि पार्टी साल 2022 का विधानसभा चुनाव नवजोत सिंह सिद्धू और पंजाब कैबिनेट की अगुवाई में लड़ेगी। इसके बाद सुनील जाखड़ ने इस बयान पर आपत्ति जताई और कहा कि इससे मुख्यमंत्री की छवि कमजोर प्रकट होती है। पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी शपथ ग्रहण के दौरान मौजूद नहीं रहे, ऐसे में उनके आगे के कदम पर हर किसी की नजर टिकी है।
कांग्रेस से सावधान रहे दलित समाज : मायावती
पंजाब में शिरोमणि अकाली दल के साथ गठबंधन कर मैदान में उतरने की तैयारी में लगीं मायावती ने पंजाब में मुख्यमंत्री बदलने के कांग्रेस के निर्णय को चुनावी हथकंडा बताया है। बसपा प्रमुख ने कहा विधानसभा चुनाव के समय पंजाब में मुख्यमंत्री बदलना कांग्रेस का चुनावी हथकंडा है। उन्होंने कहा कांग्रेस पार्टी को अभी भी दलितों पर भरोसा नहीं है। कांग्रेस को तो सिर्फ मुसीबत में ही दलित याद आते हैं। पंजाब में कांग्रेस मुश्किल में फंसी तो दलित को मुख्यमंत्री बना दिया गया। इसी कारण पंजाब के दलितों को कांग्रेस से सावधान रहना चाहिए। इससे पहले मायावती ने पंजाब के नए मुख्यमंत्री को चरणजीत सिंह चन्नी को बधाई भी दी।
2022 में केशव प्रसाद मौर्य का क्या होगा!
पंजाब में दलित सीएम बनने के बाद यूपी की राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि भाजपा यूपी में अगर योगी के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी तो केशव प्रसाद मौर्य का क्या होगा। 2017 में केशव प्रसाद मौर्य ने जिस पार्टी को सींचा, अथक मेहनत की, उसे सत्ता तक पहुंचाया, मगर उन्हें डिप्टी सीएम के पद से ही संतोष करना पड़ा। भाजपा नेताओं ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि भाजपा भी केशव प्रसाद मौर्य के नाम पर सीएम की मुहर लगाए तभी 2022 में सफलता मिलेगी। क्योंकि कोरोना कुप्रबंधन के नाम पर जनता में वर्तमान मुख्यमंत्री को लेकर भारी नाराजगी है।
आम आदमी पार्टी व भाजपा का वोट काटने के लिए बिजली बिल माफी का ऐलान
आम आदमी पार्टी व भाजपा का वोट काटने के लिए पंजाब के नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने शपथ लेने के तुरंत बाद अपनी पहली पीसी में कहा जिसके घर में छत नहीं थी, उसे आज मुख्यमंत्री बना दिया गया। चन्नी बोले, वह केंद्र सरकार से अपील करेंगे कि तीनों कृषि कानूनों को तुरंत वापस लिए जाएं। बोले कि अगर किसानों पर किसी तरह की आंच आई तो वह अपनी गर्दन पेश कर देंगे। चरणजीत सिंह चन्नी ने ऐलान किया कि सभी गरीबों के बिल माफ किए जाएंगे, कैबिनेट में इस फैसले को पास कर दिया जाएगा। हर किसी का पुराना बिल माफ कर दिया जाएगा। आगे कहा कि जिन किसानों के बिजली बिल कटे हुए हैं, उनके सभी कनेक्शनों को बहाल कर दिया जाएगा।
दलित सीएम बना देने के बाद भी कांग्रेस की सरकार सत्ता में नहीं लौटेगी। आम आदमी पार्टी को पंजाब में कोई नुकसान नहीं होगा। पार्टी की सीटें अगले चुनाव में और बढ़ेगी क्योंकि आप मुद्ïदों पर राजनीति करती है। बिजली, पानी, सड़क, शिक्षा आदि मुद्ïदों पर यूपी में भी चुनाव लड़ा जाएगा। यहां से भाजपा व पंजाब से कांग्रेस की विदाई तय है।
सभाजीत सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, आम आदमी पार्टी
हमारी पार्टी ने पंजाब में दलित सीएम बनाकर यह बता दिया है कि वह भाजपा की तरह नहीं है कि मेहनत कोई करें और मुख्यमंत्री कोई और बने। कांग्रेस में सबका सम्मान है हर वर्ग का सम्मान। भाजपा को केशव प्रसाद मौर्य को यूपी का अगला सीएम घोषित करना चाहिए।
शुचि विश्वास, प्रदेश प्रवक्ता कांग्रेस
समाजवादी पार्टी दलितों के नाम पर राजनीति नहीं करती है। बसपा, कांग्रेस व भाजपा से दलित खासे नाराज है और अगले चुनाव में दलित, व ओबीसी समाज सपा के साथ है। 2022 में बाइसकिल का आना तय है।
अम्ब्रीश सिंह पुष्कर, विधायक सपा