शाह फिर अस्पताल में भर्ती योगी सरकार के एक और मंत्री कोरोना की चपेट में

  • थकान और शरीर दर्द की शिकायत पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह एम्स में भर्ती
  • पिछले दिनों दी थी कोरोना को मात, यूपी के स्वास्थ्य राज्यमंत्री अतुल गर्ग पॉजिटिव

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स)में भर्ती कराया गया। वे थकान और शरीर दर्द महसूस कर रहे थे। उनकी हालत स्थिर है। पिछले दिनों शाह कोरोना से स्वस्थ होकर घर लौटे थे और उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी। वहीं उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के स्वास्थ्य राज्यमंत्री अतुल गर्ग की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। उन्हें घर में ही आइसोलेट किया गया है।
बताया जा रहा है कोरोना से ठीक होने के बाद अमित शाह को अपने शरीर में कई तरह के प्रभाव दिख रहे थे। कुछ दिनों से उनके बदन में दर्द था। इसके बाद उन्हें कल रात एम्स में भर्ती कराया गया। केंद्रीय गृहमंत्री इसी महीने की दो तारीख को कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए थे। उन्होंने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी थी। इसके बाद 14 अगस्त को अमित शाह की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आ गई थी। तब उन्होंने इलाज कर रहे मेदांता अस्पताल के सभी डॉक्टर्स व पैरामेडिकल स्टाफ का आभार व्यक्त किया था। एम्स निदेशक रणदीप गुलेरिया के नेतृत्व में डॉक्टरों की एक टीम उनकी निगरानी कर रही है। मीडिया और प्रोटोकॉल डिविजन के चेयरपर्सन डॉक्टर प्रोफेसर आरती विज ने एक प्रेस विज्ञप्ति के जरिए बताया कि बीते 3-4 दिनों से अमित शाह को शरीर दर्द और थकान की शिकायत थी। वह कोविड-19 की जांच में निगेटिव पाए गए हैं। उन्हें एम्स के पोस्ट कोविड केयर में भर्ती कराया गया है। वह ठीक हैं और अस्पताल से अपना काम कर रहे हैं। वहीं योगी सरकार के स्वास्थ्य राज्यमंत्री अतुल गर्ग की एंटीजन टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसके बाद उन्हें गाजियाबाद स्थित निवास पर आइसोलेट किया गया है। अतुल गर्ग को मिलाकर अब तक कुल 9 मंत्री कोरोना पॉजिटिव पाए जा चुके हैं जबकि दो कैबिनेट मंत्रियों की कोरोना संक्रमण की वजह से मौत हो चुकी है।

२ कैबिनेट मंत्रियों की हो चुकी है मौत
कोरोना संक्रमण की वजह से यूपी के दो कैबिनेट मंत्री कमल रानी वरुण और चेतन चौहान की मृत्यु हो चुकी है। मंत्री कमल रानी वरुण की लखनऊ के पीजीआई में मौत हो गई थी जबकि चेतन चौहान ने गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली थी।

३-४ दिनों से अमित शाह को शरीर दर्द और थकान की थी शिकायत
संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 27 लाख के पार

नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों में पिछले दिनों से थोड़ी कमी आई है। आज 55,078 नए मामले सामने आए। वहीं, संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 27 लाख के पार पहुंच गया है लेकिनअच्छी बात यह है कि संक्रमण से स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या साढ़े 19 लाख से ज्यादा हो गई है और जांच में तेजी आई है। पिछले 24 घंटे में 876 लोगों की मौत होने से मृतकों की संख्या बढक़र 51,797 हो गई है। देश में संक्रमण के मामले बढक़र 27,02,742 हो गए हैं, जिनमें से 6,73,166 लोगों का उपचार चल रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक मरीजों के स्वस्थ होने की दर बढक़र 73.18 फीसदी हो गई है जबकि मृत्यु दर में गिरावट आई है और यह 1.92 फीसदी है।

फीस माफी को लेकर विधान सभा के सामने वकीलों का प्रदर्शन

  • सेंट्रल बार एसोसिएशन के आह्वïान पर सडक़ पर उतरे अधिवक्ता
  • पुलिस फोर्स ने संभाला मोर्चा, की घेरेबंदी

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। फीस माफी को लेकर आज सेंट्रल बार एसोसिएशन के आह्वïान पर अधिवक्ताओं ने विधानसभा और लोकभवन के सामने जमकर प्रदर्शन और नारेबाजी की। अधिवक्ताओं ने सरकार से फीस माफी की मांग की। प्रदर्शन को देखते हुए मौके पर भारी संख्या में पुलिस फोर्स लगाई गई है।
सेंट्रल बार एसोसिएशन के महासचिव संजीव पांडेय ने कहा कि कोरोना काल में अभिभावक बुरे आर्थिक दौर से गुजर रहे हैं इसलिए सरकार बच्चों की फीस माफ करे। चौबीस घंटे बीत जाने के बाद भी सरकार ने इस मामले पर कोई फैसला नहीं लिया। फीस माफी को लेकर सेंट्रल बार एसोसिएशन के आह्वïान पर अधिवक्ताओं ने विधान सभा के सामने प्रदर्शन किया। भीड़ को देखते हुए पुलिस बल मौके पर पहुंच गई है। पूरे क्षेत्र की घेरेबंदी कर दी गई है। विधान सभा के आसपास के इलाके को चारों ओर से सील कर दिया गया है। गौरतलब है कि सोमवार को सेंट्रल बार एसोसिएशन और पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय से हुई बैठक में किसी भी प्रदर्शन के लिए साफ मनाही की गई थी। बावजूद इसके वकील भारी संख्या में विधान सभा पहुंचे।

पीएम केयर्स फंड को एनडीआरएफ में ट्रांसफर करने की मांग खारिज

  • सुप्रीम कोर्ट ने ठुकराई याचिका, कहा दोनों फंड अलग

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने पीएम केयर्स फंड को एनडीआरएफ में ट्रांसफर करने की मांग खारिज कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि पीएम केयर्स फंड भी चैरिटी फंड ही है। लिहाज़ा रकम ट्रांसफर करने की जरूरत नहीं। पीएम केयर्स फंड और एनडीआरएफ दो अलग-अलग फंड हैं इसलिए कोई भी व्यक्ति या संस्था दोनों जगह दान कर सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एनडीआरएफ कोरोना संकट से निपटने के लिए पर्याप्त है। किसी नए एक्शन प्लान और न्यूनतम मानकों को अलग करने की आवश्यकता नहीं है। याचिकाकर्ता एनजीओ, सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (सीपीआईएल) ने दावा किया था कि डीएम एक्ट के तहत कानूनी आदेश का उल्लंघन करते हुए पीएम केयर्स फंड बनाया गया था। डीएम एक्ट के मुताबिक आपदा प्रबंधन के लिए किसी भी व्यक्ति या संस्था द्वारा दिया गया कोई भी अनुदान अनिवार्य रूप से एनडीआरएफ को ट्रांसफर किया जाना चाहिए। केंद्र सरकार ने 8 जुलाई को शीर्ष अदालत के समक्ष दायर अपने हलफनामे में इस तर्क को खारिज कर दिया था। सरकार ने कहा था कि पीएम केयर्स फंड राहत कार्य करने के लिए स्थापित एक कोष है और अतीत में इस तर्ज पर कई ऐसे कोष बनाए जा चुके हैं।

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