सरकार की तरकीब, विपक्ष से निपटना है तो लगा दो सीबीआई

  • जब-जब चुनाव आता है तब-तब सीबीआई सरकार की मदद करने आ जाती है

4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। जब-जब चुनाव आता है तब-तब सीबीआई सरकार की मदद करने आ जाती है। क्या यूपी में भी सीबीआई के छापे इसी रणनीति का हिस्सा है। ये महत्वपूर्ण बातें निकलकर सामने आईं देश के जाने-माने पत्रकार दीपक शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार और समीक्षक अभिषेक कुमार, वरिष्ठ पत्रकार ममता त्रिपाठी व 4पीएम के संपादक संजय शर्मा के साथ एक लंबी परिचर्चा में। परिचर्चा में दीपक शर्मा ने कहा, मुझे जहां तक लगता है रिवर फ्रंट का ये पुराना मामला है। जो उस समय अधिकारी थे, आज वो योगीजी के खास हो गए। जांच तो होनी ही थी पर चुनाव से पहले यह तो राजनीति का हिस्सा है। उन्होंने कहा, शायद यूपी चुनाव से पहले अमित शाह का अल्टीमेटम है कि अभी आप सड़कों पर मत आइए। अखिलेश तुम जुलाई से प्रचार शुरू करोगे तो हम जुलाई से जांच बिठा देंगे। मोदी और शाह के पास किस्म-किस्म के तोते हैं, जो अलग-अलग पिजरे में बंद है। ईडी, इनकम टैक्स, एनआईए, सीबीआई। इन चारों का इस्तेमाल चुनाव से पहले क्षेत्रीय राजनीति में होना तय है, तभी इसका फायदा भाजपा को मिलेगा।

ममता त्रिपाठी ने कहा, राजनीति में बने रहना है तो अखिलेश को जनांदोलन करना पड़ेगा। बंगाल में ममता बनर्जी के पीछे जिस तरह से सीबीआई पड़ी। आप देखिए टूटी टांग से सबको मात दे दी जबकि अखिलेश के पास तो दोनों टांग सलामत है। ऐसे में वे सीबीआई जैसी जांच से नहीं डरते हैं। बल्कि अगले चुनाव में वे भाजपा को पटखनी भी दे सकते हैं। सीबीआई जांच केंद्र का बड़ा हथियार है। हर चुनाव में इसका फायदा भी उठाती हैं सरकारें। कांग्रेस हो या भाजपा सभी ने इसका इस्तेमाल किया है। मायावती ने भी ऐसी जांचों से बचनों के लिए वर्तमान में भाजपा के सामने एक तरीके से सरेंडर कर दिया है। अभिषेक कुमार ने कहा, जिसको निपटाना है उसके खिलाफ सीबीआई लगा दो। अरे, पिजरा बंद तोता कब तक चुनावी हथियार बनेगा। राजनीति करने वाले जांचों से नहीं, बल्कि जनता से डरते हैं जो हिम्मत दिखाता है, जनता उसके साथ रहती है। उन्होंने कहा, अयोध्या विध्वंस मामले में 30 मई को लालकृष्ण आडवाणी व मुरली मनोहर जोशी के खिलाफ चार्जशीट फाइल हो जाती है तो बहुत से ऐसे उदाहरण है। राजनीतिक लोग सब जानते हैं कब किन जांचों का इस्तेमाल करना है।

यूपी में महिलाओं का घर से बाहर निकलना मुश्किल

  • इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चेन छिनैती की घटनाओं पर जताई चिंता

4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चेन छिनैती के एक आरोपी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया। इस दौरान अदालत ने कहा कि चेन छिनैती की बढ़ती घटनाएं गंभीर चिंता का विषय है और इस घटना के भय से कई महिलाएं घर से बाहर निकलने से परहेज करती हैं। अदालत ने कहा, यहां तक कि चेन छिनैती करने वाले लोग महिलाओं को निशाना बनाने के लिए निरंतर शहर में घूम रहे हैं, जिससे महिलाओं में डर पैदा हो गया है और उन्होंने सोने के आभूषण पहनना बंद कर दिया है। अदालत ने कहा इस तरह की घटनाओं को गंभीरता से लेने की जरूरत है, जिससे अपराधियों में मन में भय पैदा हो और महिलाएं खुद को सुरक्षित महसूस करें। क्योंकि ऐसी घटनाएं ना केवल आतंक पैदा करती हैं, बल्कि महिलाओं को घर से बाहर निकलने से रोकती हैं। न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने कानपुर नगर के अमित नाम के व्यक्ति की जमानत याचिका 29 जून को खारिज करते हुए कहा, निसंदेह आरोपी के अधिकार महत्वपूर्ण हैं, लेकिन साथ ही समाज को सही संदेश भेजना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। अपराधी को अनुचित सहानुभूति से न्याय व्यवस्था को अधिक नुकसान होगा।

युवती ने लगाया था चेन छिनैती का आरोप

इस मामले में शिकायतकर्ता पुष्पा देवी ने चार अक्टूबर 2020 को कानपुर नगर के पनकी थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी और दो अज्ञात लोगों पर सोने की चेन छीनने का आरोप लगाया था। बाद में पुलिस ने अमित को उसके साथी के साथ गिरफ्तार किया और महिला से लूटी गई सोने की चेन बरामद की। याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि पुलिस ने उनके मुवक्किल को पकड़ने के बाद छह मामलों में उसे झूठा फंसा दिया।

प्रेमिका से बात करने से रोका तो बेटे ने पिता की त्रिशूल से कर दी हत्या

4पीएम न्यूज नेटवर्क. औरैया। औरैया में एक बेटे ने अपने ही पिता की त्रिशूल मारकर निर्मम हत्या कर दी। पिता का केवल इतना कसूर था कि उसने अपने बेटे के प्रेम-प्रसंग का विरोध किया था। घटना औरैया के अजीतमल कोतवाली में भीखेपुर की है। यहां अरविंद कुमार अपने परिवार के साथ रहते हैं। अरविन्द के बेटे शिवम का किसी लड़की के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा था। इसे लेकर पिता अरविंद विरोध करते थे। इसी बात से शिवम पिता अरविन्द से खफा चल रहा था। मंगलवार को प्रेमिका से बात करने से मना करने पर बेटे ने पिता की हत्या कर दी और फरार हो गया।

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