बीच चुनाव में महिलाओं के खाते में 10 हजार ने कर दिया कमाल, रुझाानों में नीतीश किंग मेकर,, उलट गया महागबंधन का गेम
दोस्तों बिहार में विधान सभा के चुनावों के रुझान में आखिरकार एक बार फिर से नीतीश कुमार ने सबको पटखनी देते हुए किंग मेकर बन गए हैं। और एक बार फिर से उनको सीएम बनने से कोई रोक नहीं सकता है।

4पीएम न्यूज नेटवर्क: दोस्तों बिहार में विधान सभा के चुनावों के रुझान में आखिरकार एक बार फिर से नीतीश कुमार ने सबको पटखनी देते हुए किंग मेकर बन गए हैं। और एक बार फिर से उनको सीएम बनने से कोई रोक नहीं सकता है।
इधर या उधर यानि कि एनडीए में या फिर इंडिया में लेकिन एक बात यह तय हो गई है कि सीएम नीतीश कुमार ही होंगे। आपको बता दें कि बहुत बड़ी खबर निकल कर सामने आई है कि नीतीश के सीएम बनने का ऐलान पटना के जदयू कार्यालय से हो गया है और इससे बाद न सिर्फ पटना से दिल्ली तक हड़कंप मचा है बल्कि नीतीश कुमार ने कुछ ऐसा कर दिया है कि अचानक बीच वोटिंग में चाणक्य जी को कमान संभालनी पड़ गई हैै और पीएम साहब और उनके चाणक्य जी को जोर का झटका लगा है। कैसे नीतीश कुमार किंग मेकर बने हैं और ऐसा बीच वोटिंग में क्या कर दिया है कि अचानक चाणक्य जी को कमान संभालनी पड़ी है, ये भयंकर खुलासा हम अपनी इस आठ मिनट की रिपोर्ट में आगे करने वाले हैं।
दोस्तों बिहार चुनाव का वोटिंग हो रही है और जो रुझाान आए हैं उसमें एनडीए को बहुत बड़ी जीत मिलती दिख रही है यानि कि तेजस्वी और राहुल गांधी की जोड़ी को करारी हार मिलती दिख रही है। आपको बात दें कि जब सारे एग्जिट पोल आए थे तो उसमें ही एनडीए को बहुत बड़ी बढ्त मिलती दिख रही है लेकिन क्योंकि ये इग्जैक्ट पोल नहीं थे इसकी महागठबंधन की जीत की गुंजाइशे भी बची हुई थी लेकिन जब सुबह वोटों की गिनती शुरु हुई तो एनडीए बैलेट की गिनती से जो रफ्तार पकड़ी वो लगातार बढ़ती हीे गई।
जैसे जैसे सूर्य की किरणों की रौशनी बढ़ती गई उसी स्पीड से एनडीए बड़ी बढ़त लेते दिखने लगा और ग्याहर बजे तक एनडीए ने महागठबंध की वापसी के सारी आस बंद कर दी। आपको बात दें कि इसमें सबसे तगड़ा गेम नीतीश कुमार की पार्टी का रहा है। पहले जहां एग्जिट पोल में दावा किया जा रहा था कि बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी होगी लेकिन रुझाानों में एक बार पूरी तरह से साफ होती दिख रही है कि नीतीश बाबू की पार्टी नंबर वन रहे। आपको बता दें कि जब जब खबर लिख रहेे है तो नीतीश कुमार की पार्टी 83 सीटों पर लीड करते हुए सबसे बड़ी पार्टी बन गई है।
हालांकि ये अभी रुझान है और सीटें घट बढ़ भी सकती है लेकिन एक बात शीशे की तरह साफ है कि जनता ने नीतीश को ही अपना सीएम नियुक्त किया है क्योंकि न बीजेपी से ज्यादा सीटें रुझाानों में दी है बल्कि इस बात पर भी मोहर लगा दी है कि बिहार में कुछ भी हो, सीएम तो नीतीश कुमार ही होेंगे। ऐसे में जदयू ने रुझानों के आते ही अपनी जुगलबंदी तेज कर दी है और ये बात बहुत हद तक साफ कर दिया है कि सीएम तो नीतीश कुमार ही होंगे।
आपको बता दें कि सिर्फ ये पोस्ट नहीं बल्कि एक तौर पर खुला ऐलान है कि नीतीश कुमार को जदयू ने बिना किसी मीटिंग और बैठक के सीएम घोषित कर दिया है। आपको बता दें कि ऐसे में इस पोस्ट को लेकर दिल्ली से पटना तक हड़कंप मच गया है और इस हडकंप ने न सिर्फ चाणक्य जी हड़बड़ा गए है बल्कि जन सुराज वाले प्रशांत किशोर ढूंढे नहीं मिल रहे है जो कल तक दावा करते थे कि नीतीश कुमार की सीटे 25 से ज्यादा नहीं आएंगी लेकिन फिलहाल नीतीश कुमार 101 सीटों में से 83 सीटों पर आगे चल रहे हैं यानि कि 85 प्रतिशत से ज्यादा सीटों को जीतनेे की स्थिति में आ गए हैं।
आपको बता दें कि एक ओर जहां नीतीश कुमार न सिर्फ बिहार चुनाव बल्कि एनडीए को लीड कर रहे हैं और जदयू उनको सीएम बनाने का ऐलान कर चुकी है तो वहीं दूसरी ओर नीतीश कुमार ने कुछ ऐसा संकेत दिया है जिसको लेकर हड़कंप मचा हुआ है। आपको बात दें कि नीतीश कुमार के इस संकेत ने साफ कर दिया है कि वो ही सीएम बनेंगे। नीतीश ने कौन सा ऐसा संकेत दिया है, ये फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक खबर कर रही है।
आपको बता दें कि एक तरह जहां एनडीए की बहुत बड़ी जीत होती दिख रही है तो वहीं दूसरी ओर मीडिया में ये खबरें भी शुरु हो गई हैं कि नीतीश कुमार क्या एक बार फिर से पलटी मार सकते हैं। हालांकि इसका आधार बहुत ही छोटा है क्योंकि आज बाल दिवस है और नीतीश कुमार ने देश के प्रथम प्रधान मंत्री को श्रद्धांजलि अर्पित की है और इसी को लेकर कयासो का दौर जारी है, हालांकि फिलहाल इस बात में कोई बहुत दम तो नहीं है लेकिन एक बात तो साफ है कि किंग मेकर नीतीश कुमार ही हैं और एक बार फिर से सीएम बनेंगे।
आपको बता दें कि ये बात पहले से तय थी और हम लोगों ने अपनी खबर में इस बात को साफतौर लिखा भी था कि ये चुनाव ऐसा है जो हर हाल में नीतीश कुमार को किंगमेकर बनाएगा और सरकार चाहे एनडीए की बने या फिर इंडिया की लेकिन नीतीश कुमार की सीएम होंगे और रुझानों में यह बात पूरी तरह से साफ हो गई है कि नीतीश की किंग मेकर है। भले से फाइनल रिजल्ट में उनकी सीटेें कुछ बीजेपी से कम हो जाएं लेकिन एक बात शीशे की तरह साफ है कि सीएम नीतीश ही होंगे चाहे इंडिया के हो या एनडीए के।
आपको बता दें कि रुझानों से जहां एनडीए को बहुत बड़ा बहुमत मिलता दिख रहा है तो वहीं दूसरी ओर पीएम साहब और उनके चाणक्य जी का सारा गुणा गणित फेल हो गया है। क्योंकि चाणक्य जी और उनकी पार्टी पिछले दो साल से बिहार में अपने सीएम का दावा कर रही थी लेकिन अब ये दावा कहीं पूरा होने वाला नहीं है क्योंकि अगर बीजेपी और एनडीए के सभी घटक दलों को जोड़ भी दिया जाए तो बहुतमत का आंकड़ा बीजेपी को नहीं मिलने वाला है। ऐसे में नीतीश कुमार एनडीए की मजबूरी हैं और इस ये बात भी तय है कि नीतीश कुमार की बिहार के अगले सीएम होने जा रहे हैं लेकिन सवाल बड़ा है कि पूरे बिहार में पिछले दो साल पहले पलटू कुमार के नाम से जाने जाने वाले नीतीश कुमार ने इतना तगड़ी वापसी कैसे की।
आपको बता दें कि इसका सबसे बड़ी वजह महिला वोटर थीं। नीतीश कुमार ने चुनाव के एक साल पहले से ही महिला वोटरों पर फोकस किया और हर जगह हर बार जीविका दीदियों और महिलाओं को रिझाने की पूरी कोशिश की और जब मतदान हुआ तो जब पुरुषों की अपेक्षा 9 प्रतिशत वोट महिलाओं के ज्यादा पड़े तो ही कुछ आसार दिखने लगे थे कि शायद आरजेडी के साथ बड़ा गेम हो गया और आखिर में यही सही भी साबित हुआ। जो नीतीश कुमार ने बीच चुनाव में महिला रोजगार के नाम पर डेढ़ करोड महिलाओं के खाते में 10 हजार रुपए दिए थे, उस दस हजार ने नीतीश कुमार की तकदीर को बदल दिया और नीतीश कुमार एक बार फिर से किंग मेकर के रुप में उभर कर सामने आए हैं। ऐसे में साफ है कि नीतीश कुमार को लेकर बिहार की राजनीति में एक बार फिर से चर्चाओं का बाजार चुनावों के रुझानों के साथ बढ़ गया है।
क्या नीतीश कुमार ने पंडित नेहरु की तारीख करके बीजेपी के चाणक्य को खुला संदेश दे दिया है कि अगर इधर नहीं बनाया मतलब एनडीए में तो उधर यानि कि वो एक बार फिर से इंडिया में कूद सकते हैं और जिस तरह से जदयू ने अपने एक्स पर लिखा है उससे साफ है कि सीएम पद से जदयू कोई समझौता करने वाला नहीं है। हालांकि अभी सारा खेल रुझान का है, शाम तक फाइनली रिजल्ट आने पर असली गेम सामने आएगा। आपका पूरे मामले पर क्या मानना है। क्या जदयू ने जिस तरह से अपने एक्स पर नीतीश कुमार को एक बार फिरसे सीएम घोषित कर दिया है, ऐसे में जदयू ने किसी भी कीमत पर सीएम कुर्सी से समझौता करने वाली नहीं है।
क्या जदयू के इस ऐलान से एक बार फिर से पीएम साहब और उनके चाणक्य जी के बिहार में अपने सीएम का सपना चकनाचूर होता नहीं दिख रहा है। क्या बिहार में इंडिया गठबंधन को सही तरीके से एमवाई फैैक्टर का भी साथ नहीं मिल पाया है। क्या मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के 10 हजार ने बिहार के चुनाव को पलट दिया है।



