1563 उम्मीदवारों को दोबारा देना होगा नीट एग्जाम

  • सुप्रीम कोर्ट ने ग्रेस माक्र्स रद्द करने का दिया आदेश
  • 23 जून को होगी परीक्षा 30 जून को आएंगे परिणाम
  • कोर्ट ने एनटीए को लगाई लताड़, पूरी नीट परीक्षा नहीं होगी रद्द 
  • कांग्रेस ने की सीबीआई जांच की मांग
  • एनटीए ने धांधली के पीछे ग्रेस माक्र्स को बताई थी वजह

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। नीट यूजी धांधली मामले में आज छात्रों की बड़ी जीत हुई है। सर्वोच्च अदालत ने छात्रों के लिए एक राहत का फैसला सुनाया है। सुप्रीम ने नीट परीक्षा परिणाम में अनियमितता को देखते हुए एनटीए को 1563 छात्रों का ग्रेस माक्र्स रद्द  करके फिर से नीट एग्जाम आयोजित करने का निर्देश दिया है। ऐसे उम्मीदवारों को 23 जून को फिर से परीक्षा देने का विकल्प दिया जाएगा। इसके नतीजे 30 जून को आएंगे। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गड़बड़ी के आरोपों के आधार पर नीट यूजी 2024 को रद्द करने की मांग करने वाली याचिकाओं सहित सभी याचिकाओं पर 8 जुलाई को सुनवाई होगी। 67 छात्रों को 720 में से 720 माक्र्स मिलने पर जब एनटीए से सवाल पूछा गया था तो एनटीए ने इसके पीछे की वजह ग्रेस माक्र्स बताई थी। एनटीए ने अपनी सफाई में कहा था कि कुछ एग्जाम सेंटर्स पर लॉस ऑफ टाइम की वजह से कुल 1563 छात्रों को ग्रेस माक्र्स दिए गए हैं, जिसकी वजह से 44 छात्रों के माक्र्स 720 हुए। हालांकि, आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद एनटीए को ग्रेस माक्र्स रद्द करने का निर्देश दिया गया।

काउंसलिंग पर रोक न लगाने का फैसला कायम

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया कि वह नीट यूजी 2024 की काउंसलिंग पर रोक नहीं लगाएगा। कोर्ट ने कहा कि काउंसलिंग जारी रहेगी। हम इसे रोकेंगे नहीं। अगर परीक्षा होती है तो सब कुछ सही तरीके से होगा, इसलिए डरने की कोई बात नहीं है।

छात्रों के पास हैं अब दो विकल्प

इस आदेश के बाद अब जिन स्टूडेंट्स को एनटीए की तरफ से ग्रेस माक्र्स दिए गए हैं, उनके पास दो ऑप्शन हैं। ये छात्र या तो 23 जून को री-एग्जाम में बैठ सकते हैं या फिर बिना ग्रेस माक्र्स वाले पुराने स्कोर के साथ ही काउंसलिंग की तरफ आगे बढ़ सकते हैं। जिन कैंडिडेट को कॉन्फिडेंस है कि वे दोबारा परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं तो वे री-एग्जाम में शामिल होने का फैसला ले सकते हैं।

ग्रेस माक्र्स पाने वाले छात्र ही देंगे फिर से परीक्षा

नीट रिजल्ट के बाद दाखिल की गई याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि ग्रेस माक्र्स पाने वाले 1563 छात्रों का ही री-एग्जाम कराया जाएगा। बाकी नीट परीक्षा को रद्द नहीं किया जा रहा है। इससे पहले एनटीए ने कहा था करीब 24 लाख छात्रों में से केवल 1563 छात्रों के परीक्षा परिणाम तक समस्या सीमित है। बाकी स्टूडेंट्स को कोई परेशानी नहीं है।

दोषियों को किया जाएगा दंडित : शिक्षा मंत्री

शिक्षा मंत्री धमेंद्र प्रधान ने मंत्रालय संभालते ही नीट रिजल्ट में हुई धांधली को लेकर कहा कि सरकार इस मामले को लेकर गंभीर है। जो भी दोषी पाया जाएगा, उसे सख्त सजा दी जाएगी। शिक्षा मंत्री ने कहा कि जिन बच्चों ने सवाल खड़ा किया है, सरकार उन्हें गंभीरता से ले रही है। जो घटना हमारे सामने आई है, दोषियों को दंडित किया जायेगा। भारत सरकार पूरी तरह से पारदर्शी व्यवस्था के लिए प्रतिबद्ध है। कोर्ट जो कहेगा वो ही किया जाएगा।

कांग्रेस ने पीएम मोदी और शिक्षा मंत्री की चुप्पी पर उठाए सवाल

नीट 2024 के रिजल्ट में हुई धांधली पर अब सियासत भी शुरू हो गई है। शिक्षा मंत्री द्वारा दोषियों पर कार्रवाई की बात कहने पर कांग्रेस की ओर से पलटवार किया गया है। साथ ही सीबीआई जांच की मांग भी की गई है। कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान पर हमला करते हुए कहा कि जांच किया ही नहीं और परिणाम दे दिया। अगर वे सरकारी पदाधिकारियों से पूछेंगे तो उन्हें यही जवाब मिलेगा कि सब ठीक है। बच्चों और उनके माता-पिता को ये जानने का अधिकार है कि आप इस निर्णय पर कैसे पहुंचे। प्रधानमंत्री चुप हैं, शिक्षा मंत्री बिना जांच किए ही ये कह रहे हैं कि कुछ नहीं हुआ। इस जनादेश के बाद भी इनका अहंकार खत्म नहीं हुआ है। कांग्रेस पार्टी सीबीआई जांच की मांग करती है। केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि शिक्षा मंत्री, प्रधानमंत्री चुप हैं। वे बात नहीं करना चाहते हैं। जिस एनटीए के नेतृत्व में पेपर लीक हुआ, उसी को इंक्वायरी करने के लिए बोला गया। हम निष्पक्ष जांच की अपेक्षा कैसे कर सकते हैं।

इस स्कैम पर चर्चा क्यों नहीं करते पीएम : गौरव गोगोई

गौरव गोगोई ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि वो परीक्षा पर चर्चा करते थे, परीक्षा को लेकर मार्गदर्शन देते थे। आज जो स्कैम हुआ है, उसको लेकर चर्चा क्यों नहीं कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि इसकी सुप्रीम कोर्ट मॉनिटर्ड एक जांच होनी चाहिए। हमने रिकॉर्डिंग सुनी हैं, जिसमें लाखों रूपए मांगे जा रहे हैं। ये एग्जाम हमारे भविष्य के डॉक्टरों को तैयार करते हैं, क्या ऐसे ही उन्हें तैयार किया जा रहा है।

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