सूबे के 35 हजार परिवारों को मिलेंगे मुख्यमंत्री आवास : केशव मौर्य
- ग्रामीण के लिए 508.632 करोड़ का बजट आवंटित
लखनऊ। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि प्रदेश के 35534 परिवारों को मुख्यमंत्री आवास मिलेंगे। इसके लिए प्राकृतिक आपदा, कालाजार से प्रभावित लोगों के साथ ही अनुसूचित जनजातियों के लोगों को चिन्हित किया गया है। वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए मुख्यमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत 508.632 करोड़ का बजट स्वीकृत हुआ है। जिलों से मिले मांग पत्र के अनुसार उन्हें श्रेणीवार लक्ष्य का आवंटन कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण के लिए प्राकृतिक आपदा, कालाजार, वनटांगिया, मुसहर, कोल, नट, चेरों, सहरिया थारू, पछईया लोहार, गढईया लोहार, बैगा (जनजाति) वर्ग, जेई व एईएस व कुष्ठ रोग से प्रभावित परिवार छत विहीन हैं, वे कच्चे और जर्जर आवासों में रहने को मजबूर हैं। ऐसे परिवारों को सरकार आवास उपलब्ध करा रही है। इन्हीं पात्रता श्रेणियों में जिलों की ओर से श्रेणीवार (सामान्य/अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति) मांग पत्र उपलब्ध कराए गए हैं। मौर्य ने जिलों के संबंधित अधिकारियों को जिलावार व श्रेणीवार निर्धारित लक्ष्य के अनुसार मुख्यमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के पंजीकरण व स्वीकृत करने की कार्यवाही कराने के लिए निर्देशित किया गया है। ग्राम्य विकास विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्राकृतिक आपदा से प्रभावित 15595, वनटांगिया के 14, कुष्ठ रोग से प्रभावित 767, जेई के 38, एईएस के 18, कालाजार के 22, कोल के 10908, सहरिया के 284, नट के 2001, पछईया लोहार के 20, मुसहर के 587, जिला सोनभद्र में चेरो जनजाति के 3757 व बैगा जनजाति के 1523 इस प्रकार कुल 35534 परिवारों के लिए लक्ष्य आवंटित किया गया है।
देश को खामोश राष्टï्रपति की जरूरत नहीं : यशवंत
लखनऊ। राष्टï्रपति पद के उम्मीदवार व पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा कि देश को खामोश राष्टï्रपति की जरूरत नहीं है। देश को ऐसा राष्टï्रपति चाहिए, जो संविधान को बचा सके, लोकतंत्र को कायम रख सके और सरकारी एजेंसियों के दुरुपयोग को रोक सके। उन्होंने कहा कि आज की केंद्र सरकार प्रजातांत्रिक संस्था में विश्वास नहीं रखती है। वह अपना कानून चलना चाहती है और विपक्ष को महत्व नहीं देती है। जबकि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी आपसी सहमति में विश्वास रखते थे पर अफसोस है कि जिस पार्टी को अटल बिहारी ने सींचा, वह कहां से कहां पहुंच गई। उन्होंने दावा किया कि विपक्ष ही नहीं सत्ता पक्ष के तमाम विधायक और सांसद उनके साथ हैं। सिन्हा ने सत्ता पक्ष की उम्मीदवार का नाम लिए बिना सवाल किया कि क्या वे संविधान की रक्षा करने के लिए तैयार हैं। आदिवासी महिला होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल से जिस समुदाय के राष्टï्रपति हैं, क्या उस समुदाय का उत्थान हुआ। विपक्ष में होने के बावजूद बसपा सुप्रीमो मायावती के समर्थन न देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि उन्हें पहले से ही पता था। विपक्षी दलों की बैठक में वह शामिल नहीं थीं। उन्होंने कहा कि राष्टï्रपति उम्मीदवार के तौर पर सिर्फ सत्ता पक्ष से नहीं, बल्कि कई शक्तियों से लड़ रहे हैं। इसे पूरा देश देख रहा है। वहीं वरिष्ठ नेता सुधींद्र कुलकर्णी ने बताया कि यशवंत सिन्हा को केरल में शत प्रतिशत समर्थन है। तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक में भी व्यापक समर्थन मिला है। यूपी के बाद गुजरात जाएंगे। रालोद प्रमुख जयंत चौधरी ने कहा कि हमारी पार्टी यशवंत सिन्हा के साथ है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि यह चुनाव पूरे देश को जोड़ने वाला है। मौजूदा हालात के मद्देनजर राष्टï्रपति पद के लिए यशवंत सिन्हा से बेहतर और कोई उम्मीदवार नहीं हो सकता है।
यशवंत सिन्हा की गिनाईं प्राथमिकताएं
यशवंत सिन्हा ने अपनी प्राथमिकताएं गिनाते हुए कहा कि अगर उन्हें मौका मिला तो संविधान के प्रति जवाबदेह रहेंगे। पर इसका मतलब प्रधानमंत्री से टकराव नहीं बल्कि मिल-बैठकर रास्ता निकालेंगे। अगर सरकार कोई ऐसा काम करेगी, जिससे प्रजातंत्र को नुकसान होगा तो उसे रोकेंगे। चुनी गई सरकार को गिराने वालों को बेनकाब करेंगे। देश में सिर उठा रहीं सांप्रदायिक ताकतों को तोड़ेंगे। प्रेस की स्वतंत्रता बनाए रखेंगे। उन्होंने जुबेर प्रकरण की निंदा करते हुए कहा कि ऐसे मामलों की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।
विधायकों से मिले सिन्हा, मांगा वोट
सपा कार्यालय में हुई बैठक में राष्टï्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने विधायकों से मुलाकात की। राष्टï्रपति चुनाव पर चर्चा हुई और शाम को एक होटल में डिनर किया। पार्टी कार्यालय में सपा विधायकों के साथ ही रालोद के विधायक भी पहुंचे। सिन्हा ने विधायकों से परिचय लिया। खुद का राजनीतिक अनुभव साझा किया। मौजूदा सियासी हालात पर चर्चा करते हुए युवा नेतृत्व की वकालत की। इस बैठक से जहां सुभासपा के विधायक दूर रहे वहीं शिवपाल सिंह यादव भी नजर नहीं आए। जबकि आजम खां बेटे अब्दुल्ला के साथ पहुंचे। सूत्र बताते हैं कि आजम खां और अखिलेश यादव के बीच कुछ देर अकेले में गुफ्तगू भी हुई।
सपा-सुभासपा में रार खुलकर सामने आई
समाजवादी पार्टी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के बीच अंदरखाने में चल रहा मनमुटाव सामने आ गया है। दोनों के बीच चल रही आंतरिक रार अब दीवार बनती नजर आ रही है। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण कल देखने को मिला। सूत्र बताते हैं कि सपा कार्यालय से सुभासपा और रालोद के शीर्ष नेतृत्व को भी बैठक में आने के लिए कहा गया, लेकिन बाद में सुभासपा को बताया गया कि अभी बैठक तय नहीं है। फिर भी सुभासपा के सभी विधायकों को लखनऊ बुला लिया गया। वे लखनऊ में पहुंच कर बैठक में बुलावे आने का इंतजार करते रहे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इससे सुभासपा की नाराजगी बढ़ गई है। गठबंधन के बीच दीवार खड़ी हो गई है।
डेढ़ लाख बालिकाओं को मिला कन्या सुमंगला योजना का लाभ : बेबी रानी
लखनऊ। महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टïाहार मंत्री बेबी रानी मौर्य ने उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि 100 दिनों में 1.40 लाख से ज्यादा बालिकाओं को कन्या सुमंगला योजना का लाभ दिया गया। इस योजना में बेटियों के जन्म से लेकर उनकी उच्च शिक्षा तक अलग-अलग छह चरणों में 15 हजार रुपये की सहायता प्रदान की जाती है। 50 हजार नई पात्र महिलाओं को निराश्रित महिला पेंशन योजना से जोड़ा गया। अब इस योजना में कुल 31.50 लाख महिलाओं को पेंशन मिल रही है। योजनाओं का लाभ पात्रों को मुहैया कराने के लिए प्रत्येक 15 दिनों में विकास खंड पर स्वावलंबन कैंप आयोजित किए जा रहे हैं। महिला कल्याण मंत्री ने कहा कि निराश्रित महिला पेंशन योजना में वर्ष 2016-17 में महिलाओं की संख्या 17.31 लाख थी, जो अब बढ़कर 31.50 लाख हो गई है। बेबी रानी मौर्य ने कहा कि कोरोना संक्रमण के दौरान अपने माता-पिता को खो चुके बच्चों के लिए चलाई जा रही उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (कोविड) में 11,049 बच्चों को चार हजार रुपये प्रतिमाह आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। इसी प्रकार मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य) के तहत 5284 बच्चों को 2500 रुपये प्रतिमाह की आर्थिक सहायता दी जा रही है। इस योजना में कक्षा नौ से ऊपर के 1060 छात्र-छात्राओं को लैपटाप दिया जा चुका है। उन्होंने बताया कि शाहजहांपुर में 50 बच्चों की क्षमता का राजकीय संप्रेक्षण गृह का निर्माण कार्य पूरा कराकर इसका संचालन शुरू कर दिया गया है। इसमें 18 वर्ष से कम आयु के ऐसे बच्चों को रखा जाता है जो कानून के उल्लंघन के आरोपित होते हैं।
44 जिलों के आंगनबाड़ी केंद्रों को प्री-स्कूल किट शीघ
बेबी रानी मौर्य ने बताया कि 31 जिलों के आंगनबाड़ी केन्द्रों में प्री-स्कूल किट मिल चुकी है जबकि 33 जिलों में इसे खरीदने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। शीघ्र ही बचे 44 जिलों में भी यह किट उपलब्ध करा दी जाएगी। इसके जरिए बच्चे आंगनबाड़ी केन्द्रों में ही खेल-खेल में पढ़ाई कर सकेंगे। तीन से छह वर्ष तक के बच्चों के लिए अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन प्रोग्राम के तहत 42 जिलों के आंगनबाड़ी केंद्रों पर इससे जुड़ी सामग्री भेजी जा चुकी है, बचे हुए 33 जिलों में भी शीघ्र शिक्षा सामग्री भेज दी जाएगी।