37 लाख की आबादी, पांच माह, महज तीन लाख टेस्ट
- 11 मार्च से राजधानी लखनऊ में अब तक कुल 3,25429 लोगों का हुआ कोरोना टेस्ट
- कुल 24788 लोग कोरोना संक्रमित, बीते 24 घंटे में 4340 लोगों का टेस्ट
- 31 जुलाई तक 1 लाख से अधिक लोगों का लिया गया था कोविड-19 सैंपल
- 1 से 28 अगस्त तक 2 लाख लोगों से भी ज्यादा का हो चुका हैं टेस्ट
पूर्ति सिंह
लखनऊ। राजधानी में संक्रमण का पारा तेजी से ऊपर चढ़ रहा है। 37 लाख की आबादी वाले शहर में अब तक 3,25429 लोगों की ही टेस्टिंग हुई है। इस हिसाब से आंकड़ा लगाइए तो स्वास्थ विभाग की लापरवाही उजागर होती है जबकि योगी सरकार ने स्पष्टï कह रखा है कि आबादी वाले शहरों में टेस्टिंग बढ़ाए जाने की जरूरत है। वे रोज डोर-टू-डोर सर्वे, मेडिकल स्क्रीनिंग और टेस्टिंग बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं मगर स्वास्थ्य महकमा कोरोना टेस्टिंग में रफ्तार ही नहीं पकड़ पा रहा है। इस कारण कोरोना वायरस राजधानी में लगातार अपने पैर पसार रहा है। 11 मार्च को लखनऊ में पहला केस मिला था और 30 जुलाई तक लखनऊ में 7881 संक्रमित थे। उस बीच 1 लाख से अधिक लोगों की टेस्टिंग हुई। जबकि अब तक कुल 24788 कोरोना संक्रमित हैं और अभी तक टेस्टिंग का आंकड़ा सवा तीन लाख ही है। इससे साफ है कि टेस्टिंग में स्वास्थ्य महकमा कमजोर है।
विभाग का कहना है कि टेस्टिंग कैपेसिटी बढ़ी तो संक्रमितों की संख्या का आंकड़ा राजधानी में प्रतिदिन एक हजार क्रास कर सकता है। लखनऊ शहर की आबादी के हिसाब से तीन गुना टेस्टिंग की जरूरत है। तभी संक्रमण की चेन टूट पाएगी अन्यथा कोरोना संक्रमण कम्यूनिटी स्प्रेड में तब्दील होकर लाखों लोगों में फैल सकता है। ऐसे में राजधानी में कोरोना को नियंत्रित करना आने वाले समय में और मुश्किल हो जाएगा। हालांकि टेस्टिंग को लेकर विपक्ष भी सवाल भी उठाता रहता हैं कि टेस्टिंग बढ़े तो केस में भी बढ़ोत्तरी होगी। इन सभी के बीच हमने टेस्टिंग का डेटा निकाला और ये समझने की कोशिश की कि लखनऊ में आबादी के हिसाब से टेस्टिंग हो रही है या नहीं। अभी वर्तमान में आबादी के हिसाब से 0.88 फीसदी लोग संक्रमित हैं जो कि नगण्य है लेकिन जिस तरह से शहर में कोरोना का संक्रमण फैल रहा है माना जा रहा है कि अक्टूबर-नवंबर तक एक लाख से ज्यादा लोग संक्रमण का शिकार हो जाएंगे।
पिछले 15 दिनों में 13.82 फीसदी की बढ़ोतरी
स्वास्थ्य विभाग से जारी आंकड़ों के मुताबिक एक से पांच जुलाई के बीच कुल 2947 सैंपल लिए गए, जिसमें 234 यानी 7.94 फीसदी पॉजिटिव मिले। इसी तरह 6 से 10 जुलाई के बीच 4157 सैंपल लिए गए, जिसमें 620 यानी 14.91 फीसदी लोग पॉजिटिव मिले। इसी तरह 11 से 15 जुलाई के बीच लिए गए 5407 सैंपल में 1177 यानी 21.76 फीसदी लोग कोरोना पीडि़त मिले हैं। इस तरह जुलाई में सिर्फ 15 दिनों में ही पॉजिटिव केस का ग्राफ 13.82 फीसदी बढ़ गया है।