4PM के स्टिंग ऑपरेशन से देश भर में मचा हड़कंप
- सरकार ने 30 मौतें बतायीं 4PM ने 58 का कर दिया स्टिंग
- विपक्ष का आरोप- झूठ बोल रही सरकार
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
प्रयागराज। पत्रकारिता के इतिहास में पहली बार एक ऐसा स्टिंग जिससे पूरे देश में हड़कंप मच गया है। 4पीएम के महाकुंभ हादसे में मृतक संख्या को लेकर किये गये स्टिंग आपरेशन ने लोगों की आखों को खोल दिया। जनता को पता चल चुका है कि प्रशासनिक आंकड़े झूठे हैं और सच कुछ और है। एक बार फिर देश के नम्बर वन चैनल 4पीएम ने अपनी जिम्मेदारी को ऐसे समय निभाया है जब पत्रकारिता का मक्खन काल चल रहा हो।
चैनल हो या अखबार सभी संस्थान सिर्फ सरकार के गुणगान कर रहे थे। 4पीएम के अनुभवी और तेजतर्रार पत्रकार क्षितिजकांत ने ऐसा कारनामा कर दिया जिसको लेकर सब उनको शाबाशी दे रहे हैं। क्षितिज अपने हिडेन कैमरे के साथ मृतक परिवार का रिश्तेदार बन कर उस जगह पहुंच गये जहा हादसे के बाद लाशों को रखा गया था। 4पीएम के कैमरे ने देखा कि किसी लाश पर एक नम्बर लिखा है तो किसी लाश पर 58 तो किसी पर 47 क्या जब मौते 30 लोगों की हुई हो तो फिर लाश पर 58 नम्बर क्यों लिखा गया?
करोड़ों लोग जानना चाहते हैं सच
सवाल बेहद संगीन है और सरकार को इस सवाल का जवाब देना होगा। करोड़ों लोग जानना चाहते है कि क्या सरकार झूठ बोल रही है। सभी को पता है कि इस तरह के हादसों में मौत का आंकड़ा कम करके बताया जाता है। सच यह है कि आज भी मेला परिसर में न जाने कितने लोग भगदड़ के बाद अपने लोगों को खोजते नजर आ रहे हैं। हर कोई यह जानना चाहता है कि उसके साथ आये व्यक्ति का क्या हुआ? बाहरहाल न्यायिक जांच के बाद सच जरूर सामने आयेगा।
विपक्ष पहले से चेता रहा था
महाकुंभ की अव्यवस्थाओं के बारे में विपक्ष लगातार चिल्ला रहा था। यह बताने की कोशिश की जा रही थी कि कहा पर क्या गलतियां हो रही है। लेकिन मेलाधिकारी ने किसी की नहीं सुनी और वह हो गया जो नहीं होना चाहिए था। सरकार किसी भी कीमत पर महाकुंभ को एक ग्रेट कुंभ के तौर पर आयोजित करना चाहती थी। हो भी वैसा ही रहा था। देश विदेश में कुंभ का प्रचार प्रसार जबर्दस्त था। सभी लोग कुंभ—कुभ ही कर रहे थे। लेकिन एक व्यक्ति की अदूर्दशिता के चलते पूरा आयोजन पर दाग लग गये।
अमिताभ ठाकुर ने की जांच की मांग
आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने कुंभ भगदड़ में मौत के संबंध में एक यूट्यूब चैनल द्वारा किए गए दावों की जांच की मांग की है। यूपी के मुख्यमंत्री को अपने पत्र में उन्होंने कहा है कि यूट्यूब चैनल 4 पीएम द्वारा एक लाइव रिपोर्टिंग प्रसारित की गई है जिसमें उनके रिपोर्टर प्रयागराज के मोर्चरी में मौजूद है। वहां वे शवों पर अंकित नंबर को प्रस्तुत कर रहे हैं, जिसके आधार पर चैनल ने मृतकों की संख्या कम से कम 58 होने का दावा किया है। अमिताभ ठाकुर ने कहा है कि मौके पर मौजूद रिपोर्टर के आधार पर प्रस्तुत लाइव रिपोर्टिंग को नजरअंदाज किया जाना उचित नहीं होगा। अत: उन्होंने एक उच्चस्तरीय जांच समिति से मृतकों की संख्या की जांच कराने और मृतकों की संख्या को जानबूझकर कम दिखाई जाने की बात प्रमाणित होने पर संबंधित अफसरों को निलंबित कर बर्खास्त किए जाने और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने की मांग की है।
हर आम-खास व्यक्ति बेचैन है
हादसे के बाद 4पीएम के खुलासे से सवाल उठना लाजमी है। राजनीतिक दल 4पीएम की खबर पर ट्विट कर रहे हैं और बायान जारी कर रहे हैं। समाजवादी पार्टी के अधिकारिक हैंडल से भी सरकार से मृतक संख्या को लेकर सवाल पूछे गये हैं।
भक्तगण कह रहे हैं कि कोई मरा नहीं : मार्कण्डेय काट्जू
सुप्रीम कोर्ट के जज रहे मार्कण्डेय काट्जू ने कहा है कि भक्तगण कह रहे हैं कि कोई मरा नहीं है बल्कि मोक्ष प्राप्त हुआ है तो फिर किसी वीआईपी को मोक्ष क्यों नहीं प्राप्त हुआ।
क्या खबरें दबा देने से मृतक फिर से जीवित हो जाएंगे : पवन खेड़ा
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने सवाल पूछते हुए एक्स पर लिखा है कि क्या हो रहा है मोदी योगी के शासनकाल में। जो कि बढ़-चढ़ कर कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या का बखान कर रहे थे वो मृतकों और घायलों की संख्या बताने वाले क्यों पीछे हट रहे हैं। क्या खबरे दबा देने से मृतक फिर से जीवित हो जाएंगे।