7/11 मुंबई ट्रेन धमाका मामला: संजय निरुपम बोले, यह फैसला बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है
अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोप साबित करने में पूरी तरह विफल रहा.

4पीएम न्यूज नेटवर्क: बॉम्बे हाई कोर्ट ने 7/11 मुंबई ट्रेन धमाका मामले में दोषी ठहराए गए 12 आरोपियों को बरी कर दिया है. अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोप साबित करने में पूरी तरह विफल रहा.
इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने कहा, “यह फैसला बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. जांच एजेंसियों को इस मामले की नए सिरे से जांच करनी चाहिए. सरकार और एजेंसी को इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील कर निर्दोष लोगों की हत्या का बदला लेना चाहिए.”
हाईकोर्ट का निर्णय और उसका आधार
जस्टिस अनिल किलोर और जस्टिस श्याम चंदक की विशेष पीठ ने कहा कि अभियोजन द्वारा पेश किया गया साक्ष्य आरोपियों को दोषी ठहराने के लिए पर्याप्त नहीं था. मीडिया के अनुसार, अदालत ने 5 आरोपियों की फांसी की सजा और 7 की उम्रकैद को रद्द करते हुए सभी को बरी कर दिया.
कोर्ट ने कहा, “यह विश्वास करना कठिन है कि आरोपियों ने यह अपराध किया. अभियोजन पक्ष पूरी तरह से केस साबित करने में असफल रहा.” अब इन 12 व्यक्तियों को तुरंत रिहा करने का आदेश दिया गया है, यदि वे किसी अन्य मामले में वांछित नहीं हैं.
11 जुलाई 2006 को मुंबई की लोकल ट्रेनों में सात सिलसिलेवार धमाके हुए थे, जिनमें 180 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों घायल हुए थे. इस केस में 2015 में एक विशेष अदालत ने 12 लोगों को दोषी ठहराया था. इनमें से 5 को फांसी और 7 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी.
आपको बता दें,कि सोमवार को जब हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया, तो सभी आरोपी वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कोर्ट में पेश हुए और अपने वकीलों का धन्यवाद किया. 19 साल पुराने इस मामले में अब एक नया मोड़ आया है. बॉम्बे हाई कोर्ट का यह फैसला न केवल कानूनी दृष्टिकोण से बल्कि सामाजिक और राजनीतिक दृष्टि से भी अहम माना जा रहा है.



