क्या आप जानतें है दुनिया के सबसे छोटे युद्ध के बारे में ?

इतिहास में कई ऐसे युद्ध दर्ज हैं जो कई सालों तक लड़े गए हैं, लेकिन......

4PM न्यूज़ नेटवर्क : ऐसे कई युद्ध हैं जो इतिहास के पन्नों में दर्ज हैं. कई युद्ध तो ऐसे हैं जो अपने अजीबोगरीब कारणों के चलते मशहूर हैं. वहीं कई युद्ध सालों तक लड़े गए. ऐसे में क्या आप एक ऐसे युद्ध के बारे में जानते हैं जो महज 38 मिनट में ही खत्म हो गया.

ये बात 1890 की है, जब जांजीबार ने ब्रिटेन और जर्मनी के बीच हुई एक संधि पर हस्ताक्षर किए थे. इस संधि की वजह से जांजीबार पर ब्रिटेन का अधिकार हो गया था, जबकि तंजानिया का अधिकांश हिस्सा जर्मनी के हिस्से में चला गया था.

इस संधि के बाद ब्रिटेन ने जांजीबार की देखभाल का जिम्मा हमद बिन थुवैनी को सौंप दिया था, जिसके बाद थुवैनी ने खुद को वहां का सुल्तान घोषित कर दिया.

इसके बाद जब जाजीबार के हाथ में सत्ता आई तो हमद बिन तुवाली ने 3 साल तक शांति व जिम्मेदारी पूर्वक जाजीबार पर अपना शासन चलाया, लेकिन 25 अगस्त 1896 को हमद बिन तुवानी का निधन हो गया.

इसके बाद हमद बिन की मौत के बाद ज़ांज़ीबार की सत्ता पर उनके भतीजे खालिद बिन बर्गश ने खुद को जाजीबार का सुल्तान घोषित कर लिया था.

जब जांजीबार पर ब्रिटेन का अधिकार था, तो ब्रिटेन को खालिद बिन बर्घाश द्वारा जांजीबार की सत्ता पर अपना कब्जा करना पंसद नहीं आया. इसके बाद ब्रिटेन ने खालिद को सुल्तान पद से हटने का आदेश दिया,लेकिन खालिद ने उनके इस आदेश को अनसुना कर दिया

उस समय ब्रिटेन ने वापस जांजीबार को अपने अधिकार में लेने का मन बना लिया था. ऐसे में उसके पास एक ही रास्ता बचा था और वो था युद्ध. 27 अगस्त 1896 की सुबह ब्रिटिश नौसेना ने अपने जहाजों से जांजीबार के महल पर बमबारी शुरू कर दी और उसे खत्म कर दिया.

आदेश के मुताबिक, ब्रिटिश नौसेना ने जांजीबार के महल पहुंचते ही बमबारी शुरू कर दी और उसे खत्म कर दिया. आप सुनकर हैरान होंगे कि इसके महज 38 मिनट हाज ही एक संघर्ष विराम की घोषणा हुई और युद्ध खत्म हो गया.

ये युद्ध इतने कम समय में खत्म हो गया कि लोग जानकर ही हैरान हो गए. इसे ही इतिहास का सबसे छोटा युद्ध माना जाता है.

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