अमेरिका में राहुल के बयान के बाद भारत में मचा कोहराम
- नेता प्रतिपक्ष ने बेरोजगारी, भाजपा व आरएसएस पर उठाए सवाल
- भाजपा बौखलाई बोली -भारत को बदनाम करने के लिए विदेश यात्रा करते हैं राहुल
- कांग्रेस बोली- राहुल के विजन को चुनौती नहीं दे पार रहे पीएम मोदी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के अमेरिका के डलास स्थित टेक्सास विश्वविद्यालय में दिए गये बयान से भारत में सियासी कोहराम मच गया है। उनके बयान से सबसे ज्यादा एनडीए सरक ार की सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी बौखला गई है। दरअसल कांग्रेस के वरिष्ठï नेता राहुल गांधी ने छात्रों से बातचीत की। उन्होंने बेरोजगारी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और बीजेपी को घेरा। उन्होंने बातचीत के दौरान कहा कि भारत, अमेरिका और पश्चिम के अन्य देश बेरोजगारी की समस्या का सामना कर रहे हैं, जबकि चीन ऐसा नहीं कर रहा है। इस दौरान उन्होंने भारत में बेरोजगारी समेत कई अन्य मुद््दों पर चर्चा की। राहुल गांधी के बेरोजगारी वाले बयान पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा, राहुल चीन के लिए बल्लेबाजी करने के लिए बहुत उत्सुक हैं और उन्हें भारत का अपमान करने की आदत है। दुनिया में 17 प्रतिशत युवा बेरोजगारी दर से अवगत हैं। वहीं कांगे्रस के ओवरसीज प्रमुख सैम पित्रोदा ने राहुल को पढ़ा लिखा नेता बताते हुए कहा कि उनके विजन ने मोदी सरकार की नींद उड़ा दी है। वहीं भाजपा नेता गिरीराज ने भी राहुल पर हमला बोला है।
भारत को उत्पादन के कार्य और उत्पादन के आयोजन के बारे में सोचना होगा : राहुल]
भारत को उत्पादन के कार्य और उत्पादन के आयोजन के बारे में सोचना होगा। जब तक हम ऐसा नहीं करते, हमें बेरोजगारी के उच्च स्तर का सामना करना पड़ेगा और स्पष्ट रूप से, यह टिकाऊ नहीं है। राहुल ने आगे कहा कि आप देखेंगे कि अगर हम मैनुफेक्चरिंग के बारे में भूलकर इस रास्ते पर चलते रहेंगे, तो आपको भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका में बड़ी सामाजिक समस्याएं आती हुई दिखाई देंगी।
पप्पू नहीं हैं राहुल गांधी, बहुत पढ़े-लिखे हैं : सैम पित्रोदा
इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने कहा कि गांधीवादी विचार, समावेश और विविधता उनकी (पित्रोदा की) शिक्षा के मूल में थे। पचास के दशक की शुरुआत में स्कूल जाने पर गांधीवादी विचार हमारी शिक्षा का मूल थे। समावेशन और विविधता, केवल शब्द नहीं हैं, यह वही है जिसके साथ हम जीते हैं और जब मैं अपने समाज में बदलाव देखना शुरू करता हूं जो बुनियादी ढांचे पर हमला करता है तो मुझे चिंता होती है इसके बारे में। तो विचार… यह सुनिश्चित करना है कि हम जाति, धर्म, भाषा या राज्य के बावजूद अपने लोगों का सम्मान करें, हम सभी के लिए समान अवसर पैदा करें, हम श्रम को सम्मान प्रदान करें और यही मुद्दे हैं राहुल गांधी चैंपियन बनना और इससे मुझे बहुत ख़ुशी होती है। कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने टेक्सास में भारतीय प्रवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी पार्टी के नेता राहुल गांधी का दृष्टिकोण भाजपा द्वारा प्रचारित किए जाने के विपरीत है और वह पप्पू नहीं हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा करोड़ों रुपये खर्च करके जिस चीज का प्रचार करती है, उनके पास (राहुल गांधी) दृष्टिकोण है।
चीन के लिए बल्लेबाजी करते हैं राहुल : प्रदीप भंडारी
भाजपा प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा, सवाल यह है क्या यह चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ उनके समझौता ज्ञापन के कारण है कि वह हमेशा चीन के लिए बल्लेबाजी करते हैं और भारत के लिए नहीं? राहुल यहीं नहीं रुकते, वह भारतीय कानूनी प्रणाली पर हमला करते हैं सिर्फ इसलिए कि वह जमानत पर बाहर हैं। वह भारत में सामाजिक तनाव की भविष्यवाणी करते हैं, क्योंकि यह उनकी फूट डालो और राज करो की रणनीति है। राहुल के भाषण का सार यह है कि यह भारत के खिलाफ है, भारत की महिलाओं के खिलाफ है और यह वह सब कुछ है जो चीन या कोई अन्य शक्ति भारत में अपना एजेंडा आगे बढ़ाना चाहती है।
देशद्रोही, आरएसएस को नहीं समझ सकता : गिरिराज सिंह
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर की गई टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने सोमवार को कहा कि एक देशद्रोही आरएसएस को नहीं समझ सकता। अमेरिका में भारतीय समुदाय के साथ बातचीत के दौरान राहुल गांधी ने अपनी पार्टी और आरएसएस के बीच वैचारिक विभाजन के बारे में बात की। केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता गिरिराज सिंह ने कहा, अगर उनकी दादी से आरएसएस की भूमिका के बारे में पूछने की कोई तकनीक है, तो उन्हें ऐसा करना चाहिए या इतिहास के पन्नों से सलाह लेनी चाहिए। आरएसएस को सही मायने में समझने के लिए राहुल गांधी को कई जन्मों की जरूरत होगी। देशद्रोही, आरएसएस को नहीं समझ सकता और जो लोग देश की आलोचना करने के लिए विदेश जाते हैं, वे इसके सार को नहीं समझ सकते।
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच पर उठाए सवाल
- नई स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के दिए निर्देश
- 17 सितम्बर को फिर होगी मामले पर बहस
- सीआईएसएफ को सुरक्षा उपकरण सौंपने के आदेश
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सीबीआई को कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में एक प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की जांच पर नई स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। यह तब आया जब सीबीआई ने एक प्रारंभिक रिपोर्ट प्रस्तुत की जिसमें संकेत दिया गया कि उसे जांच में सुराग मिले हैं।
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि मामले पर मंगलवार (17 सितम्बर) को विचार करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए सोमवार को सुनवाई की। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ मामले में सुनवाई की। कोर्ट ने 22 अगस्त को महिला चिकित्सक की अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज करने में देरी को लेकर कोलकाता पुलिस से नाराजगी जताई थी। कोर्ट ने सीबीआई को जांच पर नई स्थिति रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया है। एसजी तुषार मेहता ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज में तैनात सुरक्षाकर्मियों से संबंधित मुद्दा उठाया। इस पर कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार के गृह विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और सीआईएसएफ के वरिष्ठ अधिकारी को निर्देश दिया कि वे सीआईएसएफ की तीनों कंपनियों को आवास उपलब्ध कराएं। कोर्ट ने निर्देश दिया कि सीआईएसएफ को आवश्यक सभी उपकरण और सुरक्षा उपकरण आज ही सौंप दिए जाएं।
दाखिल रिपोर्ट से प्रतीत होता है कि जांच जारी है : चंद्रचूड़
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि सीबीआई द्वारा स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की गई है, ऐसा प्रतीत होता है कि जांच जारी है। हम सीबीआई को नई स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश देते है। हम इस पर मंगलवार को विचार करेंगे, सीबीआई कर रही है। हम इसकी जांच में सीबीआई का मार्गदर्शन नहीं करना चाहते। अदालत ने सीबीआई द्वारा स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में एक प्रशिक्षु डॉक्टर के बलात्कार और हत्या मामले में अप्राकृतिक मौत की रिपोर्ट के समय पर भी स्पष्टीकरण मांगा।
बंगाल सरकार ने स्थिति रिपोर्ट दाखिल की
पश्चिम बंगाल सरकार ने स्थिति रिपोर्ट दाखिल की है। इसमें बताया गया है कि जब डॉक्टर काम नहीं कर रहे थे, तब 23 लोगों की मौत हो गई। सुनवाई के बाद कोर्ट सीबीआई से नई स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट ने जांच एजेंसी को एक हफ्ते का समय दिया है। मामले की अगली सुनवाई 17 सितंबर को होगी। सुप्रीम कोर्ट ने जानना चाहा कि क्या घटना से संबंधित सीसीटीवी फुटेज सीबीआई को सौंपे गए थे।
सिब्बल व मेहता ने रखी अपनी-अपनी दलील
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पीठ को सूचित किया कि मृत्यु प्रमाण पत्र दोपहर 1:47 बजे जारी किया गया था, जबकि पुलिस ने 2:55 बजे अप्राकृतिक मौत की प्रविष्टि दर्ज की थी। हालाँकि, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इसका विरोध करते हुए कहा कि रिकॉर्ड के अनुसार, रिपोर्ट रात 11:30 बजे दायर की गई थी। सीबीआई ने जांच पर अपनी स्थिति रिपोर्ट पीठ को सौंपी। न्यायाधीशों ने सीलबंद लिफाफे में उन्हें सौंपी गई स्थिति रिपोर्ट की समीक्षा की। सिब्बल ने अदालत को यह भी बताया कि डॉक्टरों की हड़ताल के कारण 23 लोगों की मौत हो गई और राज्य स्वास्थ्य विभाग ने इस पर एक रिपोर्ट भी सौंपी।