‘बटेंगे कटेंगे’ नारा फेल, यूपी में चल रही पीडीए की रेल!
- अखिलेश ने इस नारे को अपने पक्ष में गढ़कर बीजेपी को बैकफुट पर ला दिया
- राहुल गांधी की लाल किताब फिर चर्चा में
- झारखंड में सोरेन ने बनाई बढ़त
- महाराष्ट्र में भी बीजेपी का नहीं बन रहा महौल
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के लिए अग्निपरीक्षा साबित होने जा रहे इन चुनावों में यूपी की प्रयोगशाला में गढ़ा गया नारा कटेंगे तो बटेंगे क्या फेल हो चुका है? महाराष्ट्र हो या फिर झारखंड या फिर यूपी के महत्वपूर्ण उपचुनाव सभी जगह हवा का रूख बदल चुका है। बदलते रूख को देखते हुए बीजेपी ने अपनी रणनीति भी बदली है। महाराष्ट्र की फिजा चुनाव से पहले स्पष्ट संकेत दे रही है कि वहां क्या होने जा रहा है।
झारखंड मे हेमेंत सोरेन भी बीजेपी कि पिच पर नहीं फंसे और इस चुनाव को बाहरी बनाम झारंखडी बना दिया। वह लगातार बीजेपी के मजबूत लोगों को तोड़कर अपनी पार्टी में शामिल करा रहे हैं। कोमोवेश ऐसा ही हाल यूपी की फिजा में भी देखने को मिल रहा है। यूपी में कहा यह जा रहा है कि यदि चुनावी नतीजे बीजेपी के फेवर में नही आये तो यूपी का सियासी चेहरा बदल दिया जाएगा। यूपी की मौजूदा परिस्थतियां तो इसी ओर इशारा कर रही है इस नारे का कोई असर जनता पर नहीं हुआ है उल्टा नारे का फायदा विपक्ष को मिला और उसने इसी नारे के दम पर अपने लिए पाजिटिव महौल बना लिया। शायद यही कारण है कि नारा फेल हो जाने के बाद चुनाव की तिथियों में बदलाव किया गया और नये महौल के लिए सीएम योगी ने पीएम मोदी से मिलकर समय मांगा। 10 दिन का समय मिला और इन्ही 10 दिनों मे उपचुनाव के लिए महौल बनाना है। सीएम योगी ताबड़तोड़ दौरे कर रहे हैं। और कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे।
‘डरे हुए इंसान करते हैं नकारात्मक बातें’
सपा प्रमुख व यूपी के पूर्व सीएम ने सीएम योगी आदित्यनाथ के सपाइयों और बेटियों को लेकर दिए गए बयान पर कहा कि डरे हुए इंसान की सबसे बड़ी पहचान उसकी नकारात्मक बाते होती हैं। जिनके पास अपनी कोई उपलब्धि नहीं है, वह दूसरों की बात करते हैं। हालांकि, अपने बयान में उन्होंने सीएम का उल्लेख नहीं किया है। अखिलेश यादव ने कहा कि नकली मुस्कान असलियत नहीं छुपा सकती है। उन्होंने कहा कि भाजपा की 8 साल की सरकार की कोई उपलब्धि नहीं है। जिसे जनता के बीच बताए। जनता भाजपा का सूपड़ा साफ करने को तैयार है। इसीलिए भाजपा नेतृत्व बदहवासी में अर्नगल और निम्नस्तरीय बयानबाजी पर उतर आया है।
लोकसभा की तर्ज पर पिछड़ा फैक्टर चलेगा
इन उपचुनावों में लोकसभा चुनाव की तर्ज पर पिछड़ा फैक्टर ही चल रहा है। सपा ने बड़ी खूबसूरती के साथ एक बार चुनाव की बिसात पिछड़ों के इर्द गिर्द सजा दी है। बाकी कसर राहुल गांधी ने पूरी कर दी और चुनाव आते—आते उनकी लाल किताब की चर्चा चारों ओर हो रही है। चाहे ट्रोलर्स हो या फिर समाजिक आलोचक चर्चा सिर्फ राहुल की कर रहे हैं। राजनीतिक पंडितों का यही कहना है कि राहुल गांधी ने बड़ी ही चालाकी से एक बार फिर बीजेपी को अपनी पिच पर खेलने के लिए मजबूर कर? दिया है। तभी तो वह कटेंगे तो बटेंगे छोड़ कर पिछड़ों के लिए लोकलुभावन योजनाओं की प्रचार कर रही है।
जब भैंस हम लोगों को पटक ही नहीं सकी तो भाजपा वाले क्या पटकेंगे : तेजस्वी
राजद सुप्रीमो तेजस्वी यादव ने नागपुर वाला लड़ाया तो लड़ेंगे नहीं नालंदा वाला और नागपुर वाला को दिखाना है। उधर महाराष्ट्र में योगी जी बांटने के लिए क्या-क्या बोल रहे हैं? यह आप लोगों को समझना है और एकजुट हो जाना है। जब भैंस हम लोगों को पटक ही नहीं सकी तो भाजपा वाले क्या पटकेंगे। वहीं जदयू सांसद ललन सिंह पर तंज कसते हुए कहा कि जिसको दस्त लगा है, वह शंख फूंक रहा है। 20 में हम बोलते थे नौकरी देंगे तो नीतीश कहते थे कि अपने बाप के पास से लायेगा नौकरी।
हिन्दू-मुसलमान की एकता से ही देश आगे बढ़ेगा : अठावले
केंद्रीय मंत्री और आरपीआई-आठवले के अध्यक्ष रामदास अठावल ने कहा है कि देश हिंदू-मुस्लिम एकता से ही आगे बढ़ सकता है। इसके साथ ही उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को लेकर आए फैसले का भी स्वागत किया। नासिक में रामदास अठावले ने कहा, कि हम मुसलमानों का विरोध नहीं करते हैं, सुप्रीम कोर्ट ने मुसलमानों के बारे में जो बयान दिया है उससे हम सहमत हैं, हिन्दू-मुसलमान की एकता ही देश को मजबूती से आगे बढ़ा सकती है। उधर, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बटोंगे तो कटोगे वाले बयान में महायुति में तकरार देखने को मिल रही है। जहां, एक तरफ एनसीपी प्रमुख अजित पवार ने इस नारे पर सवाल खड़े किए हैं तो एकनाथ शिंदे के नेता संजय निरुपम का कहना है कि इसमें कुछ गलत नहीं है, निरुपम ने ये भी कहा कि अजित पवार अभी इसे नहीं समझ रहे हैं लेकिन आगे जरूर समझेंगे।
आनन-फानन में जारी करनी पड़ी छात्रवृत्ति योजनाओं की लिस्ट
सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के छात्रों के लिए पूर्वदशम् और दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजनाओं की समय सारिणी का दूसरा चरण शुरू कर दिया है। इस योजना का उद्देश्य पिछड़े वर्ग के छात्रों को शिक्षा के क्षेत्र में प्रोत्साहन देना और उनके आर्थिक बोझ को कम करना है। पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेंद्र कश्यप ने बताया कि राज्य में कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों और अन्य उच्च कक्षाओं के लिए छात्रवृत्ति योजनाओं का द्वितीय चरण जारी कर दिया गया है।