महायुति में मचा बवाल
गठबंधन की एकता पर उठ रहे सवाल
- अजित पवार ने खोला मोर्चा गठबंधन में पड़ी दरार!
- चुनाव बाद फिर चाचा के साथ जा सकते हैं अजित
- खरगे बोले- योगी के मुंह में राम और बगल में छुरी है
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। विधानसभा चुनावों को लेकर महाराष्ट्र का सियासी पारा इन दिनों चढ़ा हुआ है। चुनावी नारे और नेताओं की सियासी बयानबाजी लगातार जारी है। एक ओर सत्ताधारी गठबंधन महायुति है जो सत्ता में फिर से वापसी की कवायद में लगा हुआ है। वहीं दूसरी ओर विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी प्रदेश में अपनी सरकार बनाने की जुगत में जुटा है। जितना-जितना चुनाव करीब आता जा रहा है नेताओं के सियासी हमले उतने ही तीखे होते जा रहे हैं।
सीएम योगी व बीजेपी द्वारा बटेंगे तो कटेंगे का नारा बुलंद करने के बाद अब विपक्ष इस नारे पर लगातार पलटवार कर रहा है। लेकिन इस नारे के ही चलते अब भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन में ही खटपट मची हुई है और ऑल इज वेल नजर नहीं आ रहा है। भाजपा के इस नारे का महायुति के सहयोगी और प्रदेश के उपमुख्यमंत्री अजित पवार लगातार विरोध कर रहे हैं। आलम ये हो गया है कि अजित पवार और उनकी पार्टी के नेता अब खुलेआम मंचों से सीएम योगी व बीजेपी के इस नारे पर नाराजगी जता रहे हैं। अजित के इस कड़े रुख के चलते अब चुनाव के पीक पर महायुति में दरार सामने दिखने लगी है। क्योंकि एक ओर जहां भाजपा बटेंगे तो कटेंगे की बात करके हिंदुओं को साधने और मुस्लिमों को टारगेट करने की बात कर रही है। तो वहीं दूसरी ओर एनसीपी की कमान संभाले अजित पवार हैं, जो अपने मुस्लिम वोटरों को नहीं खोना चाहते हैं। अगर चाचा शरद पवार का मुकाबला करना है तो मुस्लिमों को साधना ही पड़ेगा और पुरानी एनसीपी के कोर वोट बैंक को अपने साथ रखना ही पड़ेगा। इसीलिए अजित पवार इस नारे का विरोध कर रहे हैं और सबका साथ-सबका विकास का राग अलाप रहे हैं।
खरगे ने बोला सीएम योगी पर हमला
महायुति से इतर कांग्रेस और भाजपा के बीच भी चुनावी जंग आए दिन तेज होती जा रही है। एक बार फिर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भाजपा और सीएम योगी पर जबरदस्त हमाल बोला है। खरगे ने सीएम योगी को कपड़े बदल कर राजनीति करने के लिए कहा। महाराष्ट्र में चुनावी मौसम के बीच आहूत संविधान बचाओ सम्मेलन में बोलते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने तीखे शब्दों में कहा कि कई लोग साधुओं के वेश में रहते हैं और अब राजनेता बन गये हैं। कुछ तो मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंच चुके हैं, उनके सिर पर बाल भी नहीं है। मैं भाजपा से कहूंगा कि या तो आप सफेद कपड़े पहने या फिर अगर आप सन्यासी है तो राजनीति से बाहर निकले। एक तरफ तो आप गेरूए कपड़े पहनते है और दूसरी तरफ कहते हैं कि बटेंगे तो कटेंगे, यह एक सन्यासी की भाषा नहीं हो सकती।
एनसीपी के कोर वोट को साधने की कोशिश
शरद पवार से बगावत कर एनसीपी के नाम-निशान पर कब्जा कर लेने के बाद से ही अजित पवार लगातार यह दावा करते रहे हैं कि उनकी अगुवाई वाली पार्टी ही असली एनसीपी है। अब असली का दावा है तो असली की तरह दिखना भी पड़ेगा। अब चूंकि एनसीपी की इमेज मुस्लिम विरोध की नहीं रही है। जबकि दूसरी ओर अजित पवार के गठबंधन के दोनों सहयोगी मुखर हिंदुत्व की राह पर हैं। ऐसे में खुद अजित के लिए भी जरूरी हो जाता है कि वे अपने दावे को स्थापित करने के लिए इसका मुखर विरोध करें, ताकि मुस्लिम वोटर उनसे न छिटके। लोस चुनाव में अजित की पार्टी एक ही सीट जीत सकी तो उसके पीछे भी यही वजह बताई गई कि एनसीपी के मतदाताओं को उनका पूरी तरह से बीजेपी के रंग में रंग जाना रास नहीं आया।
फिर पाला बदल सकते हैं दादा!
अजित को लेकर महायुति व भाजपा में वैसे भी सवाल उठते रहे हैं। लोकसभा चुनावों में महाराष्ट्र में बीजेपी को हुए नुकसान के लिए भी अजित पवार को गठबंधन में शामिल करना एक प्रमुख वजह बताया गया था। संघ भी लगातार ही अजित के गठबंधन में शामिल होने पर नाराजगी जताता रहा है। ऐसे में अजित पवार भाजपा से इतर जाकर बात कर रहे हैं और बीजेपी के नारे का ही विरोध कर रहे हैं। तो संभावनाएं इसकी भी उठती हैं कि चुनाव परिणाम के बाद अजित पवार के भविष्य पर संकट आ सकता है। संभावना इसकी भी है कि अजित पवार फिर से पलटी मारकर चाचा के पास वापस पहुंच सकते हैं। क्योंकि भाजपा से विरोध करके तो महायुति में अजित के लिए रह पाना संभव नहीं है।
अजित-शरद पवार पानी की तरह : नवाब मलिक
अजित पवार की पार्टी की तरफ से लगातार ऐसे बयान आ रहे हैं जो महायुति में मचमच होने के सबूत देते हैं। एक बार फिर अजित के नेता नवाब मलिक ने कहा कि वोटिंग के नतीजे आने के बाद कौन किसके साथ होगा ये कोई नहीं बता सकता। लोग चाहते हैं कि अजित पवार और शरद पवार एक साथ आएं। नवाब मलिक के इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं। तो वहीं ये बयान महायुति में मचे बवाल को भी दर्शाता है। मलिक ने आगे कहा कि अजित पवार और शरद पवार पानी की तरह हैं। पानी एक साथ आता रहता है।
उपचुनाव के प्रचार में नेताओं के बिगड़े बोल
- भाजपा व सपा में एक-दूसरे पर तीखे प्रहार
- योगी ने सपा को बताया अपराधियों का प्रोडक्शन हाउस
- सपा का पलटवार, लगा दें पार्टी पर प्रतिबंध
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। उपचुनाव सीधे तौर पर सपा-भाजपा के बीच है। यह चुनाव सीएम योगी आदित्यनाथ और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है। चुनाव जीतने की रणनीति भी प्रदेश स्तर पर तय की जा रही है।
भाजपा सभी सीटों पर दावा कर रही है, लेकिन पांच से एक भी सीट अधिक हुई तो यह उसकी उपलब्धि मानी जाएगी। सपा उसकी इस उपलब्धि को रोककर जनता के बीच यह संदेश देना चाहती है कि लोकसभा की तरह ही जनता के बीच उसका जलवा कायम है। इस चुनाव परिणाम के आधार पर स्थानीय क्षत्रपों का भविष्य भी तय होगा। उधर वार-पलटवार के बीच समाजवादी पार्टी के संभल से सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने यूपी के सीएम योगी के सपा को अपराधियों का प्रोडक्शन हाउस बताने पर कहा कि योगी महाराज की राजनीतिक पॉलिसी यहां कुंदरकी में आकर क्यों खत्म हो जाती है। सीएम ने बंटोगे तो कटोगे कहकर सपा पर निशाना साधा है।
सपा ने दिया जवाब
रायबरेली में लगे पोस्टर का जवाब सपा ने लखनऊ में दिया है औरलखनऊ में पार्टी हेडक्वार्टर के सामने पोस्टर लगाए गये हैं। इन पोस्टर पर लिखा है कि कटेंगे न बंटेंगे। पीडीए (पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) से जुड़ेंगे तो सफलता की उड़ान उड़ेंगे। दूसरे पोस्टर में लिखा है बांटने वाले बांट नहीं पाएंगे काटने की बात करने वाले 2027 में मुंह की खाएंगे। सपा से जुड़ेंगे तो सेफ रहेंगे, नेक रहेंगे। समाजवादी पार्टी ने इन पोस्टरों के जरिए सत्तारूढ़ भाजपा पर पलटवार किया है।
राहुल की रायबेरली में लगे पोस्टर
उत्तर प्रदेश के उप—चुनाव किसी भी राज्य के मुख्य चुनाव के बराबर माना जा रहा है। हालांकि यहां सिर्फ 9 सीटो पर चुनाव है लेकिन लग ऐसा रहा है कि पूरे राज्य में चुनाव हो रहा है। खबर राहुल गांधी के रायबरेली से आ रही है जहां रायबरेली की मुख्य सड़कों पर बटेंगे तो कटेंगे नारे के साथ सीएम योगी तस्वीर चस्पा कर पोस्टर लगाए जा रहे हैं। भाजपा युवा मोर्चा के मंडल अध्यक्ष हर्षित तोमर ने ये पोस्टर लगवाए हैं। इन पोस्टर ने राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज कर दी है।
आजम खान के परिवार से होगी अखिलेश की मुलाकात : फहीम
इसी दौरान समाजवादी पार्टी के विधायक मोहम्मद फहीम ने कहा कि कल अखिलेश यादव कुंदरकी में चुनावी जनसभा करने आ रहे हैं और उन्हें उम्मीद है कि यहां पर हजारों की तादाद में लोग अखिलेश यादव को सुनने के लिए आएंगे सपा विधायक ने बताया कि अखिलेश यादव आज सोमवार को रामपुर में आजम खान के परिवार से मुलाकात करने भी जा सकते हैं.
सत्ता का सहारा लेकर आरएसएस के लोग यहां गुंडागर्दी करते हैं : जियाउर्रहमान बर्क
सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने कहा कि उन्हें या तो यहां के भाजपा प्रत्याशी से सीख लेनी पड़ेगी कि राजनीति कैसे करते हैं या फिर भाजपा प्रत्याशी को उन से सीख लेनी है कि किस तरह की राजनीति करनी है, क्योंकि दोनों का राजनीति तरीका भिन्न है, सीएम योगी ऐसी बातें करते हैं तो फिर संविधान और कानून की जरूरत है क्या है पूरी समाजवादी पार्टी पर प्रतिबंध लगाकर उसे बंद कर दें, यहां गुंडागर्दी सपा के लोग नहीं करते बल्कि सत्ता का सहारा लेकर आरएसएस के लोग यहां गुंडागर्दी करते हैं।