भाजपा ने किसानों से की वादा खिलाफी: राहुल

  • नेता प्रतिपक्ष बोले- महाराष्ट्र के किसानोंके लिए एमवीए उठाएगा ऐतिहासिक कदम
  • कांग्रेस ने की मणिपुर में अफस्पा को फिर से लागू करने की निंदा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी महाराष्ट्र में चुनावी प्रचार अभियान के दौरान वहां के किसानों की बदहाली का मुद्दा उठाया। उन्होंने सत्तारूढ़ महायुति सरकार की आलोचना करते हुए दावा किया था कि महाराष्ट्र ने केवल 3,888 मीट्रिक टन सोयाबीन खरीदा है, जबकि तेलंगाना ने लगभग 25,000 मीट्रिक टन सोयाबीन खरीदा है। कांग्रेस ने कहा कि यह उनके बीच का अंतर है जो किसान कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं तथा जो अपनी जेब और सत्ता के लिए प्रतिबद्ध हैं। कांग्रेस सांसद ने कहा कि महा विकास आघाडी (एमवीए) सोयाबीन के लिए 7,000 रुपए प्रति क्विंटल और बोनस तय करके महाराष्ट्र के किसानों के लिए ऐतिहासिक कदम उठाने जा रहा है।
गांधी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, एमवीए हमारे किसानों को उनके अधिकार, कड़ी मेहनत का फल और न्याय दिलाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि एमवीए प्याज के लिए उचित मूल्य और कपास के लिए सही न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय करने के लिए एक समिति बनाएगा। मणिपुर के छह पुलिस थाना क्षेत्रों में सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (अफस्पा) को पुन: लागू किए जाने की मणिपुर कांग्रेस और अन्य क्षेत्रीय संगठनों ने कड़ी निंदा की है। प्रदेश कांग्रेस प्रमुख कैशम मेघचंद्र ने इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि यह राज्य में चल रही उथल-पुथल को दूर करने में केंद्र और राज्य दोनों सरकारों की विफलता का स्पष्ट संकेत है। एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा कि इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम, बिष्णुपुर, जिरीबाम और कांगपोकपी जैसे जिलों में अफस्पा को फिर से लागू करना, 18 महीने की अशांति के बाद शांति बहाल करने में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार की अक्षमता को दर्शाता है। जिन पुलिस थाना क्षेत्रों में अफस्पा को फिर से लागू किया गया है, वे हैं इंफाल पश्चिम जिले में सेकमाई और लमसांग, इंफाल पूर्वी जिले में लमलाई, जिरीबाम जिले में जिरीबाम, कांगपोकपी में लीमाखोंग और बिष्णुपुर में मोइरांग। मेघचंद्र ने आगे चिंता व्यक्त की कि इस कदम से पूरे मणिपुर में अफस्पा लागू करने का रास्ता साफ हो सकता है, जिससे स्थानीय लोगों में भय बढ़ जाएगा। मणिपुर की अखंडता पर समन्वय समिति के शीर्ष निकाय ने भी इस फैसले का कड़ा विरोध किया है। सीओसीओएमआई के प्रवक्ता के. अथौबा ने अफस्पा को दोबारा लागू करने के पीछे के औचित्य पर सवाल उठाया तथा केंद्र से यह स्पष्ट करने का आग्रह किया कि यह अधिनियम शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने में किस प्रकार मदद करेगा।

भाजपा सरकार की किसान विरोधी नीतियों से सब निराश

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि पिछले तीन चुनावों से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सोयाबीन के लिए 6,000 रुपए एमएसपी देने का वादा कर रही है, लेकिन आज भी किसान अपनी मेहनत से उगाए गए सोयाबीन को 3,000-4,000 रुपए में बेचने को मजबूर हैं। इससे पहले गांधी ने दावा किया था कि महाराष्ट्र के सोयाबीन और कपास उत्पादक किसान भाजपा नीत सरकार की किसान विरोधी नीतियों के कारण निराश हैं। कांग्रेस नेता ने वादा किया था कि राज्य में सरकार बनने के बाद विपक्षी गठबंधन इंडिया उनके मुद्दों का समाधान करेगा।

किसानों की सुनीं समस्याएं

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए महाराष्ट्र के सोयाबीन और कपास किसानों से बातचीत की और उनकी समस्याएं सुनीं। राहुल गांधी को सोयाबीन और कपास उत्पादक किसानों की एक रैली को संबोधित करने के लिए चुनावी राज्य महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले के चिखली का दौरा करना था।

केंद्र पर निर्भरता घटाने केउपायों पर करेंगे विचार : उमर

नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की और राजस्व सृजन पर ध्यान केंद्रित करते हुए आर्थिक एवं वित्तीय प्रगति पर चर्चा की, ताकि केंद्र पर निर्भरता घटाई जा सके। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उनकी यह बैठक इसलिए मायने रखती है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) नीत सरकार छह साल के केंद्रीय शासन की समाप्ति के बाद, अपना पहला बजट पेश करने वाली है। नेकां ने सीतारमण और अब्दुल्ला की मुलाकात की एक तस्वीर एक्स पर पोस्ट की। पार्टी ने कहा, जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट मामलों की कैबिनेट मंत्री से मुलाकात की। चर्चा जम्मू कश्मीर की आर्थिक और वित्तीय प्रगति के इर्द-गिर्द केंद्रित रही। अधिकारियों ने बैठक को बहुत सकारात्मक बताया और कहा कि मुख्यमंत्री ने जम्मू कश्मीर की वित्तीय स्थिति और राजस्व सृजन करने के उपायों पर चर्चा की, ताकि केंद्र सरकार पर निर्भरता घटाई जा सके। अब्दुल्ला ने बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी में निवेश की आवश्यकता के बारे में भी बात की, इससे जम्मू-कश्मीर को निवेश गंतव्य के रूप में बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने खासकर पर्यटन, कृषि और बागवानी जैसे क्षेत्रों में निवेश तथा रोजगार सृजन पर जोर दिया।

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