रायगढ़ घराने का कथक परंपरा में अमूल्य योगदान: यास्मीन सिंह
- कला और संस्कृति की अद्भुत धरोहर को समर्पित रहा आयोजन
- कथक परंपरा पर आधारित पुस्तकों का हुआ लोकार्पण
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। भारतीय शास्त्रीय नृत्य की समृद्ध विरासत को संरक्षित और प्रचारित करने के उद्देश्य से एवं कला और संस्कृति के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण योगदान के रूप में, यास्मीन सिंह ने रायगढ़ घराने के कथक परंपरा पर आधारित दो पुस्तकों का लोकार्पण किया। यह पुस्तकें कथक नृत्य की समृद्ध विरासत और रायगढ़ घराने के योगदान को उजागर करती हैं। यास्मीन सिंह ने अपने संबोधन में कहा, रायगढ़ घराने का कथक परंपरा में अमूल्य योगदान रहा है। महाराजा चक्रधर सिंह की सौंदर्यबोध और उनके द्वारा किए गए कार्यों को हमें कभी भुलाना नहीं चाहिए। इन पुस्तकों का लोकार्पण एक महत्वपूर्ण कदम है जो कथक नृत्य की विरासत को संरक्षित करने और आगे बढ़ाने में मदद करेगा।
यास्मीन सिंह के इस प्रयास की सराहना करते हुए, हमें उम्मीद है कि यह पुस्तकें कथक प्रेमियों और कला संरक्षकों के लिए एक अमूल्य संसाधन सिद्ध होंगी। यास्मीन सिंह कला जगत के लिए एक वरदान से कम नहीं हैं। नए जनरेशन के कथक कलाकारों के बीच यास्मीन एक उदीयमान नाम है, जिन्होंने अपनी अद्वितीय प्रतिभा और समर्पण से कथक जगत में एक विशिष्ट स्थान बनाया है। यास्मीन सिंह की कथक यात्रा की शुरुआत इंदौर के प्रसिद्ध गुरु मधुकर जगताप जी के संरक्षण में हुई। उनकी मार्गदर्शन में यास्मीन ने कथक की बारीकियों को सीखा और इस कला के प्रति अपनी समर्पण को बढ़ाया। इस अवसर पर केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, रायगढ़ घराने की कथक परंपरा भारतीय शास्त्रीय नृत्य का एक महत्वपूर्ण अंग है। डॉ. यास्मीन सिंह की इन पुस्तकों के माध्यम से हम राजा चक्रधर सिंह की अनमोल विरासत को संरक्षित और प्रचारित कर सकते हैं।
छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष रमन सिंह ने कहा, डॉ. यास्मीन सिंह ने रायगढ़ घराने की कला परंपरा को सहेजने और उसके प्रचार-प्रसार करने का जो प्रयास किया है, वह भारतीय शास्त्रीय नृत्य की दुनिया में एक मील का पत्थर साबित होगा।
यास्मीन सिंह को मिले हैं कई प्रतिष्ठिïत सम्मान
यास्मीन सिंह को अद्वितीय प्रतिभा और समर्पण के लिए कई पुरस्कार और सम्मान मिले हैं। इनमें से कुछ प्रमुख पुरस्कार हैं-संस्कृति मंत्रालय द्वारा सीनियर फेलोशिप, आईसीसीआर द्वारा प्रमाणित एकल कलाकार, दूरदर्शन की उत्कृष्ट कलाकार, संस्कार भारती, छत्तीसगढ़ की उपाध्यक्ष का पद रहीं।
कई पुस्तकों ने प्राप्त की ख्याति
कथक नृत्य प्रणेता और संरक्षक- राजा चक्रधर सिंह-यह पुस्तक राजा चक्रधर सिंह के जीवन, उनके बचपन, शिक्षा, रायगढ़ रियासत, कला और कलाकारों के संरक्षक के रूप में उनकी भूमिका, रायगढ़ घराने की स्थापना, और कथक नृत्य के विकास में उनके अभूतपूर्व योगदान पर केंद्रित है। इसमें उनकी रचनात्मक दृष्टि, शास्त्रीय संगीत और नृत्य में उनकी गहन पकड़, और उनके द्वारा रचित अनूठी ताल और बंदिशों का उल्लेख किया गया है। रायगढ़ घराने की कथक रचनाओं का सौंदर्यबोध- यह पुस्तक रायगढ़ घराने की रचनाओं की विशिष्टताओं, सौंदर्यशास्त्र और उनके ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व का विश्लेषण प्रस्तुत करती है।
वक्ताओं ने रायगढ़ घराने के महत्व पर साझा किए विचार
पुस्तकों के संकलकों और लेखकों ने उनकी रचना प्रक्रिया और रायगढ़ घराने के महत्व पर अपने विचार साझा किए। सांस्कृतिक सत्र में श्रोताओं को पुस्तक की विषयवस्तु और कथक के विकास पर सवाल-जवाब करने का अवसर दिया गया।
रायगढ़ घराने की परंपरा को विश्व मंच पर लाने का प्रयास
इस समारोह ने रायगढ़ घराने की महान परंपरा को विश्व मंच पर ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इन पुस्तकों का लोकार्पण केवल साहित्य का प्रकाशन नहीं है, बल्कि भारतीय सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने का एक सराहनीय प्रयास है।