लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आरोपी आशीष मिश्रा की बढ़ी मुश्किलें, सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस 

सुप्रीम कोर्ट ने आज (27 नवंबर) लखीमपुर खीरी हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है...

4PM न्यूज़ नेटवर्क: सुप्रीम कोर्ट ने आज (27 नवंबर) लखीमपुर खीरी हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। दरअसल, पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को 2021 के लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में गवाहों को धमकाने के आरोप पर जवाब देने का निर्देश दिया। वहीं इस हिंसा में 8 लोगों की मौत हो गई थी। बता दें कि आशीष मिश्रा पर गवाहों को धमकाने के आरोप लगे हैं। इस मामले में न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने बुधवार को सुनवाई के दौरान आशीष मिश्रा के वकील सिद्धार्थ दवे से एक हलफनामा दाखिल करने को कहा है, जिसमें आशीष मिश्रा पर लगे आरोपों पर सफाई मांगी गई है।

जानिए पूरा मामला

 रिपोर्ट्स के मुताबिक पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा का बेटा आशीष मिश्रा मुख्य आरोपी है। फिलहाल आशीष मिश्रा जमानत पर बाहर है। इस मामले में एक शिकायतकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दावा किया है कि आशीष मिश्रा द्वारा गवाहों को डराया-धमकाया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ आशीष मिश्रा के वकील ने आरोपों से साफ इनकार किया। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा को चार हफ्ते में हलफनामा पेश कर आरोपों पर जवाब मांगा है।
सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा को 22 जुलाई को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था, लेकिन उसे दिल्ली और लखनऊ में न रहने का निर्देश दिया था, ताकि वह गवाहों को प्रभावित न कर सके। हालांकि 26 सितंबर को शीर्ष अदालत ने आशीष मिश्रा को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में रहने की इजाजत दे दी थी।
शीर्ष अदालत ने उसकी जमानत शर्तों में ढील दी ताकि वह अपनी बीमार मां की देखभाल और अपनी बेटी के इलाज के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में जाए और वहां रह सके पिछले साल 6 दिसंबर को, सुनवाई अदालत ने आशीष मिश्रा और 12 अन्य के खिलाफ किसानों की मौत के मामले में हत्या, आपराधिक साजिश और अन्य दंडात्मक कानूनों के तहत कथित अपराधों के लिए आरोप तय किए, जिससे मुकदमे की शुरुआत का रास्ता साफ हो गया।

महत्वपूर्ण बिंदु

  • 3 अक्टूबर 2021 को उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के लखीमपुर दौरे के विरोध में किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया था।
  • उस दौरान एक कार से कुचलकर चार किसानों की मौत हो गई थी, हिंसा में एक पत्रकार की भी मौत हुई थी।
  • घटना के बाद गुस्साए किसानों ने कार के ड्राइवर और दो भाजपा कार्यकर्ताओं की भी पीट-पीटकर हत्या कर दी थी।

 

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