लगातार संसद स्थगित होने पर उठे सवाल
सरकार ही नहीं चाहती चले सदन!
- कांग्रेस ने भाजपा पर किया तीखा प्रहार
- जयराम ने कहा- विपक्षी नेताओं को जानबूझकर आक्रामक कर रही सरक ार
- ओम बिरला बोले- देश की जनता चाहती है संसद में हो कामकाज
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। 25 नवम्बर को शुरू हुआ संसद के शीतकालीन सत्र का पहला सप्ताह हंगामे की भेंट चढ़ गया। एनडीए सरकार की पिछली सरकारों के कार्यकाल के समय लोकसभा व राज्यसभा की कार्यवाहियां शोर-शराबे के बीच गुम हो गई थीं इसबार तो सदन शुरू होने के चंद मिनटों के बाद ही स्थगित हो जा रहीं हैं।
इस तरह लगातार चौथी बार संसद के स्थगित होने पर कांग्रेस ने सरकार को घेरा है। कांग्रेस ने सवाल उठाया है कि आखिर ऐसा क्या है जो सरकार स्थगन का विरोध नहीं कर रही है। उधर सत्ता पक्ष सदन न चलने का ठीकरा विपक्ष पर फोड़ रही है। वहीं विपक्षी गठबंधन इंडिया के कई नेता तो अब यह कह रहें हैं कि सरकार ही कई मुद्दे को लेकर राजनीतिक दलों की आक्रामकता बढ़ा रही है। दरअसल सोमवार से शुरू हुआ संसद का शीतकालीन सत्र लगातार चल नहीं पा रहा है। राज्यसभा और लोकसभा में अडानी पर लगे आरोपों और संभल हिंसा को लेकर लगातार विपक्ष का हंगामा जारी है। इसके चलते शु्क्रवार को भी लगातार चौथी बार संसद की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
सरकार स्थगन का विरोध क्यों नहीं कर रही : जयराम
कांग्रेस महासचिव ने एक्स पर पोस्ट में कहा कि अडानी मुद्दे को लेकर संसद में एक और दिन कार्यवाही नहीं हो सकी। आज भी दोनों सदनों की कार्यवाही कुछ ही मिनटों में स्थगित कर दी गई। सबसे बड़ा रहस्य यह है कि सरकार स्थगन का विरोध क्यों नहीं कर रही है? सरकार इस मामले में भारतीय दलों की आक्रामकता को बढ़ावा दे रही है। जाहिर है कि सरकार के पास बचाव और क्षमा मांगने के लिए बहुत कुछ है।
नियम नंबर 267 के तहत 17 स्थगन प्रस्ताव सभापति को दिए गए
इससे पहले विपक्षी सांसदों ने अडानी समूह पर लगे आरोपों, मणिपुर और संभल हिंसा को लेकर दोनों सदनों में स्थगन प्रस्ताव पेश किया। इसके बाद दोनों सदनों की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। अब सदन सोमवार को शुरू होगा। इससे पहले राज्यसभा में नियम नंबर 267 के तहत 17 स्थगन प्रस्ताव सभापति जगदीप धनखड़ को मिले। इस पर धनखड़ ने कहा कि वह सभी प्रस्तावों को खारिज कर रहे है। इसे लेकर विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। सभापति ने इस पर कड़ी नाराजगी जाहिर की और कहा कि नियम नंबर 267 तबाही का हथियार बन गया है। इससे देश की जनता और देश का भारी नुकसान हो रहा है।
लोस अध्यक्ष ने की संसद चलने देने की अपील
लोकसभा की कार्यवाही शुक्रवार को भी हंगामेदार रही। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला लगातार सदस्यों से सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने का आग्रह करते रहे। वहीं, विपक्षी दलों के सदस्यों ने उनकी एक ना सुनी और हंगामा जारी रखा। लोकसभा स्पीकर ने कहा कि चर्चा, संवाद होना चाहिए। सहमति और असहमति हमारे लोकतंत्र की ताकत है। उन्होंने लोकसभा सदस्यों से आग्रह किया कि जनता की भावनाओं, उनकी आशाओं और आकांक्षाओं के अनुसार आप सदन चलने में सहयोग करें। आज महिलाओं से जुड़े महत्वपूर्ण विषय पर प्रश्नकाल में चर्चा हो रही है। प्रश्नकाल आपका समय है। देश की जनता लगातार माननीय सांसदों के बारे में जनता अपनी राय व्यक्त कर रही है। इसलिए मैं आपसे आग्रह करता हूं कि सदन को चलने दें। उन्होंने सदस्यों से कहा कि सदन आपका है, सदन सबका है। देश भी चाहता है कि संसद चले।
संभल मामले को लेकर सख्त हुआ सुप्रीम कोर्ट
- शीर्ष अदालत का योगी सरकार को आदेश- शांति और सौहार्द बनाए रखें
- मामले की अगली सुनवाई 6 जनवरी 2025 के बाद होगी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। संभल जिले स्थित जामा मस्जिद बनाम हरिहर मंदिर विवाद मामले में मस्जिद पक्ष की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई। निचली अदालत के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच ने सख्त टिप्पणियां की हैं।
उच्चतम न्यायलय ने योगी सरकार व जिला प्रशासन को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि वह यह सुनिश्चित करें कि संभल में शांति व्यवस्था बनी रहे, साथ ही निचली अदालत से भी कहा कि संबंधित मामले में फिलहाई कोई एक्शन न ले। मामले की अगली सुनवाई 6 जनवरी के बाद होगी। शुक्रवार को संभल मामले में सुनवाई शुरू हुई तो मस्जिद कमेटी ने दलील देते हुए कहा कि सर्वे का आदेश उसी दिन आ गया जिस दिन आवेदन दायर किया गया था और यह दोनों की तारीख 19 नवंबर थी। यही नहीं सर्वे भी उसी दिन शाम 6 बजे से लेकर रात 8.30 बजे तक हुआ। मस्जिद पक्ष ने कोर्ट के सामने कहा कि 23 नवंबर को जब हम कानूनी सलाह लेने की तैयारी कर रहे थे तभी उसी दिन आधीरात में पता चला कि सर्वे अगले दिन ही होगा। 24को सुबह 6.15 बजे सर्वे की टीम मस्जिद पहुंच गई और सुबह की नमाज के लिए जो नमाजी इक_ा थे उन्हें वहां से जाने के लिए कहा गया।
निचली अदालत को भी रोका, रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे में रखने के आदेश
मस्जिद पक्ष की दलील के बाद उच्चतम न्यायलय ने निचली अदालत को निर्देशित किया वह इस मुकदमे में तब तक आगे न बढ़े, जब तक कि सर्वे के आदेश को चुनौती देने वाली मस्जिद समिति की याचिका हाईकोर्ट में सूचीबद्ध न हो जाए। इसके अलावा कोर्ट ने कमिश्नर की रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे में रखने और इस दौरान उसे न खोलने का भी निर्देश दिया। साथ ही उत्तर प्रदेश प्रशासन को भी सख्त निर्देश दिए कि संभल में शांति और सद्भाव बने रहना चाहिए।
चंदौसी कोर्ट में अगली सुनवाई की तारीख 8 जनवरी
संभल की शाही जामा मस्जिद की सर्वे रिपोर्ट शुक्रवार को चंदौसी कोर्ट में पेश नहीं की जा सकी। अब मामले की अगली सुनवाई आठ जनवरी को होगी। बताया जा रहा है कि हिंसा की वजह से अभी तक रिपोर्ट तैयार नहीं हो सकी है। शाही जामा मस्जिद कमेटी का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील शकील अहमद वसीम ने कहा, हम मस्जिद की ओर से अदालत में पेश हुए और अनुरोध किया कि मामले से संबंधित दस्तावेजों की प्रतियां हमें दी जाएं और अदालत ने वही आदेश दिया। सर्वे रिपोर्ट आज जमा नहीं की गई। सर्वे टीम ने रिपोर्ट देने के लिए समय बढ़ाने की मांग की है। अब कोई अन्य सर्वे (मस्जिद का) नहीं होगा।