नीतीश की पार्टी में कहीं भयंकर भगदड़ न हो जाए! तिरहुत की हार के बाद विधायक ने पार्टी के बड़े नेताओं के खिलाफ खोला मोर्चा
4PM न्यूज़ नेटवर्क: बिहार में बेलागंज का विधानसभा उपचुनाव भले हीं जेडीयू ने जीत लिया हो, लेकिन तिरहुत स्नातक विधान परिषद के चुनाव में जिस तरह से जेडीयू की करारी हार हुई है और जेडीयू उम्मीदवार अभिषेक झा चौथे नंबर पर रहे पार्टी के अंदर बवाल थमता हुआ नजर नहीं आ रहा है। जेडीयू के और एनडीए के कई नेता इस हार का ठीकरा अभिषेक झा और जेडीयू सांसद देवेश चंद्र ठाकुर के सर फोड़ रहे हैं। नेताओं आरोप है कि अभिषेक झा और देवेश चंद्र ठाकुर के ओवर काॅफिंडेंस ने पार्टी को इतनी बुरी तरह से हरवा दिया। अब विधायक चेतन आनंद ने भी मोर्चा खोल दिया है।
चेतन आनंद ने कहा कि ये एक तरीके से आप देखेंगे तो किससे पूछा गया। आप चुनाव लड़ रहे हैं। चुनाव में जब आप जाते हैं तो आपका दायित्व होता है कि लोगों को आप साथ करें न कि दूर करें। लगातार हम लोग देख रहे थे कि कैंडिडेट कहीं जा नहीं रहे हैं। कैंडिडेट किसी को तवज्जो नहीं दे रहे हैं।
उपचुनाव में पोस्टर से बड़े नेताओं के नाम और चेहरे भी गायब रहे
पोस्टर पर बड़े नेताओं के नाम और चेहरे गायब रह रहे थे। चेतन आनंद ने कहा कि ऐसा दिखाई दिया कि ओवर कांफिडेंस एक फैक्टर रहा। तिरहुत में टोटल पांच राजपूत विधायक है। राजू सिंह, संजय सिंह, चेतन आनंद, अशोक सिंह, सांसद लवली आंनद, सांसद वीणा देवी सब लोग इंतजार कर रहे थे कि चुनाव में मदद मांगी जाएगी। बिना राजपूत विधायकों के कोई समझ जाए कि चुनाव जीत जाएंगे तो यह तो नहीं होगा। तिरहुत में NDA का वोट है। लेकिन वोट मैनेजमेंट की ज्यादा जरूरत होती है। जब आप मैसेज देंगे कि आपको न आपको राजपूत के लीडर चाहिए न आपको भूमिहार लीडर नहीं चाहिए।
चेतन आनंद ने कहा कि जब गठबंधन की पाॅलिटिक्स होती है तो जब तक लोग साथ नहीं आएंगे तब तक जीत प्राप्त करना मुश्किल होता है। चेतन आनंद ने कहा कि पूरे चुनाव में सबसे बड़ी खामी यह दिखायी दी कि जेडीयू उम्मीदवार अभिषेक झा ने किसी को पूछा हीं नहीं। आप किसी से मदद मांगेंगे तो क्यों नहीं मदद करेंगे। सरकार ने हमसे मदद मांगी तो हम आरजेडी से जेडीयू में आ गये।