किसान आंदोलन पर मंथन, राकेश टिकैत बोले, चाहिए एमएसपी पर गारंटी और मुआवजा

किसान नेता ने जताई समाधान की उम्मीद

  • कुंडली बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में पहुंचे किसान नेता
  • अहम निर्णय ले सकता है मोर्चा, कई मांगों को लेकर हुई बैठक

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली। कृषि कानूनों की वापसी के बाद संयुक्त किसान मोर्चा की अहम बैठक आज कुंडली बॉर्डर पर हुई। इसमें आंदोलन को लेकर मंथन जारी है। बैठक से पहले किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि एमएसपी की हमारी मांग भारत सरकार से है। बातचीत अभी शुरू हुई है, देखते हैं इसका क्या निष्कर्ष निकलेगा। अभी कोई रणनीति नहीं बनाई है, हम अपने मुद्दों और आंदोलन को लेकर चर्चा करेंगे। एमएसपी पर गारंटी और पंजाब की तरह हमें किसानों की मौत व रोजगार के लिए राज्यवार मुआवजा चाहिए।

राकेश टिकैत ने कहा है कि आज की बैठक से कुछ उम्मीद है। मीटिंग में सीड बिल, ट्रैक्टर, बिजली, कमेटी गठन पर भी बात होगी। इस पर सभी एक मत हैं। टिकैत ने कहा कि हरियाणा सरकार से कल बात हुई है लेकिन केंद्र सरकार से कोई बात नहीं हुई। हमारी चिट्ठी का जवाब भी नहीं मिला है। वहीं किसान नेता रणजीत सिंह राजो ने कहा कि किसान घर तो जाना चाहते हैं, लेकिन कब जाना है और कैसे जाना है, यह मोर्चा तय करेगा। उन्होंने कहा कि तीन कानून वापस हो गए हैं, लेकिन एमएसपी की गारंटी समेत 6 मुद्दे अभी बाकी हैं।

बेनतीजा रही बैठक

इससे पहले शुक्रवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के घर पर राज्य सरकार के साथ लंबी मीटिंग हुई लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला। राज्य सरकार ने किसानों पर दर्ज मामले को वापस लेने समेत दूसरे मांगों पर विचार करने के लिए किसान नेताओं को बुलाया था लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला। किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि इतनी लंबी बैठक के बाद भी कोई सहमति नहीं बनी है।

कानून बनाने की मांग

पिछले एक साल से किसानों का आंदोलन जारी है। केंद्र सरकार द्वारा कृषि कानूनों को वापस लेने के बाद अब दिल्ली के अलग-अलग स्थानों पर प्रदर्शन कर रहे किसान एमएसपी पर गारंटी के लिए कानून बनाने की मांग कर रहे हैं।

सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन

सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक शुरू होने से पहले अलग-अलग राज्यों से आए किसानों ने गले में चैन डालकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। किसानों का कहना है कि एमएसपी पर सरकार कमेटी बना रही है लेकिन उन्हें कमेटी नहीं बल्कि गारंटी कानून चाहिए। सरकार की कमेटी पर उनको विश्वास नहीं है।

किसानों को आंदोलन जारी रखने के लिए किया जा रहा मजबूर: मोर्चा

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) समन्वय समिति के सदस्य डॉ. दर्शन पाल ने कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से अभी तक कोई औपचारिक आश्वासन नहीं मिलने के कारण किसान अपनी लंबित मांगों के लिए संघर्ष करने को मजबूर हैं। प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र में आंदोलन को वापस लेने के लिए 6 प्रमुख मांगें उठाई थीं मगर सरकार की ओर से अब तक कोई जवाब नहीं मिला है। ऐसे में किसानों को आंदोलन जारी रखने के लिए बाध्य किया जा रहा है।

भाजपा के जुल्म को नहीं भूलेगी जनता: अखिलेश

  • यूपी विधान सभा चुनाव में भाजपा का सफाया तय
  • सपा प्रमुख की अपील पर लखीमपुर किसान स्मृति दिवस पर जलाए गए दीप

 4पीएम न्यूज़ नेटवर्क

लखनऊ। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक बार फिर भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने किसानों की शहादत को लेकर कहा कि तीन अक्टूबर 2021 को लखीमपुर खीरी में किसानों पर भाजपा नेताओं ने जीप चढ़ाकर हत्या की। ऐसी क्रूरता की जिसकी दूसरी मिसाल नहीं। किसानों की हत्या की इस वारदात से भाजपा की किसान विरोधी नीति और नीयत उजागर होती है, भाजपा ने क्रूरता में अंग्रेजों को भी पीछे छोड़ दिया। जलियांवाला बाग की लोमहर्षक घटना की तुलना में मानवीय संवेदनाओं को भी भाजपा ने रौंद दिया।
उन्होंने ट्वीट किया कि ‘लखीमपुर किसान स्मृति दिवस’ मनाकर यूपीवालों ने बता दिया है कि वे न तो किसानों पर पीछे से किये गये वार को भूलेंगे, न किसानों की शहादत को और न ही भाजपा के ज़ुल्म और अत्याचार को। भाजपा का सफाया तय है। गौरतलब है कि सपा प्रमुख की अपील पर लखीमपुर में किसानों की शहादत की स्मृति में प्रत्येक माह की तीन तारीख को दीप जलाकर स्मृति दिवस मनाने के क्रम में सपा मुख्यालय समेत पूरे प्रदेश में लोगों ने दीप दान किया।

विपक्षी गठबंधन से नहीं होगा नुकसान: शाह

  • प्रचंड बहुमत से पार्टी की जीत का किया दावा
  • वोटों के गणित का प्लस-माइनस से आंकलन ठीक नहीं

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली। यूपी विधान सभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा के दिग्गज नेता और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दावा किया कि भाजपा एक बार फिर से प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाएगी। पॉलिटिक्स फिजिक्स नहीं बल्कि केमिस्ट्री है और गठबंधन से भाजपा को नुकसान नहीं होगा।

एचटीएलएस समिट के दौरान ओमप्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और अखिलेश की समाजवादी पार्टी में गठबंधन और एंटी इनकंबेसी से जुड़े एक सवाल के जवाब में अमित शाह ने कहा कि गठबंधनों से वोटों के गणित का प्लस-माइनस करना सही नहीं है। पॉलिटिक्स फिजिक्स नहीं है, केमिस्ट्री है। जब दो पार्टियां मिलती हैं तो दोनों के वोट का योग हो जाएगा, प्लस होकर इतना बढ़ जाएगा, यह आंकलन मेरे हिसाब से ठीक नहीं है। दो केमिकल मिलते हैं तो कोई तीसरा केमिकल बनता है और इसे हम पहले भी देख चुके हैं। उन्होंने कहा कि पहले जब सपा और कांग्रेस का गठबंधन हुआ तब भी यही कहते थे।

जनता जागरूक हो चुकी है। यूपी में प्रचंड बहुमत से भाजपा जीतेगी। यूपी चुनाव में किसान आंदोलन का असर होगा या नहीं, इस पर उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन का पहले भी असर कम था मगर अब तो कारण ही नहीं रहा क्योंकि पीएम मोदी ने कृषि कानूनों को वापस ले लिया है। पंजाब चुनाव पर शाह ने कहा कि हमारी कैप्टन अमरिंदर सिंह से भी बात चल रही है। हो सकता है हमारा गठबंधन हो।

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