बीजेपी के ‘खास ऑफर’ के बीच फंसे नीतीश, तेजस्वी अचानक क्यों हुए खुश?

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही अपने लिए फील्डिंग जमाना शुरू कर दिया है... सारी अटकलों पर विराम लगाते हुए नीतीश कुमार एक बार फिर से पोस्टर के जरिए अपनी मंशा जाहिर कर दी है.... वहीं इस बीच तेजस्वी यादव काफी खुश हैं.... 

4पीएम न्यूज नेटवर्कः दोस्तों, बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह की वजह से बीजेपी सितारें इस समय गर्दिश में चल रहें है…. वहीं जनता को मुद्दे से भटकाने के लिए बीजेपी नए-नए पैंतरे आजमा रही है…. वहीं बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी जोरों पर हैं…. नीतीश कुमार को लेकर बीजेपी के सुर बदले- बदले नजर आ रहे है…. और बीजेपी बिहार विधानसभा चुनाव में महाराष्ट्र वाला फार्मूला लागू करने की फिराक में हैं…. जो नीतीश कुमार को मंजूर नहीं है….. जिसके चलते बिहार की राजनीति में हड़कंप मचा हुआ है…. नीतीश कुमार नाराज नजर आ रहे हैं….. अमित शाह की वजह से बीजेपी की लगातार जमकर फजीहत हो रही है…. वहीं इन सभी भंवरजाल में फंसी बीजेपी के लिए बिहार का रण भी बहुत मुश्किल होता दिखाई दे रहा है…. इस बीच राजद नेता तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार को खुला ऑफर दे दिया है…. और महागठबंधन से साथ आने का न्योता दिया है…. बता दें कि राजनीति में हमेशा कोई भी किसी का पक्का हितैशी नगीं होता है…. और राजनीति में कभी भी कुछ भी हो सकता है…. वहीं अब देखना होगा कि नीतीश कुमार किया स्टैंड लेते हैं….

लेकिन नीतीश कुमार के मन में शंका व्याप्त है…. ऐसा ही कुछ महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे के खिलाफ देखने को मिला है….. बीजेपी ने एकनाथ शिंदे को चुनाव परिणाम आने के बाद किराने लगा दिया और देवेंद्र फडणवीस को सीएम बना दिया…. जिसके बाद एकनाथ शिंदे को मनचाहा मंत्री पद भी नहीं दिया…. वहीं बीजेपी की पलटी मारने वाली और वादा करके मुकरने वाली नीति से नीतीश कुमार भलीभांति परिचित हैं…. जिसको देखते हुए वो कोई भी फैसला बीजेपी की बातों में आकर करने के मूड में नहीं है…. जिसके चलते बीजेपी खेमें में खलबली मची हुई है…. इस बीच नीतीश कुमार के लिए मुख्यमंत्री की कुर्सी पर संदेह के बादल के बीच केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के ताजा बयान से अटकलों का बाजार गर्म हो गया है…. गिरिराज सिंह का यह बयान कि नीतीश कुमार और नवीन पटनायक को भारत रत्न दिया जाए…… कहीं नीतीश कुमार को उनकी राजनीति के आखिरी स्टेप की…. और इशारा तो नहीं कर रहे हैं….. या फिर बिहार की कुर्सी के प्रति मोह त्यागने का सुरक्षित राह का दर्शन करा रहे हैं….. तो आइए जानते हैं केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने क्या कुछ कहा….

आपको बता दें कि केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भारत रत्न दिए जाने की मांग करते हुए कहा कि नीतीश कुमार इतने साल से बिहार के सीएम हैं….. इनके शासन में विकास की लहर तेज गति से बही है….. इसलिए नीतीश कुमार को पुरस्कृत किया जाए….. और उन्हें भारत रत्न दिया जाए…. हालांकि बड़े सलीके से इस बयान को कहीं एग्जिट प्लान न मान लिया जाए….. इससे बचते हुए यह भी कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा….. ये भी कह डाला कि अगला सीएम भी नीतीश कुमार ही होंगे…. लेकिन यह केवल केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की ही बात नहीं रह गई अब तो जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ने भी कहा है कि नीतीश कुमार ने बिहार को बदहाली के दौर से निकाला है….. बिहार को विकास के पायदान पर ले जाने वाले नीतीश कुमार हैं…… ये कारण काफी हैं नीतीश कुमार को अगर भारत रत्न दिया जाता है….. तो और ऐसा हुआ तो यह पूरे बिहार के लिए सम्मान की बात होगी….

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के पहले भी यह मांग उठ चुकी है…… नीतीश कुमार के प्रशंसकों की बात करें तो कई माह पहले एक प्रशंसक ने तो नीतीश कुमार के लिए भारत रत्न की मांग कर दी……. जेडीयू की ओर से प्रदेश कार्यालय में राज्य कार्यकारिणी की बैठक के दौरान कार्यालय के गेट पर बड़े-बड़े पोस्टर बैनर लगाया गया…… इसमें एक खास पोस्टर था नीतीश कुमार को भारत रत्न मिलना चाहिए….. जिसको लेकर पार्टी के कई मंत्री और वरिष्ठ नेताओं ने भी इसमें हामी भर दी….. और कहा कि नीतीश कुमार ने इतना ज्यादा बिहार के लिए…. और देश के लिए काम किया है उन्हें भारत रत्न मिलना चाहिए….. उद्देश्य यह है कि पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री डॉ. विधान राय की तरह ही नीतीश कुमार को भी मुख्यमंत्री रहते भारत रत्न मिल जाए….

वहीं बात यहीं नहीं रुकीं, प्रशंसकों ने तो नीतीश कुमार को नोबेल पुरस्कार तक देने की मांग कर दी….. जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद संजय झा ने भी तर्क दिया कि महिला सशक्तिकरण के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए….. नीतीश कुमार ने महिला सशक्तिकरण में बड़े परिवर्तन किए हैं…. गौर करें तो क्या भाजपा क्या जदयू दोनों ही दलों के वरिष्ठ नेताओं की ओर से भारत रत्न या कि नोबेल पुरस्कार की मांग करना नीतीश कुमार के बेहतर एग्जिट प्लान की भूमिका लगती है…. भारत रत्न मिलना मतलब सक्रिय राजनीति को अलविदा कहना जैसे लगता है….. इसके पीछे जो राजनीति की अंदरूनी धारा है…. वह यह कि भाजपा सीएम पद की हकदार तभी होगी… जब नीतीश बिहार की राजनीति से बेहतर रूप में एग्जिट करें….

दूसरी ओर जदयू की राजनीति का एक फंडा यह भी है कि…. नीतीश के बाद सेकंड लाइनर को राजनीति की अग्रिम पंक्ति में जगह मिल सकती है….. यह तभी संभव है जब नीतीश कुमार की राजनीति सम्मान की भेंट चढ़े….. फिलहाल, गिरिराज सिंह के बयान के कई मतलब निकाले जाने लगे हैं….. उधर, जानकार कहते हैं कि गिरिराज सिंह के बयान के मतलब निकालने से क्या फायदा, कमोबेश यही सुर तो जेडीयू के नेता भी अलापते रहे हैं….. बता दें कि नीतीश कुमार को भारत रत्न देने की मांग सबसे पहले जेडीयू ने उठाई थी….. बता दें कि जेडीयू प्रमुख और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के बीजेपी कंट्रोल वाले बयान पर घमासान शांत नहीं हो रहा है…. पहले डिप्टी सीएम विजय सिन्हा का बयान और फिर यूटर्न के बाद…. आरजेडी विधायक ने नीतीश को खुला ऑफर दे दिया है…. और स्वागत करने की इच्छा जताई है….

दरअसल, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा था कि अब नीतीश कुमार को बीजेपी चला रही है….. सीएमओ का पूरा कंट्रोल बीजेपी के हाथ में चला गया है…. अब अमित शाह बिहार में सब कुछ देख रहे हैं…. दिल्ली में बैठे जदयू के कुछ नेता बीजेपी के लिए काम कर रहे हैं…. इनके जो चार नेता हैं…. जो दिल्ली चले गए हैं…. दो पटना में हैं… यह पूरी तरह से बीजेपी के संपर्क में हैं…. और पूरी तरीके से अमित शाह कंट्रोल कर रहे हैं…. वहीं तेजस्वी के बयान पर जेडीयू ने पलटवार किया और पार्टी नेता नीरज कुमार ने कहा कि तेजस्वी यादव के माता-पिता के शासनकाल में कौन लोग सरकार को हाईजैक किए हुए थे…. यह याद करना चाहिए…. वित्त विभाग को तेजस्वी यादव के मामा साधु यादव…. और सुभाष यादव ने हाईजैक कर रखा था…. गृह विभाग को शहाबुद्दीन ने हाईजैक कर रखा था…. नीतीश कुमार को कोई हाईजैक नहीं कर सकता है…. नीतीश कुमार जब पॉलिटिकल सिजेरियन इंजेक्शन देते हैं…. तो उसका दर्द बहुत गहरा होता है…. इसी का नतीजा है कि तेजस्वी यादव सड़क पर आ गए…. नीतीश कुमार से कोई हेट करे या लव करे…. लेकिन उन्हें इग्नोर नहीं कर सकता…. जब तक हैं तब तक जनता के आशीर्वाद से नीतीश मुख्यमंत्री बने रहेंगे….

इस बीच, डिप्टी सीएम विजय सिन्हा के बयान पर सियासत गरमा गई….. सिन्हा ने राज्य में बीजेपी की सरकार की मंशा जताई…. विवाद गरमाया तो उन्होंने यूटर्न भी ले लिया…. दरअसल, पटना में प्रदेश बीजेपी कार्यालय में अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती मनाई जा रही थी…. इसी दौरान डिप्टी सीएम सिन्हा ने कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए अटल जी के सपने को पूरा करने की याद दिला दी….. सिन्हा ने खुले मंच से ऐलान कर दिया कि बिहार में बीजेपी की सरकार जब बनेगी तभी अटल जी का सपना पूरा होगा…. और उन्होंने कहा कि अभी बिहार में बीजेपी का मिशन पूरा नहीं हुआ है….. और उन्होंने कहा कि हमें अपने दम पर बिहार में सरकार बनानी है….. और यही अटल जी को सच्चे मायने में श्रद्धांजलि होगी…. जंगलराज वाले लोग अभी भी बिहार में अराजकता फैला रहे हैं….. इन पर पूरी तरह लगाम तभी लगेगी…. जब बीजेपी की सरकार आएगी…. चंद घंटे बाद ही डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा को बैक फुट पर आना पड़ा…. और उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि नीतीश कुमार के पास ही बिहार का नेतृत्व रहेगा….. दो हजार पच्चीस में एनडीए का नेतृत्व नीतीश कुमार ही करेंगे….

वहीं विजय सिन्हा के बयान पर जेडीयू नेता नीरज कुमार ने कहा कि बीजेपी नेता विजय सिन्हा ने जो बयान दिय़ा है….. उससे राजनीतिक विमर्श की शुरूआत हुई है….. वो अटल जी की इच्छा बता रहे थे कि मिशन पूरा होगा…. जब बिहार में बीजेपी की सरकार बनेगी…. लेकिन अटल जी ने तो नीतीश कुमार पर भरोसा किया था….. अटल जी ने सुशासन की कमान नीतीश कुमार को सौंपी थी….. अटल जी नीतीश कुमार से बहुत प्यार करते थे…. इससे पहले आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव के करीबी और विधायक भाई वीरेंद्र ने नीतीश कुमार को एक बार फिर महागठबंधन में आने का ऑफर दिया…. और कहा कि राजनीति में कुछ भी संभव है….. राजनीति में कोई भी परमानेंट दोस्त और दुश्मन नहीं होता है….. राजनीति परिस्थिति का खेल है….. हो सकता है बिहार में फिर से खेला हो जाए…. अगर नीतीश कुमार सांप्रदायिक शक्तियों को छोड़कर आएंगे तो हम स्वागत करेंगे…..

आपको बता दें कि आरजेडी विधायक का यह बयान काफी अहम माना जा रहा है….. क्योंकि अगले साल बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं….. एनडीए में जदयू, बिहार, हिंदुस्तान आवाम मोर्चा, लोक जनशक्ति पार्टी और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा हिस्सा है….. जबकि महागठबंधन में आरजेडी और कांग्रेस प्रमुख दल हैं….. बिहार में इन दिनों दो हजार पच्चीस के विधानसभा चुनाव को लेकर जदयू की तरफ से हर दिन नया पोस्टर जारी किया जा रहा है…… इसमें नीतीश कुमार को दो हजार पच्चीस में फिर से नेतृत्व के तौर पर बताया जा रहा है….. फिलहाल, विजय सिन्हा ने जब सफाई दी तो अपने पिछले बयान पर कोई टिप्पणी तो नहीं की….. लेकिन सीधा मैसेज यही रहा कि नीतीश के बगैर बिहार में एनडीए नहीं चलने वाला है….. बीजेपी ने शायद वक्त रहते नेतृत्व के सवाल पर एनडीए के अंदर आने वाले भूचाल को लेकर डैमेज कंट्रोल कर लिया….. हालांकि, सबसे ज्यादा किरकिरी अगर किसी की हुई तो वो विजय कुमार सिन्हा हैं…..

 

 

 

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