वित्त मंत्री ने खोला बिहार के लिए पिटारा
मोदी सरकार को बचाने वाला बजट!
- कांग्रेस ने कहा- पूरी तरह से पटरी से उतरा बजट
- बजट भाषण से पहले सपा का हंगामा
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। सपा व अन्य विपक्ष नेताओं के विरोध के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025-26 का केंद्रीय बजट प्रस्तुत कर दिया। वित्त मंत्री निर्मला ने रिकॉर्ड लगातार आठवां बजट पेश किया। बजट में वित्त मंत्री ने किसानों और एमएसएमई सेक्टर के लिए कई अहम एलान किए। वित्त मंत्री ने अपने पिटारे से बिहार के लिए कई अहम योजनाओं का एलान किया है। बिहार में मखाना बोर्ड बनाने की भी घोषणा की गई। मध्यम वर्ग को बड़ा तोहफा देते हुए वित्त मंत्री ने 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगाने का एलान किया। उधर विपक्ष ने एनडीए सरकार के तीसरे कार्यकाल के बजट को बकवास बताया। विपक्षी नेताओं ने कहा कि बजट में बिहार को तव्वजो दिया गया है शायद सरकार बिहार चुनाव को देखकर इस तरह की बजट लाई है। कुछ तो ये कह रहे हैं कि अपनी सरकार को बचाने के लिए ये बजट में बिहार के लिए खजाना खोला गया है। कांग्रेस ने तो यहां तक कह दिया यह भारत नहीं बिहार का बजट है। इससे पहले राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात वित्त मंत्री ने उन्हें बजट के अहम प्रावधानों और बदलावों की जानकारी दी। इससे पहले कैबिनेट से बजट 2025 को मंजूरी मिलने के बाद सीतारमण ने बजट भाषण पढऩा शुरू किया। वित्तमंत्री ने कहा कि नया बजट टैक्सेशन, शहरी विकास, खनन, वित्तीय क्षेत्र, बिजली और नियामक ढांचे इन छह क्षेत्रों में सुधार शुरू करेगा। अपने बजट भाषण में निर्मला सीतारमण ने पीएम धन ध्यान कृषि योजना की घोषणा की। इसमें कम पैदावार, आधुनिक फसल गहनता और औसत से कम ऋ ण मानदंड वाले 100 जिलों को शामिल किया जाएगा।
प्रमुख घोषणाएं
- प्रधानमंत्री धन- धन्य कृषि योजना शुरू करेगी राज्यों के साथ साझेदारी में।
- तुअर, उड़द और मसूर पर विशेष ध्यान देते हुए 6 साल का दलहनों में आत्मनिर्भरता मिशन
- किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) 7.7 करोड़ किसानों, मछुआरों और डेयरी किसानों को अल्पावधि ऋ ण की सुविधा प्रदान करता है।
- संशोधित ब्याज सहायता योजना के तहत ऋ ण के लिए केसीसी ऋण सीमा 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख की जाएगी ।
- राज्यों के साथ साझेदारी में एक व्यापक बहु-क्षेत्रीय ग्रामीण समृद्धि और लचीलापन कार्यक्रम शुरू किया जाएगा।
- इसका लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों में पर्याप्त अवसर पैदा करना है ताकि प्रवास एक विकल्प हो, लेकिन अनिवार्यता नहीं ।
- शहरी श्रमिकों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए एक नई योजना लागू की जाएगी
- सरकार गिग वर्कर के पहचान पत्र और ई- श्रम पोर्टल पर पंजीकरण की व्यवस्था करेगी। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत गिग वर्करों को स्वास्थ्य सेवा प्रदान की जाएगी । इस उपाय से लगभग 1 करोड़ गिग-वर्करों को सहायता मिलने की संभावना है ।
- रोगियों, विशेषकर कैंसर, दुर्लभ बीमारियों और अन्य गंभीर दीर्घकालिक बीमारियों से पीड़ित रोगियों को राहत प्रदान करने के लिए सरकार ने 36 जीवनरक्षक औषधियों को मूल सीमा शुल्क (बीसीडी) से पूर्ण छूट वाली औषधियों की सूची में जोडऩे का प्रस्ताव किया है ।
मध्यम वर्ग को लुभाने की कोशिश!
मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में मिडिल क्लास को बड़ी राहत दी है। उन्होंने 12 लाख रुपये तक की सालाना कमाई को टैक्स फ्री किया है। अगर 75000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन को भी मिला लें, तो कुल 12.75 लाख रुपये तक की कमाई टैक्स फ्री हो जाएगी। हालांकि, अभी भी न्यू टैक्स रिजीम में 12 लाख रुपये की सालाना इनकम 10 फीसदी टैक्स स्लैब में आ रही है। इससे टैक्सपेयर्स उलझन में हैं कि उनकी 12.75 लाख की इनकम टैक्स फ्री कैसे होगी। आइए इसे डिटेल में समझते हैं। अभी न्यू टैक्स रिजीम के मुताबिक, 0-4 लाख रुपये तक पर टैक्स जीरो है। वहीं, 4 से 8 लाख रुपये तक की कमाई पर 5 फीसदी और 8 से 12 लाख रुपये तक पर 10 फीसदी टैक्स लगता है। सबसे अधिक 30 फीसदी टैक्स 24 लाख रुपये से अधिक की सालाना कमाई पर लगेगा।
महंगी
बड़े स्क्रीन की आईएफपीडी
बुने हुए कपड़े
बीमा
सिगरेट तंबाकू
सस्ता
36 कैंसर दवाएं, मेडिकल उपकरण
एलईडी-एलसीडी
भारत में बने कपड़े
मोबाइल फोन बैटरी
लेदर जैकेट, जूते, बेल्ट, पर्स
ईवी वाहन, टीवी
बजट आंकड़ों से भी ज्यादा महत्वपूर्ण कुंभ की मौतों के आंकड़े : अखिलेश
बजट भाषण से पहले महाकुंभ में भगदड़ को लेकर समाजवादी पार्टी के सांसदों ने हंगामा किया। समाजवादी पार्टी के राष्टï्रीय अध्यक्ष और सांसद अखिलेश के साथ सपा के सांसदों ने बजट भाषण से पहले हंगामा करते हुए महाकुंभ में भगदड़ पर चर्चा की मांग की। हंगामे के बीच लोकसभा स्पीकर ने कहा कि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने हंगामा कर रहे सपा सांसदों से कहा कि मेरा आपसे निवेदन है, माननीय अखिलेश जी, आप संसद की मर्यादा को आप बनाकर रखिए। कभी बजट भाषण के अंदर ऐसा नहीं हुआ। ये उचित नहीं है। मैं आपको मौका दूंगा। अभिभाषण पर चर्चा होगी। ये तरीका नहीं है। समाजवादी पार्टी के प्रमुख और पार्टी के सांसद अखिलेश यादव ने कहा कि इस समय बजट से भी ज्यादा महत्वपूर्ण बात यह है कि महाकुंभ में लोग अपनों को ढूंढ़ रहे हैं। लोगों को उनके अपने नहीं मिल रहे हैं। सरकार मृतकों के आंकड़े छुपा रही है। सरकार मृतकों और लापता लोगों की संख्या बताने में विफल रही। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कई बार वहां जा चुके हैं, केंद्रीय गृह मंत्री वहां जा चुके हैं, आज उपराष्ट्रपति जा रहे हैं और प्रधानमंत्री भी वहां जाएंगे। सरकार को जागना चाहिए। मैंने पहले भी कहा था कि वहां सेना को बुलाया जाए। यह पहली बार हुआ है कि संतों ने शाही (अमृत) स्नान से इनकार किया है। बजट अपनी जगह है लेकिन कुंभ महत्वपूर्ण है। बजट निराश न करे, लेकिन कुंभ में जाने वाली जानें समाजवादी पार्टी की प्राथमिकता हैं।
राजनीतिक स्वार्थ का बजट है : मायावती
बसपा सुप्रीमो मायावती ने बजट पर कहा कि ये राजनीतिक स्वार्थ पूरा करने वाला बजट है। उन्होंने एक्स पर कहा कि देश में महंगाई, गरीबी और बेरोजगारी की जबरदस्त मार के साथ ही सड़क, पानी, शिक्षा, सुख-शान्ति आदि की जरूरी बुनियादी सुविधाओं के अभाव के कारण लगभग 140 करोड़ की भारी जनसंख्या वाले भारत में लोगों का जीवन काफी त्रस्त है, जिसका केन्द्रीय बजट के माध्यम से भी निवारण होना जरूरी है। किन्तु वर्तमान भाजपा सरकार का भी बजट, कांग्रेस की ही तरह, राजनीतिक स्वार्थ का अधिक व जन एवं देशहित का कम लगता है। अगर ऐसा नहीं है तो इस सरकार में भी लोगों का जीवन लगातार तंग, बदहाल व दुखी क्यों? विकसित भारत का सपना बहुजनों के हित का भी होना जरूरी है।
किसानों की मांगों पर चुप है सरकार : जयराम
कांग्रेस ने शनिवार को बजट में कृषि क्षेत्र से संबंधित घोषणाओं को लेकर केंद्र सरकार पर हमला किया। पार्टी ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर एमएसपी को कानूनी गारंटी और कृषि ऋ ण माफी समेत किसानों की मांगों पर पूरी तरह से चुप रहने का आरोप लगाया। केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, वित्त मंत्री ने बजट की शरुआत कृषि से की हैं, लेकिन किसानों की मांगों और कृषि पर संसदीय स्थायी समिति की सिफारिशों पर पूरी तरह से वो चुप हैं- एमएसपी को कानूनी गारंटी के रूप में लागू करना, कृषि ऋ ण माफी, पीएम किसान भुगतान का मुद्रास्फीति सूचकांकीकरण, पीएम फसल बीमा योजना में सुधार। एक अन्य पोस्ट में उन्होंने कहा, मेक इन इंडिया जो फेक इन इंडिया बन गया था, अब उसका नया नाम है: राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन। उन्होंने आगे कहा कि वित्त मंत्री ने चार इंजनों की बात की, कृषि, एमएसएमई, निवेश और निर्यात। इतने सारे इंजन कि बजट पूरी तरह से पटरी से उतर गया है।
मोदी सरकार का यह बजट गोली के घावों के लिए बैंडेज जैसा है। वैश्विक अनिश्चितता के बीच आर्थिक संकट को हल करने के लिए आमूलचूल बदलाव की आवश्यकता है। लेकिन यह सरकार विचारों के मामले में खोखली है।राहुल गांधी, नेता प्रतिपक्ष लोकसभा