दिल्ली विधानसभा चुनाव परिणाम: 70 में से 31 विधायक दागी, भाजपा के सबसे अधिक से

नई दिल्ली। दिल्ली विस चुनाव में इस बार आपराधिक मामले झेल रहे विधायकों की संख्या में कमी आई है। चुनाव अधिकार संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉम्र्स (एडीआर) के अनुसार पिछली बार की तुलना में इस बार 70 में से जीते हुए 31 विधायक ही ऐसे रहे जिनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं।
पिछली बार यही संख्या 43 थी। पार्टी के हिसाब से देखें तो भाजपा के 48 विधायकों में से 16 और आप के 22 विधायकों में से 15 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। भाजपा के सात और आप के 10 विधायक गंभीर आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे हैं।
एडीआर और दिल्ली इलेक्शन वॉच ने विधानसभा चुनाव लडऩे वाले सभी 699 उम्मीदवारों के हलफनामों का विश्लेषण किया और पाया कि गंभीर आपराधिक मामलों वाले विजयी उम्मीदवारों की संख्या अभी भी चिंता का विषय है।
रिपोर्ट में पाया गया कि 17 नवनिर्वाचित उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मामले चल रहे हैं, जिनमें हत्या के प्रयास और महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित मामले भी शामिल हैं।
2020 के चुनाव में 37 विजयी उम्मीदवारों ने गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए थे। 2025 में एक नवनिर्वाचित विधायक ने हत्या के प्रयास से संबंधित मामले घोषित किए हैं, जबकि दो अन्य महिलाओं के खिलाफ अपराध के आरोपों का सामना कर रहे हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, 70 नवनिर्वाचित विधायकों के पास कुल 1,542 करोड़ रुपये की संपत्ति है। प्रति उम्मीदवार औसत संपत्ति 2020 में 14.29 करोड़ रुपये से बढक़र 22.04 करोड़ रुपये हो गई है। भाजपा के विधायकों का संपत्ति चार्ट पर दबदबा है, जिनकी औसत संपत्ति मूल्य 28.59 करोड़ रुपये है, जबकि आप की 7.74 करोड़ रुपये है।
115 करोड़ रुपये से लेकर 259 करोड़ रुपये तक की संपत्ति वाले भाजपा के तीन उम्मीदवार विजयी हुए हैं। इसके विपरीत, आप के तीन उम्मीदवारों ने 20 लाख रुपये से कम संपत्ति घोषित की। 44 प्रतिशत विजयी उम्मीदवारों के पास 10 करोड़ रुपये या उससे अधिक की संपत्ति है, जबकि केवल 3 प्रतिशत की कुल संपत्ति 20 लाख रुपये से कम है।
23 विजयी उम्मीदवारों ने 1 करोड़ रुपये या उससे अधिक की देनदारियां घोषित कीं। इनमें भाजपा के परवेश वर्मा 74 करोड़ रुपये की देनदारी के साथ शीर्ष पर रहे। तीन सबसे धनी विधायक भी भाजपा से हैं, जिसमें करनैल सिंह 259.67 करोड़ रुपये, मनजिंदर सिंह सिरसा 248.85 करोड़ रुपये और परवेश वर्मा 115.63 करोड़ रुपये शामिल हैं।
64 प्रतिशत नए विधायकों के पास स्नातक या उससे ऊपर की डिग्री है, जबकि 33 प्रतिशत ने अपनी शैक्षणिक योग्यता कक्षा 5 से कक्षा 12 के बीच बताई। उम्र के मामले में, 67 प्रतिशत विजयी उम्मीदवार 41 और 60 के बीच हैं, जबकि 20 प्रतिशत 60 वर्ष से अधिक आयु के हैं।
इस बार महिलाओं का प्रतिनिधित्व घटा है। केवल पांच महिलाएं ही चुनी गई हैं, जो 2020 में आठ से कम है। फिर से चुने गए विधायकों की संपत्ति में वृद्धि पर भी प्रकाश डाला गया है। सदन के लिए फिर से चुने गए 22 उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 2020 में 7.04 करोड़ रुपये से 25 प्रतिशत बढक़र 2025 में 8.83 करोड़ रुपये हो गई है।

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