शिवराज टूटी कुर्सी पर बैठ भी गए तो कौन सा पहाड़ टूट गया: दिग्विजय
पूर्व मुख्यमंत्री ने केंद्रीय कृषि मंत्री को घेरा
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- ट्रंप भारत का निरंतर कर रहे हैं अपमान
- बोले- महाकुंभ में पानी को साफ नहीं किया गया
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
इंदौर। कृषि मंत्री शिवराज सिंह के एयरइंडिया में टूटी कुर्सी पर बैठनों को लेकर सियासी पारा चढ़ गया है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने उनका समर्थन करने के साथ ही कटाक्ष भी किया। सोमवार को इंदौर दौरे पर आए सिंह ने हंसते हुए कहा कि वह भी उसी विमान में सवार थे, परंतु उनकी कुर्सी में कोई खामी नहीं थी।दिग्विजय सिंह ने स्पष्ट किया कि केंद्रीय मंत्री को विमान में फस्र्ट रो की सीट आवंटित की जाती है, और यदि ऐसा नहीं हुआ तो यह एयर इंडिया की त्रुटि है तथा उन्हें उचित सीट प्रदान की जानी चाहिए थी। जहां तक टूटी कुर्सी का सवाल है, उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं कभी-कभार हो ही जाती हैं और शिकायत करने का कोई मतलब नहीं बनता, खासकर एक-डेढ़ घंटे की उड़ान के संदर्भ में।
बैठ भी गए तो कौन सा पहाड़ टूट गया। प्रयागराज के महाकुंभ में पानी की गुणवत्ता को लेकर सिंह ने बताया कि यह मामला अब एनजीटी के पास भेजा जा चुका है। हालांकि, विभिन्न लैब रिपोर्ट्स में पानी में मल-मूत्र के अंशों का पता चला है। मुद्दे का मूल यह है कि जब साढ़े सात हजार करोड़ सफाई के लिए खर्च हुए, तो केमिकल डालकर पानी को सुधारने का प्रयास क्यों नहीं किया गया। वहीं सिंह ने आगे आरोप लगाया कि एक ओर पीएम मोदी ट्रंप को अपना मित्र बताते हैं और प्रशंसा भरी बातें करते हैं, वहीं दूसरी ओर वे निरंतर भारत का अपमान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि भारत जैसा टैरिफ लगाता है और अमेरिका भी समान कदम उठाने लगे, तो इससे हमारे दुग्ध उत्पादक, किसान और अमूल को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। पीएम मोदी के अमेरिका में रहते समय, जहां अवैध निवास करने वालों को मिलिट्री एयरक्राफ्ट में बेडय़िां बांधकर भेजा गया था, वहीं कई छोटे देशों ने तो अपना विमान भेजने की व्यवस्था भी की थी। ऐसी स्थिति में पीएम मोदी को कड़ी आपत्ति जतानी चाहिए थी। वहीं बागेश्वर धाम में अस्पताल के भूमिपूजन के अवसर पर, सिंह ने पीएम मोदी तथा बागेश्वर बाबा की सराहना करते हुए कहा कि नर ही नारायण हैं – यही सम्पूर्ण सनातन धर्म का सार भी है। उनका कहना था कि धर्म का राजनीतिक उद्देश्यों के लिए उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। यदि शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्रों में गरीबों की सहायता करते हुए संस्थागत सुधार किए जाएं, तो इसका प्रभाव कहीं अधिक सकारात्मक होगा।
एक बार फिर ईवीएम में गड़बड़ी की बात उठाई
सिंह ने कहा कि ईवीएम में गड़बड़ी है, जैसा कि मस्क और ट्रंप समेत कई इस बात पर जोर दे रहे हैं, पर पीएम मोदी अपने मित्र की बात को स्वीकार नहीं कर रहे हैं। उनका मानना है कि चुनाव आयोग अब निरंकुश बन चुका है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपील की कि लोकतंत्र को बचाए रखने के लिए आवश्यक नियंत्रण लागू किया जाए।
पीएम का भाषण बासी कड़ी में उबाल लाने का प्रयास : पटवारी
प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए भाषण को लेकर मध्य प्रदेश कांग्रेस के कई नेताओं ने तंज कसा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री का भाषण बासी कड़ी में उबाल लाने का प्रयास है। उन्होने कहा कि आज पूरा प्रदेश इन्वेटर समिट में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भाषण बड़ी उम्मीद लगाकर सुन रहा था। प्रधानमंत्री जैसे पद पर आसीन व्यक्ति जब बोलता है तब परिवर्तन और विकास सुनिश्चित होता है, किंतु उनके रटे-रटाये भाषण में न कोई दृष्टिकोण था, न ही कोई संकल्प था। प्रदेशवासियों को उनसे औद्योगिक विकास के लिए कोई विशेष पैकेज एवं घोषणा की अपेक्षा थी और वे यह भी बताते कि पिछली भाजपा सरकारों में की गई इन्वेस्टर समिट की विफलताओं के क्या कारण थे, जिसमें दावों के अनुपात में महज 3 प्रतिशत का ही निवेश आया? पटवारी ने कहा कि मोदी ने उद्योगपतियों का कीमती समय 20 साल पहले कांग्रेस सरकारों की आलोचना करने में खराब कर दिया, जबकि उन्हें बताना था कि उनके पास निवेश के लिए क्या सहूलियतें हैं इतने बड़े मंच, से ऐसी छोटी राजनीति करने से उद्योगपति बिदक जाते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकारों के दौरान बम्फर निवेश आया था, जिसके ज्वंलत उदाहरण मंडीदीप, गोविंदपुरा, मालनपुर, पीथमपुर जैसे औद्योगिक क्षेत्र हैं। वहीं भाजपा सरकारों के दौरान एक भी औद्योगिक क्षेत्र विकसित नहीं हुआ और जो कांग्रेस ने उद्योग लगाये थे, उनकी हालत दयनीय हो चुकी है। जिन निवेशकों ने भाजपा सरकार के वादों पर विश्वास कर 80 हजार करो? रूपये लॉजिस्टि एवं वेयरहाउसिंग क्षेत्रों में लगाये थे, उनका लगभग 8 हजार करो? रूपये शासन पर बकाया है। स्थिति यह है कि आज उन निवेशकर्ताओं के घरवार बिकने की नौवत आ चुकी है।