महाकुंभ में जान गंवाने वालों को लेकर अखिलेश यादव ने कर दी बड़ी मांग योगी सरकार के खिलाफ किताब बांटने की तैयारी

यूपी में इन दिनों सियासी पारा सातवें आसमान पर है। एक तरफ जहां योगी सरकार हाल ही में हुए उपचुनाव में मिली जीत का जश्न मना रही है। तो वहीं दूसरी तरफ सपा एक्टिव मोड़ में नजर आ रही है। जनता के बीच पहुंचकर वोटरों को साधने से लेकर किसी भी मुद्दे पर भाजपा को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है। ऐसे में एक तरफ जहां प्रयागराज में संपन्न हुए महाकुंभ को लेकर योगी सरकार वाह-वाही लूट रही है तो दूसरी तरफ सपा प्रमुख अखिलेश यादव प्रयागराज में हुई भगदड़ में जान गवानें वालों को लेकर बात करते हुए नजर आ रहे हैं और इस घटना को लेकर योगी सरकार की नाजरंदाजगी पर उन्हें घेर रहे हैं। इसके साथ ही अन्य कई मुद्दों को लेकर अहम मुहीम चला रहे हैं। सिलसिलेवार तरीके से बात करें तो,…

महाकुंभ में जान गंवाने वालों को लेकर अब योगी सरकार चुप्पी साधे हुए है। दूसरी तरफ सपा मुखिया अखिलेश यादव ने योगी सरकार को आइना दिखा है। दरअसल सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि सरकार का दावा है कि महाकुंभ से प्रदेश की अर्थव्यवस्था में कई लाख करोड़ रुपये की कमाई हुई है। ऐसे में अर्जित धन से ही सरकार मृतकों के परिजनों को मुआवजा और घायलों के इलाज का प्रबंध करे। इसमें से कुछ रुपये लापता लोगों को खोजने और घर पहुंचाने के लिए बचाकर रख लेना चाहिए। बता दें कि अखिलेश यादव ने जारी बयान में कहा कि इस अकूत कमाई में से ही उन दुकानदारों के घाटे की पूर्ति की जाए, जिन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार की बदइंतजामी की वजह से मेले में दुकान लगाकर घाटा उठाया है। इसमें से कुछ रकम सभी मेला कर्मियों को होली के बोनस के रूप में देने की घोषणा करनी चाहिए। सपा अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री को महादानी सम्राट हर्षवर्धन से प्रेरणा लेते हुए अधिकांश धन प्रयागराज के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए दान कर देना चाहिए।

एक तरफ अखिलेश यादव ने है जो की महाकुंभ हादसे का शिकार हुए लोगों के हक़ के लिए आवाज़ उठा रहे हैं। तो वहीं दूसरी तरफ ऐसे भी लोगों के बयान सामने आये हैं जिनका कहना है कि महाकुंभ में कोई बड़ा हादसा ही नहीं हुआ है। जी हाँ सही सुना आपने दरअसल ये कहना था डीजीपी प्रशांत कुमार का। दरअसल महाकुंभ समापन से एक दिन पहले प्रेस को संबोधित करते हुए डीजीपी साहब ने कहा कि महाकुंभ बिना किसी हादसे के संपन्न हुआ, जबकि मौनी अमावस्या पर मची भगदड़ में 37 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी, जिसका जिक्र सीएम योगी ने विधानसभा में भी किया था. बता दें कि मौनी अमावस्या की भगदड़ पर विपक्ष ने योगी सरकार को घेरा भी था और कहा था कि प्रयागराज में भारी संख्या में श्रद्धालु आ रहे हैं, लेकिन योगी सरकार ने कोई व्यवस्था नहीं की है. कमाल की बात तो ये है कि इस बयान से पहले जब हादसा हुआ था तो इसे लेकर हादसे के करीब 15 दिन बाद खुद यूपी के डीजीपी प्रशांत कुमार ने भी स्वीकार किया था कि हमसे एक गलती हुई थी, जिस वजह से मौनी अमावस्या पर भगदड़ मची थी.

हालांकि जिस वक़्त हादसा हुआ था उस हादसे को लेकर भी अपनी यादव ने अपनी बात रखी थी। उन्होंने सरकार को घेरते हुए कहा था कि, ”यूपी सरकार की लापरवाही से ये हादसा हुआ. जब पता चला कि कुछ लोगों की जान चली गई है, उनके शव पोस्टमार्टम हाउस और अस्पताल में पड़े हैं तो सरकार ने अपने सरकारी हेलीकॉप्टर में फूल भरकर पुष्प वर्षा की. यह कैसी सनातनी परंपरा है? भगवान जाने कितने चप्पल, कपड़े और साड़ियां पड़ी थीं और उन सबको जेसीबी मशीन और ट्रैक्टर ट्रॉली से उठवाया गया. कोई नहीं जानता कि उन्हें कहां फेंका गया. ये सब हादसा छिपाने के लिए किया गया.”

गौरतलब है कि इन सभी मुद्दों को लेकर अखिलेश यादव न सिर्फ बयानबाजी कर रहे हैं बल्कि सपा भाजपा को घेरने के लिए बड़ी रणनीति भी कर रही है। ऐसे में आगामी 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले प्लान तैयार कर लिया गया है। खबर है कि योगी सरकार के खिलाफ अखिलेश यादव अब जनता के बीच एक किताब बांटने वाले हैं. समाजवादी पार्टी ने प्रयागराज आने वाले श्रद्धालुओं के लिए क्या-क्या किया? किताब में इसका पूरा ब्यौरा होगा. महाकुंभ को लेकर बीजेपी उन्हें सनातन विरोधी साबित करने में जुटी है. मामला सनातन विरोधी और सनातन प्रेमी का है. बीजेपी ने समाजवादी पार्टी के PDA वाले फार्मूले को तोड़ने के लिए ये रणनीति बनाई है. कोशिश हिंदू वोटरों को एकजुट करने की है.

जाहिर है कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव जानते हैं कि एक छोटी सी भूल उनके लिए राजनैतिक खाई बन सकती है. इसीलिए अब उन्होंने एक किताब बंटवाने का फ़ैसला किया है, जिसमें उनके संगम स्नान की चर्चा होगी. पार्टी कार्यकर्ताओं ने श्रद्धालुओं के लिए क्या-क्या किया, उसका भी ज़िक्र होगा. अब बीजेपी कह रही है ये सब दिखावा है. पार्टी के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने बताया कि अब तक तो अखिलेश यादव महाकुंभ को लेकर अफ़वाहें फैला रहे थे. पर अब जब आयोजन सफल रहा तो वे अब रंग बदलना चाहते है. पर जनता सब जानती है. लखनऊ में अखिलेश यादव ने अपने कुछ करीबी नेताओं संग मीटिंग की. उसी बैठक में किताब छपवाने से लेकर फ़िल्म बनाने का फ़ैसला हुआ. अखिलेश यादव महाकुंभ में भगदड़ से लेकर अव्यवस्था पर सवाल उठाते रहे हैं. उन्होंने PDA संवाददाता के नाम से महाकुंभ में अव्यवस्था को लेकर अभियान चलाया था. बीजेपी ने इसे सनातन का अपमान बता दिया.

गौरतलब है कि जिस तरह से सपा भाजपा को घेरने की रणनीति बना रही है इससे एक बात तो तय है कि आगमी 2027 का विधानसभा चुनाव भाजपा के लिए आसान नहीं होने वाला है। महाकुंभ में हुई भगदड़ से लेकर अन्य तमाम मुद्दों पर भाजपा सरकार घिरती हुई नजर आ रही है। जिस तरह से सोची समझी तयारी के साथ अखिलेश यादव ने ये किताब बटवाने का फैसला किया है इसे लेकर राजनीतिक गलियारों में जमकर चर्चा हो रही है। अब आगामी चुनाव में किसके मुद्दे किसपर कितने भारी पड़ेंगे ये तो खैर आने वाला समय ही बताएगा। फिलहाल के लिए इस खबर में इतना ही. धन्यवाद।

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