बीजेपी के तीन विधायकों ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ खोला मोर्चा, आखिर क्यों हैं आगबबूला?

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के तीन विधायक अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. तीनों विधायक अलग-अलग राज्य के हैं. इन विधायकों ने सार्वजनिक मंच से बीजेपी पर सवाल उठाए हैं. अपनी ही पार्टी को निशाने पर लेने वाले विधायकों के नाम टी राजा सिंह, नंदकिशोर गुर्जर और चिंतामणि मालवीय हैं. टी राजा सिंह तेलंगाना के गोशामहल से विधायक हैं, नंदकिशोर यूपी में गाजियाबाद के लोनी से विधायक हैं तो चिंतामणि मध्य प्रदेश के आलोट से विधायक हैं.
गोशामहल से विधायक टी राजा सिंह ने कुछ बीजेपी नेताओं पर सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा है कि पिछली सरकार के दौरान निवारक निरोध (पीडी) अधिनियम के तहत उन्हें जेल भेजने में इन नेताओं की भूमिका थी.
एक बयान में राजा सिंह ने दावा किया कि एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने उन्हें इस मामले में बीजेपी नेताओं की संलिप्तता के बारे में बताया था, जिससे वह बहुत परेशान हैं. राजा सिंह ने जेल में रहने के दौरान अपनी पार्टी के नेताओं से समर्थन न मिलने पर निराशा व्यक्त की. उन्होंने कहा, जब मैं जेल में था, मेरे बड़े भाई ने मुझे सहारा देने के लिए हाथ बढ़ाया था. हालांकि, अब कोई नहीं जानता कि वह कहां खड़ा है.
आलोट से विधायक चिंतामणि मालवीय ने हाल में विधानसभा में उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ का मुद्दा उठाया था. उन्होंने कहा कि उज्जैन के किसान परेशान हैं और डरे हुए है. उनकी ज़मीन जबरदस्ती अधिग्रहण की जा रही है. उन्होंने कहा कि भू-माफियाओं की साजिश की वजह से किसानों को अपनी ही जमीन से बेदखल किया जा रहा है. सालों से यहां भूमि का अधिग्रहण कुछ ही महीनों के लिए होता था, लेकिन स्थाई तौर पर कब्जा सही नहीं है.
इस बयान के बाद चिंतामणि को पार्टी ने नोटिस भेजा. नोटिस में कहा गया कि आप सार्वजनिक जगह पर बयानबाजी कर पार्टी की छवि धूमिल कर रहे हैं. बीजेपी की ओर से भेजे गए नोटिस में चिंतामणि को 7 दिनों जवाब देने के लिए कहा गया है.
उधर लोनी के विधायक नंदकिशोर गुर्जर दूसरी वजहों से पार्टी पर सवाल उठा रहे हैं. नंदकिशोर ने अपनी ही सरकार पर कलश यात्रा को अनुमति न मिलने पर सवाल उठाए. विधायक ने दावा किया कि उनके पास यात्रा के लिए जरूरी अनुमति थी और पुलिस ने उनके साथियों के साथ झड़प की. गुर्जर ने आरोप लगाया कि झड़प में उनके कपड़े फट गए. उन्होंने आगे कहा कि सपा और बसपा की सरकार में भी कभी यात्रा को नहीं रोका गया. मैं कभी अनुमति के लिए नहीं अप्लाई किया था.