कांग्रेस की मांग- बुलाया जाए संसद का विशेष सत्र, खरगे और राहुल का पीएम मोदी को पत्र

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद कांग्रेस के नेता राहुल गांधी और अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने पीएम मोदी से पहलगाम अटैक के खिलाफ संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है.
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने यह पत्र अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर भी शेयर किया. पत्र शेयर करते हुए उन्होंने लिखा, पीएम मोदी को मेरा पत्र, जिसमें संसद के दोनों सदनों का विशेष सत्र जल्द से जल्द बुलाने का अनुरोध किया गया है. इस अहम समय में भारत को यह दिखाना होगा कि हम आतंकवाद के खिलाफ हमेशा एक साथ खड़े हैं.
राहुल गांधी ने पत्र में कहा, पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने हर भारतीय का खून खोलाया है. इस समय में भारत को यह दिखाना चाहिए कि हम आतंकवाद के खिलाफ एकजुट खड़े हैं. विपक्ष को लगता है कि संसद का एक विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए. जहां जन प्रतिनिधि अपनी एकता और संकल्प दिखा सकें.
कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए क्रूर आतंकवादी हमले से पैदा हुए हालात से निपटने के लिए संसद के दोनों सदनों का विशेष सत्र जल्द से जल्द बुलाया जाना चाहिए.
इससे पहले जम्मू-कश्मीर में भी सोमवार को पहलगाम अटैक के बाद सदन का विशेष सत्र बुलाया गया था. जहां मृतकों को श्रद्धांजलि दी गई साथ ही इस घटना पर शोक जताया गया. इसी के साथ आतंकवाद से कैसे निपटा जाएगा इस पर विचार किया गया. सीएम उमर अब्दुल्ला ने इस दौरान मृतकों के परिवार से माफी मांगी और कहा कि यह हमारी मेहमान नवाजी नहीं है. हम ने आपको बुलाया था, लेकिन वापस नहीं भेज पाए. इसी के साथ अब विपक्ष की तरफ से भी सदन का विशेष सत्र बुलाने के लिए अनुरोध किया गया है.
पहलगाम में 22 अप्रैल को भयानक हमला हुआ. इस हमले ने पूरे देश को हिला कर रख दिया. जम्मू-कश्मीर को आतंकवाद के साए से निकाल कर टूरिस्ट प्लेस बनाने की भारत लगातार कोशिश कर रहा है. इसी बीच पहलगाम में आतंकवादियों ने 26 टूरिस्ट को ही निशाना बनाया. निहत्थे टूरिस्ट को जान से मार दिया. इस अटैक को पुलवामा हमले के बाद सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है. आतंकवाद से निपटने के लिए भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम भी उठाए हैं. इसी के तहत सिंधु जल संधि को रोक दिया गया है और पाकिस्तानियों का वीजा भी रद्द कर दिया गया है.



