नए वित्त वर्ष के लिए कार्य योजना तैयार कर रही जम्मू-कश्मीर सरकार, डिप्टी CM की अध्यक्षता में चर्चा
सरकार ने इस संबंध में बजट प्रस्तावों की समीक्षा करते हुए क्षेत्रीय विकास की दिशा में ठोस योजना बनाने का संकल्प लिया है।

4पीएम न्यूज नेटवर्कः जम्मू-कश्मीर सरकार के आगामी कैपेक्स बजट 2025-26 के तहत जमीनी स्तर पर बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में पहल शुरू कर दी है। सरकार ने इस संबंध में बजट प्रस्तावों की समीक्षा करते हुए क्षेत्रीय विकास की दिशा में ठोस योजना बनाने का संकल्प लिया है। राज्य के उपमुख्यमंत्री सुरिंदर कुमार चौधरी ने मंगलवार को एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें वित्तीय वर्ष 2024-25 के तहत चल रहे कैपेक्स बजट कार्यों की प्रगति की समीक्षा की गई। साथ ही, आगामी वित्तीय वर्ष 2025 26 के लिए कैपेक्स बजट कार्य योजना के प्रारूप और निर्माण पर भी विस्तृत चर्चा की गई।
उपमुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि विकास कार्यों में पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित की जाए तथा जमीनी स्तर पर बुनियादी सुविधाओं की मजबूती को प्राथमिकता दी जाए। राज्य सरकार का यह कदम ग्रामीण एवं शहरी दोनों क्षेत्रों में समावेशी विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री सकीना इटू, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री जावेद अहमद डार, परिवहन मंत्री सतीश शर्मा, मुख्यमंत्री के सलाहकार नासिर असलम वानी, सचिव पीडब्ल्यूडी भूपिंदर कुमार के अलावा संबंधित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी बैठक में शामिल हुए.
बजट प्रस्तावों पर की गई विस्तृत चर्चा
इस बैठक में जमीनी स्तर के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, तेजी से विकास और वृद्धि सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बजट प्रस्तावों पर विस्तृत चर्चा की गई. उपमुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि पूरे सरकारी दृष्टिकोण को शामिल करने के लिए नियोजन प्रक्रिया को विभागीय और जिला स्तर पर एकीकृत किया जाना चाहिए.
‘विभाग समय सीमा को तीन साल तक बढ़ा सकता है’
उन्होंने कहा कि विभाग का ध्यान बड़ी संख्या में कम वित्तपोषित कार्यों को शुरू करने के बजाय चल रहे कार्यों को पूरा करने पर होना चाहिए. उन्होंने कहा, “वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान निष्पादन के लिए उठाए गए नए कार्यों को पूरा करने की समयसीमा एक या दो साल के बीच होनी चाहिए, सिवाय उन बड़ी परियोजनाओं के जिनमें विभाग समयसीमा को तीन साल तक बढ़ा सकता है.”
सुरिंदर चौधरी ने कहा कि विभाग की कार्ययोजना ठोस परिणामों पर आधारित होनी चाहिए, जिसमें पूरे किए जाने वाले कार्यों की संख्या और लाभान्वित होने वाले लोगों की संख्या का संकेत होना चाहिए. उन्होंने विभाग से यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया कि जारी किए गए निर्देशों का सख्ती से पालन किया जाए और बजट बैठकों के दौरान चुने हुए प्रतिनिधियों से प्राप्त फीडबैक/प्राथमिकताओं को यथासंभव वार्षिक कार्ययोजना तैयार करते समय शामिल किया जाए.
उन्होंने उच्च अधिकारियों को सख्त निर्देश भी जारी किए कि वे उन ठेकेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें जो परियोजना को पूरा करने में अनावश्यक देरी करते हैं. जावेद अहमद डार, सकीना इटू, सतीश शर्मा और सीएम के सलाहकार नासिर असलम वानी ने भी कार्यों को अंतिम रूप देने और उनके निष्पादन के संदर्भ में विभाग के बेहतर कामकाज के लिए अपने बहुमूल्य सुझाव दिए.
‘सड़क क्षेत्र के तहत 498 योजनाएं पूरी की गईं’
उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्रों में कुछ महत्वपूर्ण कार्यों से भी अवगत कराया, जिन्हें सर्वोच्च प्राथमिकता और जल्द से जल्द पूरा करने की आवश्यकता है. इससे पहले, सचिव पीडब्ल्यूडी ने एक विस्तृत पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रस्तावित कैपेक्स बजट का व्यापक अवलोकन प्रस्तुत किया, जिसमें प्रमुख परियोजनाओं और वित्तीय आवंटन पर प्रकाश डाला गया. उन्होंने पिछले वित्तीय वर्ष की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के तहत 3410 किलोमीटर लंबी सड़क का मैकडैमाइजेशन, यूटी कैपेक्स के तहत 2763 कार्य पूरे किए गए, पीएमजीएसवाई के तहत 769 किलोमीटर लंबी सड़क पर ब्लैकटॉपिंग, सड़क क्षेत्र के तहत 498 योजनाएं पूरी की गईं और विभिन्न योजनाओं के तहत 47 पुल पूरे किए गए.



