भाजपा सरकार नहीं होती तो प्रदेश लूट जाता : केशव मौर्य
डिप्टी सीएम ने कहा- राम मंदिर का मुद्ïदा हमारी आस्था
लखनऊ। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि यदि सपा, बसपा, रालोद व कांग्रेस की सरकार होती तो ये प्रदेश को लूट लेते। पहले इनकी सरकारों में गरीबों, मजदूरों, किसानों की योजनाओं को लूटा गया, जबकि अब भाजपा सरकार में लूट-घसोट नहीं होती है। प्रदेश का विकास ही भाजपा का चुनाव में सबसे पहला मुद्दा है। सभी विपक्षी दल मिलकर चुनाव लड़ेंगे, तब भी नहीं जीत सकेंगे। उपमुख्यमंत्री जन विश्वास यात्रा के आगमन पर बड़ौत के जनता वैदिक कॉलेज में रैली को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि भाजपा के विरोधी दल आपस में तालमेल करके चुनाव लड़ रहे हैं। यदि सभी विपक्षी दल गठबंधन करके भी भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे, तब भी नहीं जीत पाएंगे। अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बनने के मुंगेरीलाल जैसे सपने देख रहे हैं। अगर वे 2017 के चुनाव में मिली 47 सीट भी इस बार जीत लेंगे तो यह उनका सौभाग्य होगा। अखिलेश यादव यूपी में 400 सीटें जीतने का दावा कर रहे थे, लेकिन जब एक इनकम टैक्स का छापा पड़ा तो उनके करीबियों के यहां 400 करोड़ रुपए की गड़बड़ी पकड़ी गई है।
उन्होंने कहा कि उनके राज में कांवड़ यात्रा के दौरान पत्थर बरसाए जाते थे और अब फूल बरसाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि यूपी में 60 प्रतिशत वोट अकेले भाजपा का है, जबकि 40 प्रतिशत वोट के लिए विपक्ष लड़ रहा है। बल्कि विपक्ष के 40 प्रतिशत वोट में भी भाजपा की सेंधमारी है। विधानसभा चुनाव में भी प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में 300 से अधिक सीटों पर जीत होगी। डिप्टी सीएम ने कहा श्री राम मंदिर का मुद्दा हमारी आस्था है और यह आगे भी मजबूत होती चली जाएगी।
पहले छह घंटे बिजली मिलती थी, अब 24 घंटे
उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भाजपा सरकार की उपलब्धियां भी गिनाई। कहा कि जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 को 70 मिनट में समाप्त कर दिया। कहा कि देश के किसानों के लिए दो लाख करोड़ रुपये किसान सम्मान निधि दी। पहले प्रदेश में मात्र पांच से छह घंटे बिजली मिलती थी, लेकिन अब 24 घंटे मिलती है। उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि वर्ष 2022 का चुनाव फिर आ गया है। वर्ष 2014 में कमल खिलाया, वर्ष 2017 में कमल खिलाया, वर्ष 2019 में सपा, बसपा, रालोद तीनों एक हो गए, लेकिन फिर भी 64 सांसदों ने यूपी में कमल खिलाया। इस बार भी कमल खिलाना है।