शरद पवार का बड़ा बयान, कहा- एनसीपी के दोनों गुटों के एकजुट होने में कोई हैरानी नहीं होगी.

अजित पवार से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि पार्टी के भीतर दो तरह की सोच चल रही है।एक यह कि दोनों गुट फिर से एकजुट हे जाएं।

4पीएम न्यूज नेटवर्कः राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार गुट – एनसीपी-एसपी) के प्रमुख शरद पवार के हालिया बयान ने महाराष्ट्र की सियासत में हलचल मचा दी है। एक कार्यक्रम के दौरान अजित पवार से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि पार्टी के भीतर दो तरह की सोच चल रही है।एक यह कि दोनों गुट फिर से एकजुट हे जाएं।

शरद पवार ने ऑफ द रिकॉर्ड बातचीत में यह संकेत दिया कि अगर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के दोनों गुट—एक उनका और दूसरा उनके भतीजे अजित पवार का—फिर से साथ आते हैं तो इसमें कोई हैरानी की बात नहीं होगी। उन्होंने कहा, “अंतिम निर्णय अगली पीढ़ी के नेतृत्व को लेना होगा। सुप्रिया सुले और अजित पवार को मिलकर यह तय करना चाहिए कि भविष्य की दिशा क्या होनी चाहिए। दोनों पक्षों की विचारधारा लगभग एक जैसी है। मैं स्वयं को इन प्रक्रियाओं से बाहर मानता हूं।” इस बयान के बाद यह अटकलें तेज हो गई हैं कि क्या एनसीपी में फिर से एकता की कोशिशें शुरू हो चुकी हैं। यदि ऐसा होता है तो यह महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ा बदलाव साबित हो सकता है।

पार्टी के अंदर दो विचार हैं- शरद पवार

उनसे सवाल किया गया था कि आप अपनी पार्टी एनसीपी (एसपी) का भविष्य कैसे देखते हैं? इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में कहा, ”पार्टी के अंदर दो विचार हैं. एक ये कि हम फिर से एकजुट हो जाएं. दूसरा कि पार्टी का एक धड़ा सीधे या परोक्ष रूप से बीजेपी के साथ नहीं जाना चाहता. इंडिया गठबंधन को फिर से संगठित करें.” उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन आज सक्रिय नहीं है. इसलिए हमें अपनी पार्टी को फिर से संगठित करना होगा, उसका पुनर्निर्माण करना होगा, उसमें युवा लोगों को शामिल करना होगा और काम करना होगा. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शरद पवार ने कहा कि हमारी सोच विपक्ष में काम करने की है. हमें बीजेपी के लिए एक विश्वसनीय विकल्प बनाना चाहिए.

मुलाकात राजनीति के लिए नहीं था- शरद पवार

उन्होंने महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री अजित पवार से हालिया मुलाकात पर कहा कि वह राजनीति के लिए नहीं था. शैक्षणिक संस्थानों सहित कई संस्थान हैं, जहां हम उनके साथ, एनडीए के साथ, वामपंथियों के साथ काम करते हैं, और हम ऐसा करना जारी रखेंगे. जुलाई 2023 में एनसीपी में फूट पड़ गई थी. अजित पवार ने शरद पवार का साथ छोड़ दिया और कई विधायकों के साथ शिवसेना और बीजेपी गठबंधन की सरकार में शामिल हो गए. तब एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री थे और इस सरकार में अजित पवार डिप्टी सीएम बने. बगावत का मामला चुनाव आयोग पहुंचा और आयोग ने अजित पवार के गुट को असली माना. वहीं एनसीपी के संस्थापक शरद पवार की पार्टी को एनसीपी-एसपी नाम दिया गया. दोनों ही गुट के साथ आने को लेकर समय-समय पर अटकलें लगती रही है. अब शरद पवार ने एक बार फिर अपनी बात रखी है.

Related Articles

Back to top button