भारत ने मिसाइल स्ट्राइक से दिया करारा जवाब, धर्म से ऊपर है देश की सुरक्षा

स्ट्राइक के बाद देशभर में एक संदेश गूंजा। भारत धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं करता। यहां हिंदू हो या मुसलमान, सभी के लिए देश और उसकी सुरक्षा है।

4पीएम न्यूज नेटवर्कः भारत ने हाल ही में एक निर्णायक मिसाल स्ट्राइक कर पाकिस्तान को उसकी करतूतों का माकूल जवाब दिया है। इस कार्रवाई से एक बार फिर स्पष्ट हो गया कि भारत सुरक्षा को लेकर किसी तरह का कोई समझौता नहीं करता है। स्ट्राइक के बाद देशभर में एक संदेश गूंजा। भारत धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं करता। यहां हिंदू हो या मुसलमान, सभी के लिए देश और उसकी सुरक्षा है।

इस जज्बे की मिसाल हैं कर्नल सोफिया और विंग कमांडर व्योमिका, जो भारतीय सेना और वायुसेना में अपना सेवा दे रही हैं। जब ये दोनों अफसर परेड कमांड यानी PC कर रही थीं,तो उनके चेहरों पर नजर आ रहा उत्साह और गर्व देशभक्ति की एक जीवंत तस्वीर पेश कर रहा था। देश की बेटियां हर मोर्चे पर आगे हैं और यह घटना उसी सशक्त भारत की कहानी कहती है, जहां सेवा, समर्पण और सुरक्षा किसी भी जाति या धर्म से परे, सिर्फ राष्ट्र के लिए होती है।

पाकिस्तान और POK में भारत द्वारा की गई सटीक मिसाइल स्ट्राइक के बाद भारतीय सेना ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर आतंकी ठिकानों के नष्ट किए गए वीडियो सार्वजनिक किए। इस प्रेस वार्ता को संबोधित किया दो महिला सैन्य अधिकारियों- कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने। इन दोनों अफसरों की मौजूदगी सिर्फ सैन्य जानकारी देने तक सीमित नहीं थी, बल्कि इसके ज़रिए भारत ने दुनिया को कई अहम संदेश भी दिए। प्रेस कॉन्फ्रेंस के ज़रिए भारत ने स्पष्ट किया कि जिन आतंकियों ने हमारी बहनों के सिंदूर को मिटाने की कोशिश की, उन्हें जवाब भी हमारी बहनों ने ही दिया। यह एक प्रतीकात्मक और भावनात्मक संदेश था, जो भारत के बदलते सैन्य और सामाजिक स्वरूप को दर्शाता है।

दूसरा बड़ा संदेश यह था कि भारत धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करता। जिस आतंक ने धर्म पूछकर लोगों को मारा, उसे हमने मुंहतोड़ जवाब दिया – यह बताते हुए कि हमारे देश में चाहे हिंदू हो या मुसलमान, सबके लिए सबसे पहले देश और उसकी सुरक्षा है। कर्नल सोफिया कुरैशी, जब हिंदी में पत्रकारों को संबोधित कर रही थीं, तो उनके चेहरे पर दिखाई दे रहा गर्व और उत्साह यह साफ़ जाहिर कर रहा था कि वे सिर्फ एक अफसर नहीं, बल्कि देश के हर नागरिक की भावना का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस ने न केवल भारत की सैन्य शक्ति को दिखाया, बल्कि यह भी बताया कि भारत की महिलाएं हर स्तर पर सक्षम हैं युद्ध के मैदान से लेकर वैश्विक संवाद तक।

व्यक्ति की भाषा और एथिनिक पहचान धर्म से ऊपर
पाकिस्तान आतंकवादियों के बीच ऐसा फंसा हुआ है कि उसे इन आतंकवादियों को पनाह देना अब अपने अस्तित्त्व के लिए ख़तरा प्रतीत होने लगा है. पाकिस्तान अपने जन्म के समय आतंकवाद का अड्डा नहीं था लेकिन अफगानिस्तान जैसे-जैसे अमेरिका व सोवियत संघ के बीच शीतयुद्ध का मैदान बना वैसे-वैसे ही पाकिस्तान में आतंकी शरण लेने लगे. इस्लाम के नाम पर पाकिस्तान ने आतंकियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की. चूंकि वह भारत से धर्म के नाम पर अलग हुआ था लेकिन आजादी के मात्र 24 वर्ष बाद ही इस देश का पूर्वी भाग (पूर्वी पाकिस्तान) अलग हो गया. क्योंकि धर्म किसी को एथिनिक, क्षेत्रीय और भाषायी पहचान से दूर नहीं कर सकता. दक्षिण पूर्व एशियाई देशों मलयेशिया और इंडोनेशिया में अधिकांश आबादी मुस्लिम है. किंतु न तो उन्होंने अपनी भाषा बदली न एथिनिक पहचान बदलने की कोशिश की.

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