03 बजे तक की बड़ी खबरें

1 भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर पर टिप्पणी के मामले में गिरफ्तार अशोका यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कथित आपत्तिजनक पोस्ट के सिलसिले में प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को अंतरिम जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया है।

2 कांग्रेस नेता और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पहलगाम की घटना को लेकर बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि इस आतंकी हमले में 26 लोगों की जान गई, लेकिन उनके परिजन आज भी जवाब का इंतजार कर रहे हैं। पाँच आतंकवादी अब तक पकड़े नहीं गए, सेना को कार्रवाई के लिए क्यों नहीं भेजा गया? गृहमंत्री अमित शाह से कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठवाया गया? ऑपरेशन सिंदूर के बाद भी आतंकवादी फरार हैं।

3 बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। राजनेता लगातार प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। वहीं इसी बीच बिहार में पोस्टर वॉर जारी है. राजधानी पटना की सड़कों पर जगह-जगह पोस्टर लगाए गए हैं. चिराग पासवान की पार्टी का पोस्टर आने के बाद राजद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आगाह किया है.पोस्टर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव, चिराग पासवान और सम्राट चौधरी की तस्वीर लगाई है. राजद ने चिराग पासवान पर तंज कसते हुए कहा, “तेजस्वी यादव ही शुद्ध देसी बिहारी, बाकी तो बाहरी हैं.

4 भाजपा सांसद बृजलाल ने कहा कि भाजपा सांसद एवं सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य बृजलाल ने बताया कि पाकिस्तान उर्फ आतंकिस्तान की करतूतों को विदेश में उजागर करेंगे। ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय फौज की तरफ से पाकिस्तान में स्थित आतंकी ठिकानों पर कारवाई की गई थी। आतंकवाद पर ज़ीरो टालरेंस वाली पॉलिसी पर कार्यरत भारत की ओर से शांति स्थापित करने पर ज्यादा ज़ोर दिया जाता रहा है। इस बात को मद्देनज़र रखते हुए भारत की तरफ से सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को अलग अलग देशों में भेजा जा रहा है।

5 महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुती सरकार में छगन भुजबल के मंत्रिमंडल में शामिल होने के साथ ही राज्य की राजनीति में घमसान मच गया है। इसे लेकर उद्धव ठाकरे ने सवाल किये हैं। उनका कहना है कि हिंदूहृदयसम्राट शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे को गिरफ्तार करने वाले छगन भुजबल के साथ घनिष्ठता दिखाने पर उस वक्त एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे से सवाल पूछे थे—कि भुजबल की बगल में बैठते वक्त उन्हें पीड़ा क्यों नहीं होती? उन्हें शर्म क्यों नहीं आती? लेकिन अब वही छगन भुजबल महायुती सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल हो गए हैं.

6 बीजेपी के नेता दिलीप घोष ने कहा कि टीएमसी शुरू में पाकिस्तान के विरोध में जाने से हिचक रही थी, लेकिन जनता के दबाव के चलते उन्हें रुख बदलना पड़ा। सिर्फ मुस्लिम वोटबैंक के कारण ऐसे फैसला लिया हैं, लेकिन अब मजबूरी में सही, टीएमसी को साथ आना पड़ा। जब देश एकजुट है, तो ऐसे दलों को भी साथ खड़ा होना चाहिए। सवाल है कि जब कश्मीर में बम गिरने पर प्रतिनिधिमंडल भेजा जा सकता है, तो मुर्शिदाबाद में हुए दंगों—जहां हिंदुओं की हत्याएं हुईं, घर और मंदिर तोड़े गए—पर चुप्पी क्यों है?

7 दिल्ली के मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने राहुल गांधी के ट्वीट पर निशाना साधा और कहा कि वह चीन से चंदा लेते हैं, तुर्की में अपना कार्यालय खोलते हैं और पाकिस्तान की भाषा बोलते हैं। “…देशभक्ति की भावना केवल उन लोगों में हो सकती है जो देश के निवासी हैं। राहुल गांधी की मां सोनिया गांधी इस देश से नहीं हैं…राहुल गांधी ने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को रोकने की पूरी कोशिश की। वह चीन से चंदा लेते हैं, तुर्की में अपना कार्यालय खोलते हैं और पाकिस्तान की भाषा बोलते हैं.

8 ऑपरेशन सिंदूर पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की “छोटी लड़ाई” वाली टिप्पणी पर तीखा हमला करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सीआर केसवन ने कहा कि कांग्रेस पार्टी केवल भारतीय सेना और हमारे देश को हतोत्साहित और बदनाम करने का काम कर रही है। उन्होंने कहा मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी दोनों ने ऑपरेशन सिंदूर के खिलाफ ऐसी अपमानजनक टिप्पणियां की हैं। कोई यह सोचे बिना नहीं रह सकता कि कांग्रेस पार्टी के लिए विपक्ष का नेता विपक्ष का नेता है या पाकिस्तान का नेता…कांग्रेस पार्टी सेना के साहस और निस्वार्थ बलिदान की सराहना क्यों नहीं कर पा रही है?

9 ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर जमकर बयानबाजी हो रही है। ऐसे में इस ऑपरेशन को लेकर भारतीय सशस्त्र बलों के सम्मान में तिरंगा यात्रा का आयोजन किया गया. जिसमें दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता दिल्ली सरकार में मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा, आशीष सूद एवं अन्य कार्यकर्ताओं के साथ शामिल हुईं. सभी ने देश के वीर सपूतों का सम्मान किया.

10 महाराष्ट्र सरकार ने भारत के मुख्य न्यायाधीश के लिए कुछ अहम प्रोटोकॉल जारी किए हैं। मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई को अब आधिकारिक तौर पर महाराष्ट्र में स्थायी राजकीय अतिथि घोषित कर दिया गया है। बताया जा रहा ये प्रोटोकॉल मुंबई और राज्य के अन्य हिस्सों की यात्रा के दौरान आधिकारिक शिष्टाचार का पालन सुनिश्चित करने के लिए जारी किए गए हैं।

 

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