जापान-भारत आतंकवाद के खिलाफ एक साथ: अभिषेक बनर्जी
अभिषेक बनर्जी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘जापान में हमारी चर्चा बहुत सार्थक रही. हमने पहलगाम हमले पर ऑपरेशन सिंदूर के जरिए दुनिया को एक साफ संदेश दिया.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी सहित भारत के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने जापान में ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमले के खिलाफ भारत के मजबूत रुख को उजागर किया और वैश्विक शांति के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर जोर दिया.
तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद अभिषेक बनर्जी सहित भारत के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने अपनी जापान यात्रा समाप्त कर ली है. इस प्रतिनिधिमंडल का मिशन 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत के आतंकवाद के खिलाफ अटल संकल्प को दुनिया के सामने रखना था, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी.
दुनिया की 33 राजधानियों में भेजे गए सात प्रतिनिधिमंडलों में से एक, इस दल ने टोक्यो में भारतीय दूतावास में चर्चा की. यह दौरा ऑपरेशन सिंदूर के बाद हुआ. जिसमें 7 मई 2025 को भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में आतंकी ठिकानों पर हमले किए थे. इन हमलों को नागरिकोंकी सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए आतंकी नेटवर्क को नष्ट करने के लिए अंजाम दिया गया था.
टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘जापान में हमारी चर्चा बहुत सार्थक रही. हमने पहलगाम हमले पर ऑपरेशन सिंदूर के जरिए दुनिया को एक साफ संदेश दिया. यह वैश्विक शांति और सुरक्षा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है. उन्होंने जापान में भारतीय समुदाय द्वारा हमले में मारे लोगों को दी गई श्रद्धांजलि की भी सराहना की.’
बनर्जी ने कहा, ‘सियोल में इस मिशन को आगे बढ़ाते हुए कि भारत का संकल्प अटल है. हम आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में साहस के साथ उनका सामना करेंगे. यह वैश्विक पहल भारत के आतंकवाद से निपटने में नेतृत्व और अंतरराष्ट्रीय एकजुटता को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
वहीं टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने भी अपनी एक्स पोस्ट में कहा कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की वैश्विक पहल के तहत विभिन्न देशों का दौरा कर रहे सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को देखकर मुझे खुशी हो रही है. जैसा कि मैंने हमेशा कहा है कि टीएमसी राष्ट्रीय हित और हमारी संप्रभुता की रक्षा में केंद्र द्वारा उठाए गए किसी भी कदम के साथ मजबूती से खड़ी है. मैं केंद्र सरकार से प्रतिनिधिमंडल की वापसी पर संसद का विशेष सत्र बुलाने का आग्रह करती हूं, क्योंकि मेरा मानना है कि इस देश के लोगों को हाल के संघर्ष के बारे में किसी और से पहले जानकारी प्राप्त करने का अधिकार है.



