गुजरात बॉर्डर से जासूस गिरफ्तार, ISI को भेज रहा था सीक्रेट जानकारी!

गुजरात ATS ने कच्छ सीमा से एक जासूस को गिरफ्तार किया है... जो पाकिस्तान को संवेदनशील सूचनाएं भेज रहा था...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः गुजरात की आतंकवाद निरोधी दस्ते ने एक बार फिर अपनी सतर्कता….. और त्वरित कार्रवाई से देश की सुरक्षा को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है…… इस बार ATS ने भारत-पाकिस्तान सीमा पर स्थित कच्छ जिले से एक संदिग्ध जासूस को गिरफ्तार किया है…… जिस पर भारतीय सशस्त्र बलों…… विशेष रूप से सीमा सुरक्षा बल और भारतीय वायुसेना की संवेदनशील जानकारी पाकिस्तान के साथ साझा करने का गंभीर आरोप है…… मीडिया के अनुसार…… गिरफ्तार व्यक्ति का नाम सहदेव सिंह गोहिल है…… जो कच्छ के लखपत तालुका का निवासी है…… और एक अनुबंधित स्वास्थ्य कार्यकर्ता के रूप में कार्यरत था…. यह गिरफ्तारी भारत और पाकिस्तान के बीच हाल के तनावपूर्ण संबंधों…… और अप्रैल 2025 में पहलगाम आतंकी हमले के बाद चल रही राष्ट्रीय स्तर की जासूसी-रोधी कार्रवाइयों के संदर्भ में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है……..

सहदेव सिंह गोहिल कच्छ जिले के माता-ना-मध प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता के रूप में कार्यरत था…… वह लखपत तालुका के दयापर गांव का निवासी है…… जो भारत-पाकिस्तान की संवेदनशील सीमा के निकट स्थित है…… ATS के अनुसार, गोहिल ने जून-जुलाई 2023 से एक पाकिस्तानी खुफिया एजेंट…… जो “अदिति भारद्वाज” के छद्म नाम से सक्रिय थी……. के साथ संपर्क स्थापित किया था…… यह संपर्क व्हाट्सएप के माध्यम से शुरू हुआ……. जहां गोहिल को पहले दोस्ती के जाल में फंसाया गया….. और फिर धीरे-धीरे संवेदनशील सैन्य जानकारी साझा करने के लिए प्रेरित किया गया…..

ATS के पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ कोरुकोन्डा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि गोहिल को इस बात की पूरी जानकारी थी…… कि वह एक पाकिस्तानी जासूस के साथ संवाद कर रहा है….. इसके बावजूद, उसने BSF और भारतीय नौसेना के कार्यालयों……. निर्माणाधीन सुविधाओं और अन्य संवेदनशील सैन्य ठिकानों की तस्वीरें…… और वीडियो व्हाट्सएप के जरिए साझा किए…… इन जानकारियों में कच्छ क्षेत्र में स्थित सैन्य प्रतिष्ठानों की स्थिति, निर्माण कार्य…… और अन्य गोपनीय विवरण शामिल थे…… जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अत्यंत संवेदनशील हैं…….

ATS की जांच में सामने आया कि गोहिल ने जनवरी 2025 में अपने आधार कार्ड का उपयोग करके एक नया सिम कार्ड खरीदा…… और उसका व्हाट्सएप एक्टिवेशन कोड अदिति भारद्वाज  के साथ साझा किया…….. जिससे वह पाकिस्तान से उस भारतीय नंबर पर व्हाट्सएप का संचालन कर सकी……. फोरेंसिक विश्लेषण से पुष्टि हुई कि अदिति भारद्वाज के नाम से उपयोग किए जा रहे व्हाट्सएप नंबर पाकिस्तान से संचालित हो रहे थे……… यह तकनीकी सबूत ATS के लिए इस मामले में निर्णायक साबित हुआ……

बता दें कि गोहिल ने कथित तौर पर इस जासूसी गतिविधि के बदले 40,000 रुपये नकद प्राप्त किए…….. जो उसे एक अज्ञात व्यक्ति के माध्यम से दिए गए……. ATS अब इस भुगतान के स्रोत और इसमें शामिल संभावित अन्य व्यक्तियों की जांच कर रही है……. गोहिल का मोबाइल फोन फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी को भेजा गया है…….. जहां डिलीट किए गए डेटा को पुनर्प्राप्त करने….. और अन्य संदिग्ध संदेशों की जांच की जा रही है……

गोहिल को 1 मई 2025 को हिरासत में लिया गया था…… और तकनीकी और मानव खुफिया सूचनाओं के आधार पर शनिवार 24 मई 2025 को औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया गया……. ATS ने गोहिल और अदिति भारद्वाज के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 61 (आपराधिक साजिश) और धारा 148 (सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने या इसमें सहायता करने) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है…… यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा होने के कारण अत्यंत गंभीर माना जा रहा है……

बता दें कि गोहिल को अहमदाबाद लाया गया है….. जहां ATS की एक विशेष टीम उससे गहन पूछताछ कर रही है…… पूछताछ का उद्देश्य यह पता लगाना है कि गोहिल ने और किन-किन जानकारियों को साझा किया……, क्या वह किसी बड़े जासूसी नेटवर्क का हिस्सा था……. और क्या अन्य लोग भी इस गतिविधि में शामिल हैं…… ATS केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के साथ मिलकर इस मामले की गहराई से जांच कर रही है……

वहीं यह गिरफ्तारी ऐसे समय में हुई है जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है…… 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले….. जिसमें 26 लोग मारे गए थे….. जिसने दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया……. इस हमले के जवाब में भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” शुरू किया……. जिसके तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी शिविरों को नष्ट किया गया……. इस ऑपरेशन के बाद से भारत में जासूसी गतिविधियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई शुरू की गई है……

पिछले दो हफ्तों में देश भर में कम से कम 13 लोगों को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने…… और संवेदनशील जानकारी लीक करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है….. इनमें एक यूट्यूबर, एक व्यवसायी और एक सुरक्षा गार्ड शामिल हैं…… गुजरात में यह आठ महीनों में तीसरी ऐसी गिरफ्तारी है……. जो तटीय क्षेत्र में डिजिटल हनीट्रैप और जासूसी नेटवर्क की बढ़ती प्रवृत्ति को दर्शाती है……

ATS अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंट विशेष रूप से इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस भारतीय नागरिकों को हनीट्रैप और आर्थिक प्रलोभन के जरिए जासूसी के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं……. कच्छ जैसे संवेदनशील सीमावर्ती क्षेत्र, जहां BSF और भारतीय नौसेना की महत्वपूर्ण सुविधाएं मौजूद हैं……. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों के लिए विशेष रुचि का क्षेत्र हैं…..

गोहिल का मामला इस बात को रेखांकित करता है कि कैसे सामान्य नागरिक भी जो संवेदनशील क्षेत्रों में काम करते हैं…… जासूसी नेटवर्क का हिस्सा बन सकते हैं….. ATS ने इस बात पर चिंता जताई है कि स्थानीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता जैसे लोग….. जिनके पास संवेदनशील क्षेत्रों तक पहुंच है…… वह भी इस तरह की गतिविधियों में शामिल हो रहे हैं…… यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती है…..

सीमा सुरक्षा बल और भारतीय वायुसेना भारत-पाकिस्तान सीमा की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं……. कच्छ का क्षेत्र जो अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है……. सैन्य ठिकानों और निर्माण कार्यों का केंद्र है…… गोहिल द्वारा साझा की गई जानकारी में इन ठिकानों की तस्वीरें….. और वीडियो शामिल थे…… जो पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों के लिए उपयोगी हो सकते थे……

वहीं BSF ने हाल के दिनों में सीमा पर घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम करने में भी महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है…… हाल ही में पंजाब के अमृतसर और फिरोजपुर सेक्टर में BSF ने दो पाकिस्तानी घुसपैठियों को पकड़ा…… और एक को मार गिराया…… ये घटनाएं भारत की सीमाओं पर बढ़ते खतरों को दर्शाती हैं…..

आपको बता दें कि ATS अब इस मामले में गहरी जांच कर रही है……. ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या गोहिल किसी बड़े जासूसी नेटवर्क का हिस्सा था…… और क्या अन्य लोग भी इस गतिविधि में शामिल हैं…… केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के साथ समन्वय में ATS इस नेटवर्क के अन्य संभावित सदस्यों की पहचान करने की कोशिश कर रही है……. गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने ATS की इस कार्रवाई की सराहना की…… और कहा कि यह आतंकवाद और जासूसी के खिलाफ राज्य की मजबूत लड़ाई का हिस्सा है…..

वहीं यह मामला न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक चेतावनी है……. बल्कि यह भी दर्शाता है कि डिजिटल युग में जासूसी के तरीके कितने परिष्कृत हो गए हैं…… सोशल मीडिया और मैसेजिंग ऐप्स जैसे व्हाट्सएप का उपयोग करके…… विदेशी एजेंसियां आसानी से भारतीय नागरिकों को अपने जाल में फंसा रही हैं…… इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए खुफिया एजेंसियों को और अधिक सतर्कता….. और तकनीकी संसाधनों की आवश्यकता है……

 

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