दिल्ली हाईकोर्ट में AAP की याचिका पर इस दिन होगी सुनवाई, ऑफिस आवंटन रद्द और किराया वसूली के खिलाफ दी है चुनौती

AAP ने आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार उसके साथ अन्य पार्टियों जैसा समान व्यवहार नहीं कर रही है. दूसरी ओर, केंद्र ने सफाई दी कि सेंट्रल दिल्ली में पार्टी दफ्तर के लिए कोई जगह खाली नहीं है.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः दिल्ली हाईकोर्ट ने आम आदमी पार्टी की उस याचिका पर केंद्र सरकार और राज्य निदेशालय (स्टेट डायरेक्टरेट) से जवाब मांगा है, जिसमें पार्टी ऑफिस का आंवटन रद्द करने और मार्केट रेट पर किराया वसूलने के आदेश को चुनौती दी गई है।

जस्टिस सचिन दत्ता की एकल पीठ ने केंद्र और स्टेट डायरेक्टरेट को नोटिस जारी कर विस्तृत हलफनामा (डिटेल एफिडेविट) दाखिल करने का निर्देश दिया है। इस मामलों में अगली सुनवाई 12 अगस्त को होगी। AAP ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि बिना कोई कारण बताए और पार्टी को सुनवाई को मौका दिए बिना ऑफिस का आवंटन रद्द कर दिया गया। पार्टी ने स्टेट डायरेक्टरेट द्वारा 14 सितंबर को जारी आदेश को चुनौती दी है, जिसमें ऑफिस आवंटन रद्द किया गया था। इसके साथ ही AAP ने उस निर्णय को भी अदालत में चुनौती दी है, जिसमें उसके द्वारा उपयोग में लाए जा रहे सरकारी ऑफिस के लिए बाजार दर पर किराया वसूलने की बात कही गई है। अब इस मामले में अगली कार्यवाही 12 अगस्त को होगी, जब दोनों पक्षों के तर्कों को सुना जाएगा।

आम आदमी पार्टी ने ऑफिस पर कब्जा करने के लिए और मार्केट रेट पर किराया वसूलने के फैसले को भी दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है. आम आदमी पार्टी ने अपनी याचिका में कहा कि आवंटन रद्द करने की वजह पार्टी को बताएं बिना संबंधित डिपार्टमेंट ने ऐसा किया है. ‘आप’ ने स्टेट डायरेक्टरेट की तरफ से 14 सितंबर को जारी आदेश को चुनौती दी है. इसमें ऑफिस के लिए उसके पक्ष में किए गए आवंटन को रद्द कर दिया गया था.

स्टेट डायरेक्टरेट का आदेश गलत

दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया है कि आवंटन रद्द करने का स्टेट डायरेक्टरेट का आदेश गलत है. क्योंकि, आवंटन को रद्द करने से पहले याचिकाकर्ता को कोई कारण नोटिस विभाग की तरफ से जारी नही किया गया और न ही AAP को उचित समय दिया गया. AAP की तरफ से दिल्ली हाईकोर्ट में दलील देते हुए यह कहा गया कि संबंधित विभाग का आवंटन रद्द करने का आदेश न्याय के मूल सिद्धांतों का उल्लंघन है.

AAP ने आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार उसके साथ अन्य पार्टियों जैसा समान व्यवहार नहीं कर रही है. दूसरी ओर, केंद्र ने सफाई दी कि सेंट्रल दिल्ली में पार्टी दफ्तर के लिए कोई जगह खाली नहीं है. इसी मामले में जस्टिस सचिन दत्ता ने कार्यालय रद्द करने के फैसले और जुर्माने पर रोक लगाने संबंधी याचिका पर नोटिस जारी किया है.

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