विपक्ष ने आंकड़ों के दम पर एनडीए सरकार को किया बेदम
नीतीश सरकार पर लालू और प्रियंका का प्रहार

- राजद प्रमुख बोले- नीतीश-भाजपा ने किया विधि व्यवस्था का अंतिम संस्कार
- बिहार में अपराधी बेलगाम : लालू
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पटना। आगामी विधानसभा सभा चुनाव से पहले विपक्ष नीतीश सरकार को आंकड़े दिखाकर घेरने में कोई कमी नहीं छोड़ रही है। प्रियंका गांधी व नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आंकड़े दिखाकर नीतीश सरकार पर सवाल उठाते रहे हैं। अब उनके पिता और राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद ने एनडीए सरकार पर हमला बोला और कई आरोप भी लगा दिए। राजद सुप्रीमो ने सोशल मीडिया पर लिखा कि नीतीश बताएं कि शाम पांच बजे से पहले घर में घुसकर ही कितनी हत्याएं हो रही है? क्या नीतीश जानते, पहचानते और समझते हैं कि उनके शासनकाल में आधिकारिक आंकड़ों में 65,000 हत्याएं हुई है? 65,000 लोगों की हत्याएं हुई है।
लालू प्रसाद ने आगे लिखा कि नीतीश-भाजपा ने विधि व्यवस्था का दम ही नहीं निकाला बल्कि उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया है। बिहार में इतनी भ्रष्ट, लापरवाह और कामचोर पुलिस कभी भी, कभी भी नहीं रही। उधर बिहार चुनाव में प्रदर्शन बेहतर हो, इसके लिए कांग्रेस हर संभव कोशिश करना चाहती है। राहुल गांधी लगातार नीतीश सरकार पर हमला बोल रहे हैं। अब उनकी बहन और कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री प्रियंका गांधी वाड्रा ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार पर हमला बोला है। तीन दिन पहले भी लालू प्रसाद यादव ने नीतीश सरकार पर हमला बोला था। सात जून को उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि बिहार में अपराधी बेलगाम हैं। अफसरशाही मदमस्त हैं। सरकार बेहोश है और महंगाई रिकॉर्डतोड़ है। राज्य गरीबी, बेरोजगारी, पलायन बढ़ गई है। 20 वर्षों की इस एनडीए सरकार ने बिहार का बंटाधार कर दिया है।
डबल इंजन की सरकार महिलाओं के लिए खतरनाक साबित हो रही है : प्रियंका
कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री प्रियंका गांधी वाड्रा ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने बिहार में सबसे कम लिंगानुपात को लेकर उन्होंने नीतीश सरकार को घेरने की कोशिश की है। सोशल मीडिया पर उन्होंने लिखा कि बिहार में प्रति हजार लडक़ों पर सिर्फ 891 लड़कियां पैदा हो रही हैं। प्रियंका गांधी ने पूछा कि आखिर ऐसा क्या हो रहा है कि जन्म लेने वाले बच्चों में बेटियों की संख्या लगातार गिर रही है? एक तरफ महिलाओं पर लगातार हो रही बर्बरता और दूसरी तरफ लिंगानुपात के मामले में देश में सबसे खराब स्थिति इस बात का संकेत है कि बिहार की डबल इंजन सरकार महिलाओं के लिए खतरनाक साबित हो रही है। उन्होंने कहा कि यह इस बात का संकेत है कि राज्य की डबल इंजन सरकार महिलाओं के लिए खतरनाक साबित हो रही है। कांग्रेस नेत्री ने एक रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट शेयर किया किया। इसमें यह बताया गया था कि भारत के रजिस्ट्रार जनरल के कार्यालय द्वारा जारी नवीनतम नागरिक पंजीकरण प्रणाली रिपोर्ट 2022 के अनुसार, बिहार में जन्म के समय लिंगानुपात 891 है। इसके बाद महाराष्ट्र (906), तेलंगाना (907), हरियाणा (909) और उत्तराखंड (910) का स्थान है। उन्होंने कहा कि बिहार में 1,000 लडक़ों पर केवल 891 लड़कियां पैदा हो रही हैं। यह अनुपात 2020 में 964 था, जो 2021 में घटकर 908 हो गया और 2022 में केवल 891 पर रह गया।

दिल्ली में छठी मंजिल पर लगी आग, 3 की मौत
- शीशे तोडक़र कूदे लोग
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। दिल्ली के द्वारका में एक इमारत में आग लगने से एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई। मौके से सामने आए वीडियोज में अपार्टमेंट बिल्डिंग आग में घिरी हुई दिख रही थी और खिड़कियों से आग की तेज लपटें निकल रही थीं। इसी आग से बचने के लिए एक ही परिवार के तीन लोगों (2 बच्चे और एक पिता) ने बालकनी से छलांग लगा दी, जिससे उनकी मौत हो गयी। दिल्ली फायर सर्विसेज के अनुसार द्वारका इलाके के सेक्टर 13 के सबद अपार्टमेंट की दो फ्लोर पर यह आग लगी।
पहले इसमें ही 2-3 लोगों के फंसे होने की आशंका जताई गई थी। जिसके बाद खबर आई कि दो बच्चे (एक लडक़ा और एक लडक़ी, दोनों की उम्र 10 साल) खुद को बचाने के लिए बालकनी से कूद गए, जिन्हें आकाश अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया। बाद में उनके पिता यश यादव (उम्र 35 साल) भी बालकनी से कूद गए, जिन्हें भी आईजीआई अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया। वह फ्लेक्स बोर्ड के व्यवसाय से जुड़े थे। दुखद खबर के बीच अच्छी खबर यह रही कि यश यादव की पत्नी और बड़ा बेटा आग से बच गए और जीवित हैं। उन्हें चिकित्सा सहायता के लिए आईजीआई अस्पताल भेजा गया है। सोसायटी के सभी निवासियों को बाहर निकाल लिया गया है और बिजली तथा पीएनजी कनेक्शन जैसी सभी सुविधाएं बंद कर दी गई हैं। संरचनात्मक स्थिरता का आकलन करने के लिए डीडीए तथा एमसीडी को सूचित कर दिया गया है. परिवार की सहायता के लिए आकाश तथा आईजीआई अस्पताल दोनों में टीमें तैनात की गई हैं।
पुलिस ने प्रदर्शन में शामिल हुईं आतिशी को लिया हिरासत में
- भूमिहीन कैंप में बुलडोजर एक्शन का विरोध
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नर्ई दिल्ली। पूर्व सीएम आतिशी को दिल्ली पुलिस ने उस समय हिरासत में ले लिया जब वह कालकाजी के भूमिहीन कैंप में तोडफ़ोड़ विरोधी प्रदर्शन में शामिल थीं। आतिशी ने मंगलवार को दावा किया कि कालकाजी स्थित भूमिहीन कैंप में तोडफ़ोड़ अभियान से पहले बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया था। दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) द्वारा झुग्गी-झोपड़ी कैंप में स्थित घरों पर बेदखली के नोटिस चिपका दिए गए हैं, जिनमें अतिक्रमणकारियों को तीन दिन के भीतर स्थान छोडऩे या कार्रवाई का सामना करने की चेतावनी दी गई है।
शिविर, जहां अधिकांश निवासी प्रवासी श्रमिक हैं, में पिछले कुछ वर्षों में तीन बार ध्वस्तीकरण अभियान चलाया गया है-इस वर्ष मई और जून में तथा जुलाई 2023 में। आतिशी ने एक्स पर लिखा कि कल भाजपा वाले भूमिहीन कैम्प पर बुलडोजऱ चलाने वाले हैं। आज वहां के झुग्गी वाले प्रोटेस्ट करने वाले थे तो भाजपा सरकार ने हज़ारों की संख्या में पुलिस और सीआरपीएफ को भेज दिया है। रेखा गुप्ता जी, आपने तो कहा था कि कोई झुग्गी नहीं तोड़ेंगे? तो इतनी पुलिस और सीआरपीएफ क्यों तैनात है?
महाराष्ट्र में लोकल ट्रेन हादसे पर सियासत शुरू
- कांग्रेस ने सरकार पर साधा निशाना, वैष्णव के इस्तीफे की मांग की
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई। कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख हर्षवर्धन सपकाल ने ठाणे जिले में हुए लोकल ट्रेन से जुड़े हादसे के लिए सोमवार को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के इस्तीफे की मांग की। इस हादसे में चार व्यक्तियों की मौत हो गई। कांग्रेस नेता सपकाल ने मृतकों के परिजनों के लिए 25-25 लाख रुपये के मुआवजे की भी मांग की।
सुबह के व्यस्त समय में एक चलती और भीड़भाड़ वाली लोकल ट्रेन से गिरकर राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के एक कान्स्टेबल सहित कम से कम चार यात्रियों की मौत हो गई और छह अन्य घायल हो गए। सपकाल ने नागपुर में पत्रकारों से बात करते हुए दावा किया कि लोकल ट्रेन दुर्घटना के लिए केंद्र और राज्य सरकारें जिम्मेदार हैं उन्होंने रेल मंत्री पर सुविधाओं में सुधार को लेकर अनभिज्ञ होने का आरोप लगाया और उनके इस्तीफे की मांग की। सपकाल ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लोगों की मौत पर शोक व्यक्त किया और कहा कि पिछले 11 वर्षों से, महाराष्ट्र के लोग बुनियादी ढांचे को सुगम बनाने के बारे में खोखली बातें सुन रहे हैं।
लोकल ट्रेनों में लगाने चाहिए स्वचालित दरवाजे : शरद पवार
राकांपा (एसपी) अध्यक्ष शरद पवार ने लोकल ट्रेन से गिरकर यात्रियों की मौत को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए सोमवार को मध्य रेलवे प्रशासन से अपील की कि वह भीड़भाड़ को देखते हुए लोकल ट्रेनों में स्वचालित दरवाजे लगाने जैसे उपाय लागू करे।
टेंडर फिक्स कर रहे हैंसचिवालय कर्मी!
- नगर विकास विभाग में चल रहा गोरखधंधा
- सपा विधायक का सनसनीखेज आरोप
- एक ही कंपनी को क्यों मिल रहे हैं करोड़ों के टेंडर
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सचिवालय में नगर विकास विभाग में वर्षों से एक ही कुर्सी पर जमे अफसरों के खिलाफ अब राजनीतिक मोर्चा खुल गया है। समाजवादी पार्टी के विधायक पंकज मलिक ने नगर विकास विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार और प्रशासनिक अनियमितताओं को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
विधायक ने इस संबंध में विधानसभा अध्यक्ष को एक पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि लंबे समय से कुर्सी पर चिपके इन अधिकारियों/कर्मचारियों पर समय रहते कार्यवाई नहीं हुई तो 7000 करोड़ रुपये से अधिक की 550 योजनाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ सकती है। अवधेश यादव विभागीय जाँच के बावजूद तैनात, अशोक, शिवांगी गौरव दुबे, आनंद अखिलेश्वरव विपुल लगातार समीक्षा अधिकारी के पद पर तैनात हैं। प्रवीनकोरी सतपाल, गजेन्द्र, ब्रजेश, वासिफ विभागीय जाँच के बावजूद तैनात है। कृपा जयशंकर जायसवाल प्रमोशन के बावजूद ट्रांसफर नहीं हुआ।
क्या हैं खतरे की घंटियां
सपा विधायक ने दावा किया है कि यदि इन अधिकारियों को तत्काल हटाया नहीं गया तो नगर विकास विभाग की 550 से अधिक योजनाएं जिनकी लागत 7000 करोड़ रुपये से अधिक है भ्रष्टाचार की आग में झुलस जाएँगी। इसमें स्मार्ट सिटी मिशन, अमृत योजना, नगर स्वच्छता अभियान, सीवर लाइन और सडक़ चौड़ीकरण जैसी कई अहम परियोजनाएं शामिल हैं।
नीति पर भी सवाल
पत्र में यह भी पूछा गया है कि आखिर राज्य की नौकरशाही में एक ही पद पर वर्षों तक टिके रहने की नीति को कैसे उचित ठहराया जा सकता है? यह मूल्य आधारित प्रशासन की अवधारणा के विरुद्ध है और इससे भ्रष्टाचार को सीधा संरक्षण मिलता है।
सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार
इस मुद्दे को लेकर अभी तक सरकार की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है लेकिन विपक्ष इसे लेकर आक्रामक हो गया है। सपा ने संकेत दिया है कि यदि मांगें पूरी नहीं हुईं तो वे सदन में इस मुद्दे को जोरशोर से उठाएँगे और सडक़ से लेकर सदन तक संघर्ष करेंगे।



