बेरोजगार युवा 22 में देंगे भाजपा को जवाब : अखिलेश यादव
सपा प्रमुख ने भाजपा पर फिर साधा निशाना
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्टï्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के एक रथ के मुकाबले भाजपा के छह रथ नाकाम साबित हो रहे हैं। समाजवादी विजय रथ के पहिए जहां-जहां घूम रहे हैं, जनसमर्थन की आंधी उठ रही है। हर तरफ उमड़ता जनसैलाब संकेत दे रहा है कि अब भाजपा के दिन बीत गए हैं। समाजवादी विजय रथ अबाधगति से बढ़ता हुआ प्रचंड बहुमत के रास्ते को प्रशस्त करने में सफल होगा। सपा प्रमुख ने आज डॉ. राममनोहर लोहिया सभागार लखनऊ में एकत्र बड़ी संख्या में समर्थकों एवं कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि सन 2022 में लोकतंत्र को बचाने का अंतिम चुनाव है। भाजपा अपनी नाकामियों को लेकर बुरी तरह बौखला गई है।
विधानसभा चुनावों में अपनी हार सुनिश्चित देखकर भाजपा लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या पर उतारू हो गई हैं। अखिलेश ने ट्ïवीट किया कि निर्दयी भाजपा सरकार की एनकाउंटर संस्कृति ने कुछ पुलिसवालों को बेरहम बना दिया है। शिक्षक भर्ती के प्रदर्शनकारियों की गर्दन पर हाथ डालने वाले प्रशासन को उप्र के बेरोजगार युवा बाइस में जवाब देंगे। उप्र के हर एक पुलिसवाले को फिर से संवेदनशील बनाना भविष्य के लिए एक बड़ी चुनौती है। यादव ने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ जब राजनीति में विश्वास का संकट पैदा हुआ है। सत्ताशीर्ष की भाषा अभद्र, मर्यादाविहीन और निंदापरक होती जा रही है। भाजपा का कोई विजन न होने से प्रदेश का विकास अवरुद्ध है। किसान तबाह है, नौजवान रोजगार के लिए भटक रहे हैं।
उद्योग और कामधंधे बंद है। भाजपा राज में प्रदेश की जनता कराह रही है। चारों ओर समाजवादी पार्टी की लहर चल रही है। जनता ने मन बना लिया है कि वह इस बार भाजपा को ऐतिहासिक पराजय से परिचय होगा। अखिलेश ने कहा भाजपा ने जितने वादे किए या अपने संकल्प पत्र में लिखे थे, उनमें एक भी पूरा नहीं किया। कालाधन वापस लाने और हर एक के खाते में 15-15 लाख रुपये जमा होने के वादों का तो अब जिक्र भी नहीं होता है। भाजपा ने वास्तव में कालाधन के समानांतर अर्थव्यवस्था कायम कर रखी है। जब तक भाजपा रहेगी तब तक कालाधन का धंधा बंद नहीं होगा। भाजपा के पास अपना काम बताने लायक कुछ भी नहीं है। भाजपा विरोधियों को प्रताड़ित करने और झूठ-फरेब की राजनीति करती है। चूंकि अब भाजपा अपनी निश्चित हार से डरी-सहमी है इसलिए वह षड्यंत्र करने में लगी है। जनता इससे भलीभांति अवगत है और वह किसी भी हालत में अब भाजपा को जीतने नहीं देगी। जनता समाजवादी पार्टी की जीत में ही अपनी जीत मान रही है।
डॉ. शकुंतला मिश्रा विवि में छेड़खानी, कुलसचिव समेत चार पर एफआईआर
लखनऊ। डॉक्टर शकुंतला मिश्रा पुर्नवास विश्वविद्यालय के कुलसचिव और परीक्षा नियंत्रक समेत चार लोगों के खिलाफ एक महिला सहकर्मी ने पारा थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। आरोप है कुलसचिव अमित कुमार सिंह ने महिला सहकर्मी के साथ न केवल अभद्रता की बल्कि छेड़छाड़ भी किया। यही नहीं, कुलसचिव के कहने पर परीक्षा नियंत्रक डॉ. अमित कुमार राय, प्रोफेसर हिमांशू शेखर झा और डॉ. अरविंद कुमार सिंह ने भी अलग अलग प्रकार से प्रलोभन देकर दबाव बनाया।
पीड़िता का आरोप है कि सितंबर 2018 में उनकी नियुक्ति हुई थी। विवि में नियुक्त होने के बाद से कुलसचिव महिला पर गलत नजर रखते थे। कई बार उन्होंने करीब आने की कोशिश की और करियर खराब करने की धमकी दी। आरोपित जब अपनी मंशा में सफल नहीं हुए तो अपने साथियों का सहारा लिया। अन्य आरोपित महिला पर कुलसचिव की बात मान लेने का दबाव बनाते थे। आरोप है कि दो जनवरी को डायनिंग हाल में पीड़िता को अकेला देखकर कुलसचिव ने उसे पीछे से पकड़ लिया। किसी तरह पीड़िता आरोपित के चंगुल से छूटकर बाहर निकली।
पीड़िता ने कुलपति को पत्र लिखकर पूरे मामले की जानकारी दी और कार्रवाई की मांग की। पीड़िता का कहना है कि आरोपितों के दबाच में विवि प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। यही नहीं, उल्टा पीड़िता को ही गलत बता दिया। परेशान होकर पीड़िता ने पारा थाने में शिकायत की, जिसके बाद पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की है। इस संबंध में परीक्षा नियंत्रक डा. अमित कुमार राय का कहना है कि महिला की ओर से लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं। महिला के खिलाफ जांच चल रही है, जिसे प्रभावित करने के लिए उसने झूठा मुकदमा लिखवाया गया है। पूरे मामले की निष्पक्षता से जांच होगी तो सारी सच्चाई उजागर हो जाएगी।