गढ़वाल और कुमाऊं में बनेंगे स्पिरिचुअल इकोनॉमिक ज़ोन, मुख्यमंत्री धामी ने की बड़ी घोषणा

मुख्यमंत्री ने बताया कि इन जोन्स के माध्यम से राज्य में रोजगार सृजन को भी गति मिलेगी, जिससे पर्वतीय क्षेत्रों से हो रहे पलायन पर अंकुश लगेगा.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को 11वें अंतरराष्ट्रीय येग दिवस के अवसर पर भराड़ीसैंण में आयोजित कार्यक्रम के दौरान प्रदेशवासियों को एक महत्वपूर्ण सौगात दी। उन्होंनें ‘हर घर योग, हर जन निरोग’ का संदेश देते हुए घोषणा की कि गढ़वाल और कुमाऊं मंडलों में एक-एक स्पिरिचुअल इकोनॅामिक जोन स्थापित किए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने बताया कि इन जोन को केंद्र सरकार के सहयोग से विकसित किया जाएगा, जिनका उद्देश्य उत्तराखंड को आयुर्वेद, योग और आध्यात्मिक पर्यटन के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करना है। यह पहल राज्य में न केवल स्वास्थ्य और पर्यटन को बढ़ावा देगी, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित करेगी। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड की आध्यात्मिक विरासत और प्राकृतिक वातावरण इस योग एवं वेलनेस के लिए एक आदर्श स्थान बनाते है, और सरकार इस क्षमता का पूर्ण उपयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है।

मुख्यमंत्री ने ‘हर घर योग, हर जन निरोग’ का संदेश देते हुए कहा कि केंद्र सरकार के सहयोग से गढ़वाल और कुमाऊं मंडलों में एक-एक स्पिरिचुअल इकोनॉमिक जोन स्थापित किए जाएंगे. इन क्षेत्रों को आयुर्वेद, योग और आध्यात्मिक पर्यटन के अंतरराष्ट्रीय केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा.

योग से जुड़ेगी अर्थव्यवस्था, रुकेगा पलायन
मुख्यमंत्री ने बताया कि इन जोन्स के माध्यम से राज्य में रोजगार सृजन को भी गति मिलेगी, जिससे पर्वतीय क्षेत्रों से हो रहे पलायन पर अंकुश लगेगा. उन्होंने कहा कि दो नए आधुनिक नगर बसाए जाएंगे जो वेलनेस और योग उद्योग के वैश्विक हब बनेंगे. दुनिया भर से योग-प्रशिक्षक, आयुर्वेदिक संस्थान और आध्यात्मिक गुरु यहां आमंत्रित किए जाएंगे.

20 लाख तक सब्सिडी, 10 लाख तक रिसर्च ग्रांट
नई योग नीति के तहत प्रदेश में योग एवं ध्यान केंद्रों की स्थापना पर 20 लाख रुपए तक की सब्सिडी मिलेगी और योग या प्राकृतिक चिकित्सा से संबंधित शोध को 10 लाख तक का अनुदान मिलेगा. मार्च 2026 तक सभी आयुष हेल्थ वेलनेस सेंटरों में योग सेवाएं सुनिश्चित की जाएंगी और 2030 तक 5 नए योग हब विकसित किए जाएंगे.

विश्व भर के प्रतिनिधियों ने किया प्रतिभाग
इस विशेष अवसर पर मेक्सिको, नेपाल, फिजी, मंगोलिया, सूरीनाम, लातविया, श्रीलंका और रूस सहित 8 देशों के राजनयिकों और प्रतिनिधियों ने भाग लिया और मुख्यमंत्री के साथ मिलकर सामूहिक योग किया. इस आयोजन में योग गुरु पद्मश्री स्वामी भारत भूषण की भी मौजूद थे.

मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों से की मुलाकात
कार्यक्रम से पहले मुख्यमंत्री स्थानीय छात्रों और नागरिकों से संवाद करने पहुंचे. छात्रों के साथ उनकी बातचीत में ऊर्जा और उत्साह देखने को मिला. उन्होंने युवाओं से कहा कि योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं और स्वस्थ जीवन की ओर कदम बढ़ाएं.

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि योग केवल व्यायाम नहीं, बल्कि जीवन का दर्शन है, जिसने दुनिया को जाति, धर्म और सीमाओं से परे एक सूत्र में बांधने का काम किया है. यह वैश्विक एकता और मानवता का सबसे शक्तिशाली सेतु बन चुका है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए कहा कि उनके प्रयासों से आज योग विश्व मंच पर ग्लोबल हेल्थ और कनेक्टिविटी का प्रतीक बन चुका है.

भराड़ीसैंण संस्कृति और प्रकृति का मिलन स्थल
मुख्यमंत्री ने भराड़ीसैंण को उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत और प्राकृतिक सौंदर्य का केंद्र बताया. उन्होंने कहा कि यह स्थल अब योग, अध्यात्म और नीति निर्माण की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.

विशेष उपस्थिति में शामिल प्रमुख हस्तियां
कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, भारत में मैक्सिको के राजदूत फेडेरिको सालास, नेपाल के राजदूत डॉ. शंकर प्रसाद शर्मा, फिजी, मंगोलिया, रूस, लातविया, श्रीलंका और सूरिनाम के राजनयिक, चमोली के डीएम संदीप तिवारी, एसपी सर्वेश पंवार समेत कई प्रशासनिक अधिकारी और हजारों प्रतिभागी मौजूद रहे.

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