फिर टला BMC चुनाव, वार्ड स्ट्रक्चर पर अटकी प्रक्रिया- विपक्ष ने सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना UBT के प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा कि, सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि 4 महीने में बीएमसी चुनाव करवाने हैं, लेकिन सरकार कह रही है कि वार्ड बनाने में इन्हें दिक्कत हो रही है यानी सुप्रीम कोर्ट का भी अपमान किया जा रहा है.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः देश की सबसे अमीर महानगरपालिका (BMC)के चुनाव को लेकर एक बार फिर से संशय की स्थिति बन गई है। चुनाव की तारीख को लेकर लगातार टालमटोल हो रही है और अब एक बार फिर चुनाव स्थगित कर दिए गए हैं। सरकार ने वार्ड स्ट्रक्चर तैयार करने की समय सीमा बढ़ा दी है, जिस पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।

नवंबर या दिसंबर में हो सकते हैं चुनाव
समय सीमा बढ़ने के कारण अब बीएमसी चुनाव नवंबर या दिसंबर 2025 में होने की संभावना जताई जा रही है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव प्रकिया को लेकर चार महीने की डेडलाइन तय की थी, लेकिन अब वह अवधि भी निकल चुकी है। उद्धव ठाकरे की पार्टी
शिवसेना UBT के प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा कि, सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि 4 महीने में बीएमसी चुनाव करवाने हैं, लेकिन सरकार कह रही है कि वार्ड बनाने में इन्हें दिक्कत हो रही है यानी सुप्रीम कोर्ट का भी अपमान किया जा रहा है.

उन्होंने कहा, ”इतनी देरी लग रही है, जिसका मतलब है कि चुनाव 2026 में होगा, लोगों को दिक्कत हो रही है. ना नाले साफ हो रहे हैं और सड़कों पर गड्ढे हैं. इसका जिम्मेदार कौन है? सरकार स्पष्ट करे कि अगर वह चुनाव नहीं करवा सकती तो हम दोबारा कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे.”

बीजेपी ने क्या कहा?

हीं बीजेपी नेता और विधान परिषद नेता प्रसाद लाड ने कहा, ”अगर वार्ड परिसीमन की प्रक्रिया अगस्त तक पूरी हो जाती है तो बीएमसी चुनाव की घोषणा भी अगस्त तक संभव है. ऐसे में मुंबईकरों को अक्टूबर या नवंबर में अपने पार्षदों को चुनने का मौका मिल सकता है. राज्य सरकार का दावा है कि सीमांकन प्रक्रिया अब अंतिम चरण में है और समय सीमा के भीतर पूरी करने की कोशिश जारी है.”

बीएमसी चुनाव को तारीख पर तारीख मिलने के मुख्य कारण :
1) महाराष्ट्र सरकार ने A, B और C श्रेणी की महानगरपालिकाओं के वार्ड सीमांकन की अंतिम तारीख 4 सितंबर से बढ़ाकर 6
अक्टूबर कर दी है, जबकि D श्रेणी के लिए यह 19 अक्टूबर तय की है .

2) सीमांकन पूरी तरह से 2011 की जनगणना के आंकड़ों के आधार पर किया जाएगा, ना कि वर्तमान मतदाता संख्या या आबादी के अनुसार.

3) बीएमसी समेत राज्य की अन्य महानगरपालिकाओं के चुनाव दिवाली के बाद, नवंबर के अंत या दिसंबर की शुरुआत में होने की संभावना है .

4) हर वार्ड की औसत जनसंख्या, बीएमसी की कुल जनसंख्या को 227 सीटों में बांटकर निर्धारित की जाएगी .

5) नगर विकास विभाग ने सभी नगर आयुक्तों को निर्देश जारी किए हैं कि तय समय सीमा में ड्राफ्ट सीमांकन तैयार कर प्रस्तुत करें.

6) बीएमसी अधिकारियों का कहना है कि इस प्रक्रिया में केवल एक महीने की देरी होगी, इससे ज्यादा चुनाव टलने की संभावना नहीं है.

7) राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि बीएमसी में वार्डों की संख्या 227 ही रहेगी; महाविकास आघाड़ी सरकार द्वारा प्रस्तावित 236 वार्डों का निर्णय रद्द कर दिया गया है.

8) नगरपालिका परिषदों के लिए ड्राफ्ट जमा करने की अंतिम तिथि 30 सितंबर रखी गई है.

9) मानसून के दौरान चुनाव की तैयारी का भी वक्त नहीं मिलता है जिसके चलते चुनाव की संभावना और खींच जाती है .

आपको बता दें कि बीएमसी में वार्डों की संख्या 227 ही रहेगी, बदलाव सिर्फ वार्ड के सीमा क्षेत्र को लेकर किया जाएगा, यानी पहले जो वार्ड किसी और में आते थे अब किसी और में शामिल हो सकते हैं, लेकिन संख्या उतनी ही रहेगी. फिलहाल देखना होगा कि आखिर बीएमसी चुनाव का मुहूर्त कब बनता है .

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