युद्धविराम के बाद भी ईरान में मोसाद का गुप्त मिशन जारी, वाजा की कोशिशें नाकाम

ईरान का दावा है कि इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद और अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA के खिलाफ अभियान शुरू किया गया. ये जंग अब भी जारी है और भविष्य में जारी रहेगी क्योंकि युद्धविराम के बाद भी मोसाद और ईरानी खुफिया एजेंसी के बीच जंग चल रही है.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः ईरान और इजराइल के बीच हालिया सैन्य संघर्ष तो थम गया है, लेकिन दोनों देशों के बीच दुश्मनी की आग अब भी सुलग रही है। इजराइल के लिए ईरान आज भी सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है।

युद्धविराम के बावजूद इजराइली खुफिया एजेंसी मोसाद का ईरान के भीतर गुप्त मिशन जारी है। मोसाद प्रमुख ने इस मिशन की पुष्टि करते हुए ईरान को खुली चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि इजराइल अब भी ईरान पर पैनी नजर रखे हुए है और समय आने पर उसे सबक सिखाने से पीछे नहीं हटेगा।

मोसाद प्रमुख के अनुसार, हालिया टकराव में इजराइल को हर मोर्चे पर बढ़त मोसाद की खुफिया रणनीतियों की वजहसे मिली। उन्होंने दावा किया कि इजराइल, ईरान से दो कदम आगे रहा और इसके पीछे एजेंसी की मजबूत जासूसी नेटवर्क की अहम भूमिका रही। हालांकि युद्ध के मैदान में शांति है, लेकिन जासूसी ऑपरेशन का सिलसिला अभी थमा नहीं है। जानकारों का मानना है कि इजराइल का यह रूख दर्शाता है कि अब लड़ाई बारूद से नहीं, बल्कि सूचना, नेटवर्क और रणनीति से लड़ी जाएगी।

एजेंट्स के लिए ईरान सुरक्षित जगह- मोसाद
ईरान का दावा है कि इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद और अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA के खिलाफ अभियान शुरू किया गया. ये जंग अब भी जारी है और भविष्य में जारी रहेगी क्योंकि युद्धविराम के बाद भी मोसाद और ईरानी खुफिया एजेंसी के बीच जंग चल रही है. जंग तय है क्योंकि इसका ऐलान खुद मोसाद प्रमुख ने किया है. मोसाद के हेड डेविड बर्निया अपनी टीम की तारीफ की है. ईरान ऑपरेशन में कामयाबी को ‘अकल्पनीय’ बताया है. कई सालों तक मोसाद के लिए ईरान एक सुरक्षित जगह है.

मोसाद प्रमुख की यही बात खामेनेई और ईरान की खुफिया एजेंसी के लिए बड़ी चुनौती है. मोसाद प्रमुख अपने एजेंट्स के लिए ईरान को एक सुरक्षित जगह बता रहे हैं, जिसका मतलब है कि ईरान मोसाद के नेटवर्क को खत्म करने की कुव्वत नहीं रखता है. ईरान की खुफिया एजेंसी VAAJA का अभियान अधूरा रहेगा. मोसाद जब चाहे ईरान के किसी भी कोने में ऑपरेशन चला सकता है.

मोसाद के नेटवर्क की हो रही खोज
दूसरी तरफ ईरान की खुफिया एजेंसी VAAJA ने पूरा जोर लगा दिया है. ईरान में मोसाद के नेटवर्क को खंगाला जा रहा है. ताबड़तोड़ गिरफ्तारियां हो रही हैं. ईरान में अब तक 700 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. 3 लोगों को ईरान में फांसी की सजा दी गई है. ईरान में युद्धविराम के बाद भी छापेमारी की जा रही है. ईरान से आ रही रिपोर्ट के मुताबिक, मोसाद से जुड़े लोगों के पकड़े जाने के बाद कई सुराग मिले हैं, जिसके बाद से छापेमारी जारी है और कई लोगों को पकड़ा जा चुका है.

इजराइल की तरफ से एक वीडियो जारी किया गया है. वीडियो में दावा है कि ईरान के भीतर कमांडो कार्रवाई भी की गई थी. वीडियो में दावा है कि इसी तरह से ईरान में बैलिस्टिक मिसाइल अड्डों को तबाह किया गया और एयर डिफेंस सिस्टम को निशाना बनाया गया.

ईरान लाने जा रहा है नया कानून
ईरान में मोसाद से दहशत है और मोसाद से जुड़ने वालों में डर बढ़ाने के लिए ईरान अब नया कानून लाने जा रहा है. अब ईरान में जासूसी करने और देशद्रोह करने वालों को सख्त सजा दी जाएगी. इस बीच कोशिश इजराइल में VAAJA का नेटवर्क बढ़ाने की भी है. कई रिपोर्ट्स में दावा है कि ईरान के हर विभाग में मोसाद के एजेंट हैं. सीनियर पद पर मोसाइल के जासूस बैठे हैं. ईरान की सेना में भी मोसाद की घुसपैठ है. लेडी जासूसों के जरिए हर अफसर पर नजर है.

VAAJA की कोशिश है कि मोसाद के इसी नेटवर्क को कमजोर किया जाए. पिछले दिनों सर्च अभियान के दौरान खुलासा हुआ था कि तस्करी के जरिए ड्रोन के हिस्से ईरान में मंगवाए गए और ईरान के भीतर मोसाद के एजेंट कई सीक्रेट फैक्ट्री बना चुके हैं जहां ड्रोन को तैयार किया गया इसलिए ईरानी खुफिया एजेंसी की नजर अब ऐसे तस्करी रूट पर भी है. ईरान की सभी छोटी बड़ी फैक्ट्री की डिटेल निकाली जा रही है. खासतौर से ईरान के लोगों को खास सचेत रहने का अभियान चलाया जा रहा है.

ईरान में वाहनों को बेचने और किराए पर देने को लेकर भी नियम सख्त किए जा रहे हैं. निश्चित तौर पर मोसाद ईरान की खुफिया एजेंसी से दो कदम आगे चल रहा है, लेकिन अब ईरानी खुफिया एजेंसी VAJA भी लगातार अपनी ताकत बढ़ा रहा है. VAJA ने इजराइल में नेटवर्क बढ़ाने पर जोर दिया है. VAJA भी मोसाद के तरीके से सरकारी विभागों में घुसपैठ की कोशिश रहा है. VAJA के स्लीपर सेल को एक्टिव करने के बाद अब उन्हें मिशन सौंपे जा रहे हैं. ईरान के लिए सबसे बड़ी चुनौती अपनी सेना और सीक्रेट ठिकानों की सुरक्षा है. ईरान अब तक सिर्फ अपने दुश्मनों से निपटने की रणनीति तैयार कर रहा था लेकिन अब ईरान को एहसास हो चुका है कि अब देश में मौजूद जासूसों के नेटवर्क से भी उसे मुकाबला करना होगा.

Related Articles

Back to top button