पुरी के गुंडिचा मंदिर में भगदड़ से मची अफरा-तफरी, 3 श्रद्धालुओं की मौत, इतने घायल
परिजनों का कहना है कि यह घटना पुलिस प्रशासन की लापरवाही की वजह से हुई है.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः ओडिशा के पुरी स्थित गुंडिचा मंदिर में रविवार तड़के भीड़ के अचानक बेकाबू हो जाने से अफरा-तफरी मच गई। इस दौरान हुई भगदड़ में 3 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई और 6 श्रद्धालु घायल हो गए हैं। यह घटना रविवार सुबह करीब 4 से 5 बजे के बीच हुई। मृतकों के परिजनों का कहना है कि पुलिस प्रशासन की लापरवाही की वजह से यह हादसा हुआ है।
ओडिशा के पुरी के गुंडिचा मंदिर में भीड़ के अचानक बेकाबू होने से लोगों के बीच अफरा-तफरी मच गई. इस भगदड़ में 3 लोगों की मौत हो गई और 6 लोग घायल हो गए हैं. मृतकों के परिजनों के बीच दुख का माहौल है. परिजनों का कहना है कि यह घटना पुलिस प्रशासन की लापरवाही की वजह से हुई है. मृतक की पहचान प्रेमकांत मोहंती (80), बसंती साहू (36) और प्रभाती दास (42) के रूप में हुई है. बताया जा रहा है कि घटना सुबह करीब 4 से 5 बजे के बीच की है. लोगों का कहना कि निकास द्वार की समस्या की वजह से यह स्थिति उत्पन्न हुई है.
#WATCH | Puri, Odisha: Swadhin Kumar Panda, a resident of Puri, says, "I was there near the temple till 2-3 am last night, but the management was not good. A new way was made for VIPs, and common people were asked to exit from a distance. People started exiting from the entrance… https://t.co/jFE36gLDfu pic.twitter.com/6Ln6348Eoy
— ANI (@ANI) June 29, 2025
प्रत्यक्षदर्शी ने बताया आंखों देखा हाल
पुरी के रहने वाले स्वाधीन कुमार पंडा ने वहां का आंखों देखा हाल बयां किया. उन्होंने बताया कि मैं कल रात 2-3 बजे तक मंदिर के पास ही था. वहां साफ पता चलता था कि पुलिस प्रशासन ने प्रबंधन ठीक से नहीं किया था. उन्होंने कहा कि मंदिर में दो प्रवेश द्वार थे, जिनमें से एक से लोग प्रवेश करते थे और दूसरे से बाहर निकलते थे. उन्होंने बताया, लेकिन प्रवेश द्वार को वीआईपी के लिए नया रास्ता बनाया गया था और आम लोगों को बाहर निकलने के लिए कोई दूर का रास्ता बताया गया. दूरी की वजह से लोग प्रवेश द्वार से ही बाहर निकलने लगे, जिससे वहां भीड़ बढ़ गई और यह भयावह घटना हो गई.
Puri, Odisha: A man who lost his wife in the stampede says, "When this incident happened, no one responded, neither the fire officials, nor the rescue team, nor the hospital team. This is a pathetic incident that cannot be expressed…" https://t.co/jFE36gLDfu pic.twitter.com/jDnfPfE7zR
— ANI (@ANI) June 29, 2025
उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन ने लापरवही बरती है. यहां कि यातायात व्यवस्था भी ठीक नहीं थी, क्योंकि मंदिर के पास कई गाड़ियां आ गईं और गाड़ियों का जमामवाड़ा लग गया. उन्होंने कहा कि प्रशासन ने भीड़ को ठीक से नियंत्रित नहीं किया. अगर प्रशासन चाहता तो यह दुर्घटना टाली जा सकती थी. उन्होंने बताया की सबसे बड़ी समस्या निकास द्वार की थी.
मृतक के पती ने खोली पुलिस प्रशासन की कलई
भगदड़ में अपनी पत्नी को खोने वाले एक व्यक्ति ने पुलिस-प्रशासन की व्यवस्था की कलई खोलते हुए कहा कि जब यह घटना हुई, तो पुलिस या किसी अन्य अधिकारी की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं की गई. उन्होंने कहा कि न ही अग्निशमन अधिकारियों ने, न ही बचाव दल ने और न ही अस्पताल की टीम ने, इनमें से किसी ने भी कोई एक्शन नहीं लिया. उन्होंने अपनी पत्नी की मौत पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि यह एक दयनीय घटना है जिसे व्यक्त नहीं किया जा सकता.
राज्य कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने भगदड़ में मारे गए लोगों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की. ओड़िशा सरकार ने इस घटना को संज्ञान में लेते हुए तत्काल कार्रवाई और उच्च स्तरीय जांच का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि हम जल्द से जल्द इस घटना के वास्तविक कारणों का पता लगाएं और इस घटना के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई करेंगे.



