CM मोहन यादव के काफिले में पानी मिला ईंधन, रतलाम के पेट्रोल पंप संचालक पर FIR, प्रदेशभर में जांच के आदेश

रतलाम के 'शक्ति फ्यूल पॉइंट' पेट्रोल पंप से कई वाहनों में ईंधन भरवाया गया, लेकिन डीजल में पानी की मिलावट के कारण सभी गाड़ियां रास्ते में बंद हो गईं।

4पीएम न्यूज नेटवर्कः रतलाम के ‘शक्ति फ्यूल पॉइंट’ पेट्रोल पंप से कई वाहनों में ईंधन भरवाया गया, लेकिन डीजल में पानी की मिलावट के कारण सभी गाड़ियां रास्ते में बंद हो गईं। सबसे बड़ी बात यह रही कि इस डीजल से मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के काफिले की गाड़ियां भी प्रभावित हुईं और उन्हें धक्का देकर सड़क किनारे खड़ा करना पड़ा।

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के काफिले में शामिल गाड़ियों में पेट्रोल-डीजल में पानी मिलाकर डाले जाने के मामले में राज्य सरकार ने कार्रवाई करते हुए रतलाम स्थित ‘शक्ति फ्यूल पॉइंट’ के संचालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. इस बीच राज्य के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने प्रदेश के सभी पेट्रोल पंप की गहन जांच कराने के निर्देश दे दिए हैं.

गोविंद सिंह ने रतलाम में हुई घटना पर संज्ञान लेते हुए कहा कि उपभोक्ताओं को हर हाल में गुणवत्तायुक्त पेट्रोल और डीजल उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए. उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को ऑयल कंपनियों के साथ बैठक कर जरूरी कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए.

खाद्य विभाग के अधिकारियों मे की जांच
पिछले दिनों रतलाम के डोसीगांव (26 जून) में कई गाड़ियों में भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के पेट्रोल पंप शक्ति फ्यूल पॉइंट डोसीगांव से ईंधन भरवाया गया था. लेकिन डीजल में पानी होने से गाड़ी बंद हो गई. सीएम मोहन के काफिले के सभी गाड़ी खराब हो गए और उन्हें धक्का देकर सड़क के किनारे खड़ा करना पड़ा था. इस घटना ने तूल पकड़ लिया. रतलाम जिले के खाद्य विभाग के अधिकारियों की ओर से पेट्रोल पंप की तत्काल ही जांच की गई. बीपीसीएल ने अपनी सफाई में कहा कि जिले में असामान्य भारी बारिश की वजह से रतलाम में उसके पेट्रोल पंप पर ईंधन भंडारण टैंकों में पानी घुस गया था जिसकी वजह से यह समस्या हुई.

इंदौर भेजे गए पंप के सैंपल
जांच के दौरान पेट्रोल और डीजल के सैंपल लेकर बीपीसीएल के इंदौर स्थित मांगलिया लैब भेजा गया. इस प्रकरण में मोटर स्पिरिट एंड हाई स्पीड डीजल (रेगुलेशन ऑफ सप्लाई, डिस्ट्रिब्यूशन एंड प्रिवेंशन ऑफ मालप्रैक्टिसेस) ऑर्डर 2005 (Motor Spirit and High Speed Diesel (Regulation of Supply, Distribution and Prevention of Malpractices) Order 2005) के प्रावधानों के तहत दोषी पंप संचालक के विरुद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 377 के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई है.

यही नहीं पेट्रोल पंप पर मौजूद पेट्रोल (5995 लीटर) और डीजल (10657 लीटर) जब्त कर पंप को सील कर दिया गया है. खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण की अपर मुख्य सचिव रश्मि अरुण शमी ने इस घटना के परिपेक्ष्य में 27 जून को ही इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड के अधिकारियों के साथ बैठक की. उन्होंने बीपीसीएल को घटना के संबंध में जल्द विस्तृत जांच रिपोर्ट देने को कहा.

बारिश के सीजन को देखते हुए ऑयल कंपनियों को मध्य प्रदेश के समस्त पेट्रोल पंपों का निर्धारित चेकलिस्ट अनुसार निरीक्षण किए जाने के निर्देश दिए गए. रश्मि शमी ने कहा कि निरीक्षण के दौरान यह जांच की जाएगी कि पेट्रोल पंपों के भूमिगत टैंकों में कहीं पानी का रिसाव तो नहीं हो रहा है. यदि ऐसा पाया जाता है तो पानी के रिसाव को रोकने संबंधी और उपभोक्ताओं को सही गुणवत्ता का डीजल और पेट्रोल देने को लेकर उचित कार्रवाई करें. बैठक में यह भी निर्देश दिया गया कि हर पेट्रोल पंप की जांच की जाए, और रोजाना होने वाली और समय-समय पर किए जाने वाले नियमित निरीक्षणों की जांच रिपोर्ट ऑनलाईन दर्ज की जाए.

रश्मि शमी ने सभी जिलाधिकारियों को यह निर्देश भी दिया कि वे अपने क्षेत्र में आने वाले सभी पेट्रोल पंप की खाद्य, राजस्व, नापतौल एवं ऑयल कंपनी के अधिकारियों का दल बनाकर जांच कराएं. जांच में पेट्रोल पंपों के भूमिगत टैंकों में किसी प्रकार का जल रिसाव रोकने और पेट्रोल पंप के नोजल से सही गुणवत्ता का डीजल तथा पेट्रोल प्रदाय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए.

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