सत्यपाल मलिक ने किसानों को लेकर कही बड़ी बात कहा, मुलाकात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बहुत ही “अहंकार” में थे
Satyapal Malik said a big thing about the farmers, Prime Minister Narendra Modi was very "arrogant" in the meeting
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
दिल्ली। मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने रविवार को सरकार और भाजपा नेतृत्व पर अपना आक्रामक रुख जारी रखा। उन्होंने केंद्र पर हमला करते हुए आरोप लगाया कि जब किसानों के विरोध प्रदर्शन पर चर्चा करने के लिए उनकी मुलाकात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुई तो वह “अहंकार” में थे। उन्होंने कहा कि पीएम के साथ उनकी बहस भी हो गई थी।
हरियाणा के दादरी में एक सामाजिक समारोह को संबोधित करते हुए सत्यपाल मलिक ने कहा, “मैं जब किसानों के मामले में प्रधानमंत्री जी से मिला तो मेरी पांच मिनट में ही उनसे लड़ाई हो गई। वो बहुत घमंड में थे। जब मैंने उनसे कहा, हमारे 500 लोग मर गए, तो उन्होंने कहा, मेरे लिए मरे हैं? मैंने कहा आपके लिए ही तो मरे थे, क्योंकि आप राजा जो बने हुए हो, इसको लेकर मेरा उनसे झगड़ा हो गया।” मलिक ने आगे कहा कि पीएम ने कहा अब आप अमित शाह से मिल लो। जिसके बाद मैं अमित शाह से मिला।
सत्यपाल मलिक ने किसानों को लेकर मोदीजी की सोच को बेनक़ाब कर दिया है। शहीद किसानों के बारे में पूछे जाने पर इतना संवेदनहीन बयान देने वाला व्यक्ति प्रधानमंत्री पद पर रहने लायक नहीं है।
यह शर्म और चिंता की बात है। pic.twitter.com/n3pCJHQfjP
— Lalan Kumar (@LalanKumarINC) January 3, 2022
बाद में, दादरी में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए मलिक से कृषि कानूनों को समाप्त करने को लेकर सरकार के फैसले पर राय मांगी गई तो उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री ने जो कहा उसके अलावा और क्या कह सकते थे। हमें (किसानों को) फैसला लेना चाहिए। हमें कुछ ऐसा करने के बजाय एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी पाने के लिए उनकी मदद लेनी चाहिए।
MSP पर कानून बने: उन्होंने कहा कि “अभी भी मुद्दे लंबित हैं। जैसे किसानों के खिलाफ मामले। सरकार को उन मामलों को वापस लेने की जरूरत है। इसी तरह एमएसपी पर कानून बनाए जाने की जरूरत है।”
आपको बता दें कि सत्यपाल मलिक इससे पहले भी कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार पर कई बार बयान दे चुके हैं। नवंबर में, जयपुर में बोलते हुए उन्होंने कहा था कि केंद्र को अंततः किसानों की मांगों को मानना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि जब भी वह किसानों के मुद्दे पर बोलते हैं, तो उन्हें कुछ हफ़्ते के लिए आशंका होती है कि उन्हें दिल्ली से फोन आ सकता है।